भारत में सुप्रीम कोर्ट के जज की चयन प्रक्रिया क्या है?

Dec 4, 2020, 19:12 IST

भारत का सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में स्थित है. यह संविधान की व्याख्या करने और राष्ट्रीय कानून के प्रेक्षों का निर्णय लेने के लिए अंतिम न्यायिक प्राधिकरण है. परन्तु क्या आप जानतें हैं कि भारत में सुप्रीम कोर्ट के जज की चयन प्रक्रिया क्या है, कैसे जज को नियुक्त किया जाता है, इसके लिए किन योग्यताओं का होना अनिवार्य है, किस प्रकार से उनको हटाया जा सकता है, ऊनके पास क्या पॉवर होती हैं इत्यादि के बारे में आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

Procedure of appointment of Supreme Court Judges in India
Procedure of appointment of Supreme Court Judges in India

28 जनवरी 1950 को संविधान अपनाने के बाद भारत का सुप्रीम कोर्ट बनाया गया था. हम आपको बता दें कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 141 में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा घोषित कानून भारत के क्षेत्र के भीतर सभी न्यायालयों पर बाध्यकारी होगा. यह भारत का सर्वोच्च न्यायालय है और नई दिल्ली में स्थित है.

यह संविधान की व्याख्या करने और राष्ट्रीय कानून के प्रेक्षों का निर्णय लेने के लिए अंतिम न्यायिक प्राधिकरण है. सुप्रीम कोर्ट को कानून के शासन के आवेदन को सुनिश्चित करने के लिए न्यायिक समीक्षा की शक्ति के साथ भी निहित किया गया है. परन्तु क्या आप जानतें हैं कि सुप्रीम कोर्ट के जज की नियुक्ति या चयन की प्रक्रिया क्या है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

सुप्रीम कोर्ट के जज को कैसे नियुक्त किया जाता है

भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय संविधान के अधिनियम संख्या 124 के दूसरे सेक्शन के अंतर्गत होती है. क्या आप जानते हैं कि यह पद भारतीय गणतंत्र का सबसे ऊँचा न्यायिक पद है. संविधान में 30 न्यायाधीश तथा 1 मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति का प्रावधान है.

सर्वोच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के परामर्शानुसार की जाती है. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इस प्रसंग में राष्ट्रपति को परामर्श देने से पूर्व अनिवार्य रूप से चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों के समूह से परामर्श प्राप्त करते हैं तथा इस समूह से प्राप्त परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति को परामर्श देते हैं.

नोट: अनुच्छेद 124[2] के अनुसार मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते समय राष्ट्रपति अपनी इच्छानुसार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सलाह लेगा. वहीं अन्य जजों की नियुक्ति के समय उसे अनिवार्य रूप से मुख्य न्यायाधीश की सलाह मानना अनिवार्य होगा.

इस प्रक्रिया को लेकर कुछ अन्य तथ्य:

- सर्वोच्च न्यायालय के भावी मुख्य न्यायाधीश को तात्कालिक समय में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जजों में होना अनिवार्य होता है. साथ ही पुराने मुख्य न्यायाधीश के सेवा निव्रत और नये मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के समय भारत के कानून मंत्री तथा जस्टिस और कंपनी अफेयर्स का उपस्थित होना भी अनिवार्य होता है.

- क्या आप जानते हैं कि यदि किसी भी तरह से कोई मुख्य न्यायाधीश अपने पद की गरिमा को बनाए रखने में नाकामयाब होता है अथवा इस विषय में कोई संदेह होता है तो, पैनल के बाकी जजों के परामर्श के साथ संविधान के 124 (2) अधिनियम के तहत नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की जायेगी.

- मुख्य न्यायाधीश के चयन के बाद जस्टिस अफेयर्स और कानून मंत्री सारा ब्यौरा भारत के तात्कालिक प्रधानमंत्री के हाथ सौंपते हैं. इसके बाद प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति को मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की मामले में अपनी राय देते हैं.

भारत में न्यायाधीश और मजिस्ट्रेट के बीच क्या अंतर होता है?

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए क्या योग्यताएं होती हैं:

Qualification of Supreme Court Judges in India

Source: www.livelaw.in

- व्यक्ति भारत का नागरिक हो.

- कम से कम पांच साल के लिए उच्च न्यायालय का न्यायाधीश या दो से अधिक न्यायालयों में लगातार कम से कम पांच वर्षों तक न्यायाधीश के रूप में कार्य कर चुका हो.

- किसी उच्च न्यायालय या न्यायालयों में लगातार दस वर्ष तक अधिवक्ता रह चुका हो.

- वह व्यक्ति राष्ट्रपति की राय में एक प्रतिष्ठित विधिवेक्ता होना चाहिए.

हम आपको बता दें कि न्यायाधीश के लिए सेवा का कोई निश्चित कार्यकाल नहीं है. वह 65 वर्ष की आयु के पूरा होने तक अपनी सेवा को जारी रख सकते हैं.

भारत में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के पद की रिक्तियां (Vacancy)

अनुच्छेद 124 (4) निर्धारित करता है कि न्यायाधीश का पद खाली कैसे हो सकता है:

- 65 वर्ष की आयु के पूरा होने पर सेवानिवृत्ति,

- इस्तीफा और

- महाभियोग (impeachment) के माध्यम से हटाना.

भारत में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को हटाने की क्या प्रक्रिया है:

भारत में न्यायपालिका को निर्णय लेने की आजादी दी गई है. सर्वोच न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष होती है. न्यायाधीशों को केवल महाभियोग, दुर्व्यवहार या असमर्थता के सिद्ध होने पर संसद के दोनों सदनों द्वारा दो-तिहाई बहुमत से पारित प्रस्ताव के आधार पर ही राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है.

भारत के सुप्रीम कोर्ट की कार्य और शक्तियां क्या हैं?

Powers of Supreme Court in India

Source: www.thewire.in.com

भारत में सुप्रीम कोर्ट संविधान और भूमि के कानूनों का अंतिम निर्णायक है.

- सुप्रीम कोर्ट के पास केंद्र सरकार और एक या एक से अधिक राज्यों और केंद शासित प्रदेशों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच विवादों को हल करने के लिए मूल और अन्य क्षेत्राधिकार है.

- भारत के संविधान के संरक्षक और अभिभावक के रूप में सुप्रीम कोर्ट कार्य करता है.

- सुप्रीम कोर्ट को राष्ट्रपति द्वारा संदर्भित मुद्दों पर सलाहकार निर्णयों को जारी करने का अधिकार है.

- सुप्रीम कोर्ट मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए लेख जारी कर सकता है.

- सुप्रीम कोर्ट में सशस्त्र सेवाओं को छोड़कर किसी भी अदालत से किसी भी मामले पर विशेष अपील सुनने के लिए व्यापक विवेकपूर्ण शक्तियाँ हैं.

तो अब आप जान गए होंगे कि कैसे सुप्रीम कोर्ट के जज का चयन होता है, इसके लिए क्या योग्यताएं होनी चाहिए, सुप्रीम कोर्ट के जज को कैसे हटाया जा सकता है इत्यादि.

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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