हाल ही में दिल्ली सरकार द्वारा कथित शराब घोटाले में CAG रिपोर्ट (Comptroller and Auditor General - CAG) की बात कही गई है, जिसमें पिछली सरकार पर आरोप लगाए गए हैं। इसे लेकर एक बार फिर से कैग रिपोर्ट चर्चाओं में आ गई है।
ऐसे में यह जानना जरूरी हो गया है कि आखिर कैग रिपोर्ट क्या होती है और इसे किस प्रकार तैयार किया जाता है। सामान्य ज्ञान विषय के तौर पर कैग महत्त्वपूर्ण विषयों में शामिल है।
क्या होती है कैग रिपोर्ट
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर कैग रिपोर्ट क्या होती है, तो आपको बता दें कि इस रिपोर्ट को भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General - CAG) द्वारा तैयार किया जाता है।
रिपोर्ट का प्रमुख उद्देश्य सरकारी खर्चों और वित्तीय प्रबंधन का ऑडिट (लेखा परीक्षण) करना तथा इसे संसद और विधानसभाओं में प्रस्तुत करना है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 से 151 तक कैग से जुड़े प्रावधान हैं।
CAG रिपोर्ट का प्रमुख उद्देश्य
-कैग के प्रमुख उद्देश्यों में सरकार के राजस्व और व्यय की निष्पक्ष समीक्षा करना शामिल है।
-कैग द्वारा सरकारी विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों और अन्य संस्थानों द्वारा खर्च किए गए पैसे का लेखा-जोखा भी रखा जाता है। इसके तहत यह देखा जाता है कि किस वर्ष किस मद में कितना पैसा खर्च किया गया है।
-यदि पैसों के लेनदेन में किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं, तो इसे कैग द्वारा उजागर किया जाता है।-शासित सरकार द्वारा जो भी नीतियां और योजनाएं लागू की जाती हैं, उनके प्रभाव का मूल्यांकन करना।
CAG रिपोर्ट कैसे तैयार होती है ?
अब सवाल है कि आखिर कैग रिपोर्ट किस प्रकार तैयार की जाती है, तो इसके अलग-अलग प्रकार हैंः
-सरकारी खातों का ऑडिट –कैग द्वारा केंद्र और राज्य सरकारों के वित्तीय दस्तावेजों की समीक्षा की जाती है।
-योजनाओं और परियोजनाओं का विश्लेषण – सरकार द्वारा लागू योजनाओं के क्रियान्वयन और उनकी प्रभावशीलता की जांच की जाती है।
-रिपोर्ट- ऑडिट के निष्कर्षों को एक विस्तृत रिपोर्ट के रूप में संकलित किया जाता है।
-संसद या विधानसभा में प्रस्तुत करना – यह काम सबसे अंतिम काम होता है। रिपोर्ट तैयार होने के बाद इसे लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और लोक लेखा समिति (PAC) के समक्ष रखा जाता है। लोक लेखा समिति में कुल 22 सदस्य होते हैं।
CAG रिपोर्ट के प्रमुख प्रकार
-वित्तीय रिपोर्ट – सरकारी खर्चों और बजट का विश्लेषण करना।
-प्रदर्शन ऑडिट रिपोर्ट – सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं की प्रभावशीलता का आकलन।
-अनुपालन रिपोर्ट – यह जांचती है कि सरकारी खर्चे नियमों और कानूनों के अनुरूप हैं या नहीं।
CAG रिपोर्ट के क्या रहे हैं प्रभाव
-घोटालों का खुलासा – कैग रिपोर्ट से बीते वर्षों में घोटाले भी सामने आए हैं, जिनमें 2G स्पेक्ट्रम घोटाला, कोयला घोटाला, रेलवे टेंडर घोटाला आदि शामिल है।
-नीतिगत सुधार – रिपोर्ट आने से सरकार मदद मिलती है कि वित्तीय प्रबंधन किस प्रकार करना है।
-सरकारी कामकाज में पारदर्शिता-रिपोर्ट से सरकार के कामकाज में पारदर्शिता बनती है।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation