भारत में बहने वाली कुछ प्रमुख नदियों की बात करें, तो इनकी संख्या करीब 200 है। एक तरफ नदियां जहां लोगों की आस्था का केंद्र हैं, तो दूसरी तरफ यह पीने के पानी के प्रमुख स्त्रोत से लेकर कृषि के लिए अधिक महत्वपूर्ण है।
यही वजह है कि नदी किनारे भी कृषि की जाती है, जिससे सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिल सके। इसके अलावा नदियां पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूत करने में अहम भूमिका निभाती हैं। क्योंकि, इनके पास विभिन्न प्रकार के जीव-जंतुओं के रहने से जैव विविधता को भी बल मिलता है।
इन्हीं जैव विविधता का हिस्सा हैं मगरमच्छ और घड़ियाल, जो कि पानी के खतरनाक जीवों में से एक हैं। ये जीव भारत की अलग-अलग नदियों में पाए जाते हैं। हालांकि, क्या आपको पता है कि भारत की किस नदी में सबसे अधिक मगरमच्छ और घड़ियाल पाए जाते हैं। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
इस नदी में हैं सबसे अधिक मगरमच्छ और घड़ियाल
वन विभाग द्वारा करीब दो साल पहले हुई गिनती में यह पता चला था कि चंबल नदी में सबसे अधिक मगरमच्छ और घड़ियाल हैं, जिनकी कुल संख्या 2176 है। इसके लिए 14 दिनों तक नदी का सर्वे किया गया था, जिसके बाद आंकड़े जारी किए गए थे।
आपको बता दें कि चंबल नदी जानापाव पर्वत बांगचु प्वाइंट महू से निकलती है, जो कि राजस्थान से निकल मध्यप्रदेश में प्रवेश करती है। इन दोनों राज्यों में सीमा बनाने के बाद यह नदी उत्तरप्रदेश में जाकर यमुना नदी से मिल जाती है।
वहीं, यमुना नदी बाद में प्रयागराज जाकर गंगा नदी से मिल जाती है। इसके बाद गंगा नदी बाद में बांग्लादेश जाकर ब्रह्मपुत्र नदी से मिल जाती है। ऐसे में अंत में यह नदी बंगाल की खाड़ी में जाकर गिर जाती है।
इन नदियों में भी मिलते हैं मगरमच्छ और घड़ियाल
आमतौर पर घड़ियाल उस नदी में पाए जाते हैं, जो गंगा में जाकर मिल जाती हैं। सबसे अधिक घड़ियाल चंबल नदी में है और इसके बाद बिहार की गंडक नदी में सबसे अधिक घड़ियाल मिल जाएंगे।
वहीं, उत्तरप्रदेश की गिरवा नदी और उत्तराखंड की रामगंगा में घड़ियाल देखने को मिल जाएंगे। नेपाल में नारायणी और राप्ती नदी में भी घड़ियाल मिलते हैं। इसके अलावा सोन घड़ियाल अभ्यारण्य और केन घड़ियाल अभ्यारण्य में भी अधिक घड़ियाल पाए जाते हैं।
नदी किनारे जाने से बचते हैं लोग
चंबल नदी में सबसे अधिक मगरमच्छ और घड़ियाल होने की वजह से इसके आसपास रहने वाले लोग नदी किनारे जाने से बचते हैं।
दरअसल, इस नदी में रहने वाले घड़ियाल और मगरमच्छ किनारों पर भी देखे जाते हैं। वहीं, यह जीव नदी किनारे ही अंडे ही देते हैं।
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