उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के बारे में 7 रोचक तथ्य

Mar 29, 2018, 11:18 IST

उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का जन्म 21 मार्च को बिहार के डुमरांव में हुआ था. छोटी ही उम्र में उन्होंने शहनाई बजाना सीख लिया था. उनको भारत सरकार ने 2001 में भारत रत्न से सम्मानित किया था. आइये इस लेख के माध्यम से उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के बारें में 7 दिलचस्प तथ्यों को अध्ययन करते हैं.

7 Unknown facts about Ustad Bismillah Khan
7 Unknown facts about Ustad Bismillah Khan

शहनाई का जब-जब नाम आता है उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का अक्स हमारे दिल और दिमाग में उभर जाता है. बिस्मिल्लाह खान ने अपनी जिंदगी को भरपूर जिया है. वह शहनाई के जादूगर थे और इसी के कारण वह बुलंदियों तक पहुंचे. इतना नाम हासिल करने के बाद भी शहनाई का रियाज़ वह वैसे ही करते थे जैसे शुरूआती दिनों में किया करते थे. क्या आप जानते हैं कि उनको कौन सा गाना बेहद पसंद था.. वह था हमारे दिल से न जाना, धोखा न खाना...
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का जन्म 21 मार्च 1916 में बिहार के डुमरांव में हुआ था. उनके पिता भोजपुर के राजा के दरबारी संगीतकार थे. वह बहुत छोटी उम्र में ही अपने पिता पैगम्बर बख्श खान के साथ वाराणसी आकर बस गए थे. आइये इस लेख के माध्यम से उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के बारे में 7 दिलचस्प तथ्यों को अध्ययन करते हैं.
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के बारे में 7 दिलचस्प तथ्य
1. उस्ताद बिस्मिल्लाह खां साहब के नाम के पीछे अनोखी कहानी है. ऐसा कहा जाता है कि जब उनके जन्म की खबर उनके दादा जी ने सुनी तो अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हुए 'बिस्मिल्लाह' कहा और तबसे उनका नाम बिस्मिल्लाह पड़ गया. परन्तु उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का बचपन का नाम कमरूद्दीन खान बताया जाता है.
2. बिस्मिल्लाह खां साहब ने शहनाई बजाना सबसे पहले किससे सीखा? जब वह वाराणसी अपने मामा अलीबख्श 'विलायती' के घर आए तो उनसे शहनाई बजाना सीखा. अलीबख्श काशी के बाबा विश्वनाथ मन्दिर में स्थायी रूप से शहनाई-वादन किया करते थे. बहुत ही कम उम्र में उन्होंने ठुमरी, छैती, कजरी और स्वानी जैसी कई विधाओं को सीख लिया था. अपने मामा के इंतकाल के बाद उस्ताद बिस्मिल्लाह खान ने भी बरसों बाबा विश्वनाथ मंदिर में शहनाई बजाई. बाद में उन्होंने ख्याल म्यूज़िक की पढ़ाई की और कई सारे राग में निपुणता हासिल भी की.

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3. क्या आप जानते हैं कि बिस्मिल्लाह खां साहब का पहला पब्लिक परफॉर्मेंस कहां था जहां से उनको देशभर में पहचान मिली. 1937 में कोलकाता में इंडियन म्यूज़िक कॉन्फ्रेंस में उनकी परफॉर्मेंस से उन्हें देशभर में सराहा गया और वहीं से उनको पहचान मिली. उसके बाद उनको सबसे बड़ा ब्रेक 1938 में लखनऊ, ऑल इंडिया रेडियो में काम करने का मिला था. उनको पूरी दुनिया में ख्याति एडिनबर्ग म्यूज़िक फेस्टिवल में परफॉर्म करने के बाद हासिल हुई थी.

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4. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1947 में देश के आजाद होने पर लाल किले पर तिरंगा फहराने के बाद देशवासियों को बधाई देने के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान से लाल किले से शहनाई बजवाई थी. 26 जनवरी, 1950, भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर भी उन्होंने लाल किले से राग कैफी की प्रस्तुति दी थी. आजादी के बाद, महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू जैसी शख्सियतों के सामने शहनाई बजाने वाले वह पहले भारतीय शहनाई वादक बने.
5. बिस्मिल्लाह खां साहब ने कुछ हिंदी फिल्मों में भी शहनाई बजाई थी. यह  फिल्म थी "गूंज उठी शहनाई". फिर बाद में उन्होंने साउथ की कन्नड़ फिल्म में सुपरस्टार राजकुमार के लिए शहनाई बजाई थी. यह फिल्म थी 'शादी अपन्ना'.
6. क्या आप जानते हैं कि ईरान के शहर तेहरान में 1992 में एक बड़ा ऑडिटोरियम बनाया गया था और उसका नाम "तालार मौसीकी उस्ताद बिस्मिल्लाह खान" जो कि उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के नाम पर रखा गया . 1997 में भारत सरकार के आमंत्रण पर उस्ताद बिस्मिल्लाह खान ने आजादी की 50वीं वर्षगांठ पर दूसरी बार लाल किले के दीवाने-आम से शहनाई बजाई थी.
7. उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के संगीत करियर को सम्मानित करते हुए भारत सरकार ने 2001 में भारत रत्न से सम्मानित किया. उससे पहले 1980 में पद्म विभूषण, 1968 में पद्म भूषण और 1961 में पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा गया था. एम.एस. सुब्बलक्ष्मी और रवि शंकर के बाद उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले तीसरे शास्त्रीय संगीतकार थे. 21 अगस्त 2006 को 90 वर्ष की उम्र में उनका देहांत हो गया.
ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि उस्ताद बिस्मिल्लाह खान शहनाई के पर्याय हो गए हैं. जहां भी शहनाई का नाम आएगा वहां उनको याद किया जाएगा.

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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