दादा साहेब फाल्के एक अवॉर्ड जाना-माना प्रतिष्ठित अवार्ड है. आपने इसके बारे में सुना ही होगा. परन्तु क्या आप जानते हैं कि यह किसे और क्यों दिया जाता है. इसका नाम दादासाहेब फाल्के ही क्यों पड़ा? आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.
दादा साहेब फाल्के अवार्ड क्या है?
दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड भारतीय सिनेमा में सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है. ये सम्मान फिल्म उद्योग में अपना विशेष योगदान देने वाली फिल्मी दुनिया से जुड़ी हस्तियों को दिया जाता है.
दादा साहेब फाल्के कौन थे?
दादा साहेब फाल्के का जन्म 30 अप्रैल 1870 में एक मराठी परिवार में हुआ था और उन्होंने पढ़ाई नासिक से की थी.
क्या आप जानते हैं कि दादा साहेब फाल्के का पूरा नाम धुंडीराज गोविंद फाल्के था.
उन्होंने सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई में नाटक और फोटोग्राफी की ट्रेनिंग ली थी.
इसके बाद वे जर्मनी चले गए और वहां उन्होंने फिल्मों को बनाना सीखा.
जब वे भारत लौटे तो उन्होंने पहली साइलेंट फिल्म राजा हरिश्चंद्र बनाई और पूरे देश को एक नया सपना दिया. इस फिल्म को पहली पूर्णत: लम्बी भारतीय फीचर फिल्म कहा जाता है. ये ही बॉलीवुड के नाम से जाना जाता है.
रैमन मैग्सेसे पुरस्कार को जीतने वाले भारतीय
इस अवार्ड का नाम दादा साहेब फाल्के ही क्यों पड़ा?
ये अवार्ड भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला एक वार्षिक पुरस्कार है, जो भारतीय सिनेमा में किसी विशेष व्यक्ति को उसके आजीवन योगदान के लिए दिया जाता है.
दादा साहेब फाल्के अवार्ड की स्थापना वर्ष 1969 में भारतीय सिनेमा के पितामह दादा साहेब फाल्के की सौंवी जयंती के अवसर पर की गई थी.
भारत में दादा साहेब फाल्के अवार्ड 'लाइफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड' के रूप में दिया जाने वाला फिल्म क्षेत्र का सबसे प्रतिष्ठित अवार्ड है.
दादा साहेब फाल्के अवार्ड किसे दिया जाता है और इसका चयन कौन करता है?
सूचना और प्रसारण मंत्रालय राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के मौके पर दादासाहेब फाल्के पुरस्कार देता है.
यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा के संवर्धन और विकास में उल्लेखनीय योगदान करने के लिए दिया जाता है.
प्रतिष्ठित व्यक्तियों की एक समिति की सिफारिशों पर यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है.
भारत सरकार की ओर से, इस पुरस्कार में दस लाख रुपये नकद, स्वर्ण कमल और शॉल प्रदान किया जाता है.
‘दादा साहेब फाल्के अकेडमी’के द्वारा भी दादा साहेब फाल्के के नाम पर तीन पुरस्कार दिए जाते हैं, जो कि इस प्रकार हैं: फाल्के रत्न अवार्ड, फाल्के कल्पतरु अवार्ड और दादा साहेब फाल्के अकेडमी अवार्ड्स.
क्या आप जानते हैं कि वर्ष 2006 में मुंबई हाई कोर्ट ने फिल्म महोत्सव निदेशालय को निर्देश दिया कि वह इस सम्मान के लिए बिना सेंसर की हुई फिल्मों पर ही विचार करे. तब फिल्म महोत्सव निदेशालय ने सर्वोच न्यायालय में चुनौती दी और फैसला फिल्म महोत्सव निदेशालय के पक्ष में रहा. उस वर्ष पुरस्कार की घोषणा वर्ष 2008 के मध्य में की गई थी क्योंकि अदालती फैसले में देरी होने की कारण. इस प्रकार 2007 के अवार्ड की घोषणा सितम्बर, 2009 में की गई और इसी प्रकार वर्ष 2008 के अवार्ड की घोषणा 19 जनवरी, 2010 में हुई तथा वर्ष 2009 के अवार्ड की घोषणा 9 सितम्बर, 2010 को की गई.
साथ ही हम आपको बता दें कि वर्ष 2008 में दादा साहेब फाल्के अवार्ड कर्नाटक के वी. के मूर्ति को प्रदान किया गया था और वह इस पुरस्कार को पाने वाले पहले सिनेमैटोग्राफर थे.
16 फरवरी 1944 को देश के इस नवयुग निर्माता निर्देशक का देहांत हो गया था.
सबसे पहले दादा साहेब फाल्के अवार्ड किसको मिला और कब?
सबसे पहला दादा साहेब फाल्के सम्मान अभिनेत्री देविका रानी को वर्ष 1969 में दिया गया था.
साहित्य अकादमी पुरस्कार: तथ्यों पर एक नजर
दादासाहेब फाल्के अवार्ड की सूची
वर्ष | नाम | फिल्म इंडस्ट्री |
2017 | विनोद खन्ना | हिन्दी |
2016 | कसिनाथुनी विश्वनाथ | तेलुगू |
2015 | मनोज कुमार | हिन्दी |
2014 | शशि कपूर | हिन्दी |
2013 | गुलजार | हिन्दी |
2012 | प्राण | हिन्दी |
2011 | सौमित्र चटर्जी | बंगाली |
2010 | के. बालचन्दर | तमिल तेलुगू |
2009 | डी. रामानायडू | तेलुगू |
2008 | वी. के. मूर्ति | हिन्दी |
2007 | मन्ना डे | बंगाली हिन्दी |
2006 | तपन सिन्हा | बंगाली हिन्दी |
2005 | श्याम बेनेगल | हिन्दी |
2004 | अडूर गोपालकृष्णन | मलयालम |
2003 | मृणाल सेन | बंगाली |
2002 | देव आनन्द | हिन्दी |
2001 | यश चोपड़ा | हिन्दी |
2000 | आशा भोसले | हिन्दी मराठी |
1999 | ऋषिकेश मुखर्जी | हिन्दी |
1998 | बी. आर. चोपड़ा | हिन्दी |
1997 | कवि प्रदीप | हिन्दी |
1996 | शिवाजी गणेशन | तमिल |
1995 | राजकुमार | कन्नड़ |
1994 | दिलीप कुमार | हिन्दी |
1993 | मजरूह सुल्तानपुरी | हिन्दी |
1992 | भूपेन हजारिका | असमिया |
1991 | भालजी पेंढारकर | मराठी |
1990 | अक्कीनेनी नागेश्वर राव | तेलुगू |
1989 | लता मंगेशकर | हिन्दी |
मराठी | ||
1988 | अशोक कुमार | हिन्दी |
1987 | राज कपूर | हिन्दी |
1986 | बी. नागी. रेड्डी | तेलुगू |
1985 | वी. शांताराम | हिन्दी मराठी |
1984 | सत्यजीत रे | बंगाली |
1983 | दुर्गा खोटे | हिन्दी मराठी |
1982 | एल. वी. प्रसाद | हिन्दी तमिल तेलुगू |
1981 | नौशाद | हिन्दी |
1980 | पैडी जयराज | हिन्दी तेलुगू |
1979 | सोहराब मोदी | हिन्दी |
1978 | रायचन्द बोराल | बंगाली हिन्दी |
1977 | नितिन बोस | बंगाली हिन्दी |
1976 | कानन देवी | बंगाली |
1975 | धीरेन्द्रनाथ गांगुली | बंगाली |
1974 | बोम्मीरेड्डी नरसिम्हा रेड्डी | तेलुगू |
1973 | रूबी मयेर्स (सुलोचना) | हिन्दी |
1972 | पंकज मलिक | बंगाली एवं हिन्दी |
1971 | पृथ्वीराज कपूर | हिन्दी |
1970 | बीरेन्द्रनाथ सिरकर | बंगाली |
1969 | देविका रानी | हिन्दी |
तो अब आपको ज्ञात हो गया होगा कि दादा साहेब फाल्के अवार्ड क्या है, ये क्यों और किसे दिया जाता है इत्यादि.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation