भारत की सबसे प्रमुख फसल की बात करें, तो वह गेहूं नहीं, बल्कि चावल है। क्योंकि, भारत में इस फसल का सबसे अधिक उत्पादन होता है। देश की कृषि में इसकी कुल पैदावार 43 फीसदी के करीब है, जबकि गेहूं की पैदावार करीब 30 फीसदी है। ऐसे में चावल ही भारत की प्रमुख फसल है, जिसे रोपाई की फसल भी कहा जाता है।
वहीं, अमूमन सभी लोगों को चावल का जायका पसंद होता है, जिसे दाल समेत अन्य सब्जियों के साथ खाया जाता है। यदि चावल की कुछ प्रमुख किस्मों की बात करें, तो इसमें हम बासमती और गोल्डन सेला आदि किस्मों को जानते हैं। हालांकि, इस लेख के माध्यम से चावल की 10 किस्मों को दिया गया है, जिन्हें कम ही लोग जानते हैं। कौन-सी हैं ये किस्में, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
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बाओ धान, असम
असम के इस चावल को लाल चावल के नाम से जाना जाता है। चावल की यह किस्म फाइबर व अन्य पोषक तत्वों के साथ अनूठी स्वाद के लिए जानी जाती है।
जीरकासला, केरल
जीरकासला चावल केरल के प्रमुख चावल किस्मों में से एक है। यह चावल अपनी बेहतरीन सुगंध के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि इस चावल का इस्तेमाल यहां पर बिरयानी बनाने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही यहां विशेष आयोजनों पर इस चावल को पकाया जाता है।
-नवारा, केरल
नवारा चावल अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। यह पाचन में मदद करने के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। साथ ही त्वचा को भी बेहतर करता है। यह चावल केरल का प्रमुख चावल है, जो कि लाल चावल की किस्म का चावल है। भारत का यह चावल अपने अनूठे स्वाद के लिए भी जाना जाता है।
-गोबिंदोभोग, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल का यह चावल बंगाली समुदाय में प्रमुख चावल है, जो कि अपनी सुगंध के साथ-साथ स्वाद और मुलायम बनावट के लिए जाना जाता है। इस चावल का प्रयोग पायेश और खिचुरी बनाने में किया जाता है। बंगाल के पारंपरिक व्यंजनों में इसका उपयोग होता है।
-पटना चावल, बिहार
बिहार का यह चावल अपने पतले दाने और स्वाद के लिए जाना जाता है। इस चावल का अधिकतर प्रयोग पुलाव और बिरयानी में किया जाता है। वहीं, मुलायम बनावट के साथ यह चावल बेहतर सुगंध प्रदान करता है।
-कुल्लकर, तमिलनाडु
यह चावल तमिलनाडू का प्रमुख चावल है। इस चावल की किस्म में एंडीऑक्सीडेंट के साथ-साथ फाइबर व अन्य पोषक तत्व होते हैं। इस चावल का प्रयोग तमिल पारंपरिक व्यंजनों में किया जाता है।
-चक-हाओ, मणिपुर
चावल की यह किस्म प्रमुख रूप से मणिपुर में पाई जाती है, जिसे काला चावल के नाम से भी जाना जाता है। इस चावल की गुण की बात करें, तो इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंथिसायनिन मौजूद होता है, जिसके माध्यम से चावल को रंग मिलता है। इस चावल का प्रयोग मुख्य रूप से खीर बनाने के लिए किया जाता है।
-अंबेमोहर, महाराष्ट्र
अंबेमोहर किस्म का चावल अपनी सुगंध के लिए जाना जाता है। यह चावल प्रमुख रूप से तीखे खाने में इस्तेमाल किया जाता है। इसका सबसे अधिक उपयोग मसाला खिचड़ी में किया जाता है। अपने अनूठे स्वाद के लिए जाना जाने वाला यह चावल अपनी मुलायम बनावट के लिए भी मशहूर है। इस वजह से इसका उपयोग विशेष अवसरों पर किया जाता है।
-कालानमक, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश का यह चावल प्रदेश की प्रमुख चावलों किस्मों से एक है। इसके साथ ही यह अन्य चावलों की तुलना में महंगा भी होता है। कालानमक चावल अपने स्वाद के साथ-साथ अन्य गुणों के लिए भी जाना जाता है। मधुमेह और उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए यह चावल लाभकारी बताया जाता है। -कामिनी भोग, ओडिसा
कामिनी भोग चावल ओडिसा का प्रमुख चावल है। यह चावल विशेषरूप से खिचड़ी के लिए जाना जाता है। इसके साथ ही यह चावल अपनी सुगंध और विशिष्ट स्वाद के लिए भारत में जाना जाता है।
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