भारत कुल 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों वाला देश है, जहां की विविध संस्कृति और अनूठी परंपराएं भारत को अन्य देशों से अलग बनाती है। यही वजह है कि हर साल यहां बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी पर्यटन के लिए पहुंचते हैं।
जब बात विविधता की हो रही है, तो इसमें स्थानीय स्तर पर बोली जाने वाली अलग-अलग भाषाएं भी शामिल हैं, जो कि कुछ जगहों पर कुछ विशेष समुदायों से भी जुड़ी हुई हैं। हालांकि, देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी है, जो कि करोड़ों भारतीयों के दिलों में हैं।
इसके बाद दूसरे पायदान पर बंगाली भाषा आती है, जिसका सबसे अधिक प्रचलन है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा कौन-सी है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
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भारत में कुल कितनी भाषाओं का है प्रचलन
भारत के अलग-अलग प्रांतों को मिलाकर कुल 121 भाषाओं का प्रचलन है, जिसमें से 22 भाषाओं को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है, जो कि संविधान के 17वें भाग का हिस्सा है।
भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा
साल 2011 की जनगणना रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी है, जो कि 52 करोड़ 83 लाख लोगों की जुबान पर है, यानि भारत में 43 फीसदी से अधिक लोग हिंदी भाषा बोलते हैं।
भारत में दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा
भारत में दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा बंगाली है। इसके बोलने वाले लोगों की संख्या 9 करोड़ 72 लाख है, जो कि पूरे भारत की आबादी के संदर्भ में 8 फीसदी से अधिक है। यह भाषा मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, असम, झारखंड, त्रिपुरा और अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी बोली जाती है।
भारत में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा
भारत में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा की बात करें, तो यह मराठी है। साल 2011 की जनगणना रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में मराठी भाषा बोलने वाले लोगों की संख्या 8 करोड़ 30 लाख है, यानि यह पूरे भारत की आबादी के संदर्भ में 6 फीसदी से अधिक लोगों की जुबान पर है। मराठी एक इंडो-आर्यन भाषा है, जिसमें करीब 42 बोलियां बोली जाती हैं। इसके प्रमुख राज्यों की बात करें, तो यह महाराष्ट्र और गोवा में बोली जाती है।
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