बिहार भारत के पूर्वी भाग में स्थित एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य है। यह प्राचीन भारत के महत्त्वपूर्ण साम्राज्यों, जैसे मगध, मौर्य और गुप्त साम्राज्य का केंद्र रहा है। बिहार ने बुद्ध धर्म और जैन धर्म के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है और नालंदा तथा विक्रमशिला जैसी महान शिक्षण संस्थाओं का गढ़ रहा है।
इसके अतिरिक्त बिहार की नदियां पारिस्थितिकी रूप से अपना विशेष महत्त्व रखती हैं। इस कड़ी में क्या आप बिहार की सबसे छोटी नदी के बारे में जानते हैं, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
बिहार में कितनी नदियां बहती हैं
बिहार में 20 से अधिक प्रमुख नदियां बहती हैं, जिनमें गंगा, सोन, गंडक, कोसी और महानंदा जैसी प्रमुख नदियां हैं। यदि इन नदियों में सभी छोटी सहायक नदियों को जोड़ा जाए, तो इनकी संख्या 50 से अधिक है।
बिहार की सबसे छोटी नदी कौन-सी है
बिहार की सबसे छोटी नदी की बात करें, तो यह कर्मनाशा नदी मानी जाती है।
कितनी लंबी है नदी
कर्मनाशा नदी की कुल लंबाई केवल 192 किलोमीटर है, जिसमें से बिहार में इसकी लंबाई और प्रभाव क्षेत्र काफी कम है, जो कि सिर्फ 24 किलोमीटर है।
कहां से होता है नदी का उद्गम
कर्मनाशा नदी का उद्गम उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में कैमूर पहाड़ियों से होता है। यह बिहार के कैमूर और बक्सर जिलों से होकर बहती है। बिहार में अपना सफर पूरा करने के बाद यह गंगा में समा जाती है।
क्यों अशुभ कही जाती है यह नदी
कर्मनाशा नदी को लेकर ऐसा माना जाता है कि यह नदी राजा त्रिशंकु के श्राप के कारण बनी थी, इसलिए इसे अशुभ माना जाता है। हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं है।
उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच बनाती है सीमा
कर्मनाशा नदी उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच सीमा बनाने का काम करती है। ऐसे में इस नदी को दोनों राज्यों की सीमांत नदी भी कहा जाता है।
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