दुनिया की सबसे लंबी अक्षांश रेखा कौन-सी है, जानें यहां

Oct 28, 2025, 13:48 IST

पृथ्वी की सबसे लंबी अक्षांश रेखा, यानी भूमध्य रेखा के बारे में जानें। इसकी लंबाई, इससे गुजरने वाले देश, यहां की जलवायु और भूगोल तथा रास्ता खोजने में इसके महत्त्व के बारे में पढ़ें।

सबसे बड़ी अक्षांश रेखा
सबसे बड़ी अक्षांश रेखा

अक्षांश रेखाएं पृथ्वी के चारों ओर खींची गई काल्पनिक क्षैतिज रेखाएं होती हैं। ये यह मापने में मदद करती हैं कि कोई स्थान भूमध्य रेखा से कितना उत्तर या दक्षिण में है। ये रेखाएं रास्ता खोजने, भूगोल और जलवायु के अध्ययन में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सभी अक्षांश रेखाओं में भूमध्य रेखा सबसे लंबी है। इसलिए, यह वैज्ञानिकों और यात्रियों दोनों के लिए एक मुख्य संदर्भ बिंदु बन जाती है।

भूमध्य रेखा क्या है?

भूमध्य रेखा 0° अक्षांश रेखा है। यह पृथ्वी को उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी गोलार्ध में बांटती है। यह सबसे चौड़ी अक्षांश रेखा है और इसे उत्तर या दक्षिण की दूरी मापने का मानक माना जाता है। भूमध्य रेखा का दुनिया भर में जलवायु, मौसम और दिन की लंबाई पर भी गहरा असर पड़ता है।

भूमध्य रेखा की लंबाई

भूमध्य रेखा अनोखी है, क्योंकि यह ग्रह पर सबसे लंबी अक्षांश रेखा है। इसकी कुल लंबाई लगभग 40,075 किलोमीटर (24,901 मील) है और यह किसी भी अन्य अक्षांश रेखा से ज्यादा चौड़ी है। जैसे-जैसे हम भूमध्य रेखा से उत्तर या दक्षिण की ओर बढ़ते हैं, अक्षांश रेखाएं धीरे-धीरे छोटी होती जाती हैं। अंत में ये ध्रुवों पर जाकर मिल जाती हैं। यही बात भूमध्य रेखा को उसके आकार और महत्त्व में खास बनाती है।

भूमध्य रेखा के पास की जलवायु

भूमध्य रेखा के पास के इलाकों में साल भर दिन और रात लगभग बराबर होते हैं। इन क्षेत्रों में आमतौर पर उष्णकटिबंधीय जलवायु होती है, जहां नमी ज्यादा होती है, घने वर्षावन पाए जाते हैं और तापमान भी लगभग एक जैसा रहता है। भूमध्य रेखा दुनिया भर के मौसम को तय करने में एक अहम भूमिका निभाती है। यह बारिश, हवा और तापमान के वितरण को प्रभावित करती है।

भूमध्य रेखा का महत्त्व

भूमध्य रेखा ग्लोब पर बनी सिर्फ एक रेखा नहीं है। यह रास्ता खोजने के लिए एक संदर्भ बिंदु का काम करती है। यह नक्शे बनाने और भूगोल से जुड़े माप लेने में मदद करती है। साथ ही, यह जलवायु और सौर अध्ययन के लिए भी बहुत जरूरी है। इसके अलावा, इस रेखा पर बसे देशों के लिए इसका सांस्कृतिक और वैज्ञानिक महत्त्व भी है। इससे यहां के अनोखे प्राकृतिक माहौल और भूमध्यरेखीय जीवन के बारे में जानकारी मिलती है।

वे देश जिनसे होकर भूमध्य रेखा गुजरती है

भूमध्य रेखा 13 देशों से होकर गुजरती है, जो दुनिया भर के कई तरह के क्षेत्रों को जोड़ती है। इन देशों में शामिल हैं:

-इक्वाडोर – इसका नाम भूमध्य रेखा पर ही रखा गया है।

-ब्राजील – यह भूमध्य रेखा के पास स्थित अमेजन वर्षावन के लिए जाना जाता है।

-केन्या – यह भूमध्यरेखीय वन्यजीवों और प्राकृतिक भंडारों के लिए मशहूर है।

-इंडोनेशिया – यहां भूमध्य रेखा पर स्थित द्वीप हैं, जिन पर उष्णकटिबंधीय वर्षावन पाए जाते हैं।

-अन्य देश – गैबॉन, कांगो, युगांडा, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, सोमालिया, मालदीव, किरिबाती, साओ टोमे और प्रिंसिपे, और कोलंबिया।

पढ़ेंःभारत की सबसे बड़ी रेल सुरंग कौन-सी है, यहां जानें

 

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News