Israel-Hamas War: इज़राइल ने आधिकारिक तौर पर हमास के लड़ाकों के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दिया है. हमास के हमले के बाद इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है. गाजा की ओर से 5000 से अधिक रॉकेट इज़राइल पर दागे गए.
इन मिसाइलों को रोकने में इज़राइल का आयरन डोम डिफेन्स सिस्टम पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पा रहा है. इज़राइली सेना को अपने इस डिफेन्स सिस्टम पर पूरा भरोसा था लेकिन यह उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा है. जिसने इज़राइली सेना को मुश्किल में डाल दिया है.
चलिये जानते है इज़राइल का आयरन डोम डिफेन्स सिस्टम क्या है और यह कैसे काम करता है. लेकिन इजरायल अपने इस डिफेन्स सिस्टम को 94 फीसद तक सफल मान रहा है. हमास और इज़राइल की इस लड़ाई में अभी तक 1100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. वहीं दुनिया के कई देशों ने दोनों पक्षों से सयंम बरतने की अपील की है.
आयरन डोम क्या है?
इज़राइल की आयरन डोम रक्षा प्रणाली (Iron Dome defense system) एक भूमि-आधारित रक्षा प्रणाली है जो कम दूरी के रॉकेट और मोर्टार को रोकती है और हवा में नष्ट कर देती है. यह साल 2011 की शुरुआत से ही देश की रक्षा का मुख्य आधार बना हुआ है.
40 मील क्षेत्र तक है इसकी क्षमता:
आयरन डोम रक्षा प्रणाली, बैटरियों द्वारा संचालित है जो लगभग 40 मील के भीतर फिलिस्तीनी क्षेत्रों से लॉन्च किए गए मोर्टार हमलों और रॉकेटों से बचाव कर सकती है. बैटरियों पर आधारित होने के कारण इसे कही भी आसानी से तैनात किया जा सकता है. यह सिस्टम 20 इंटरसेप्टर मिसाइलों से लैस होता है.
कैसे करता है काम?
इसमें लगा एक रडार सिस्टम आने वाले रॉकेट या मोर्टार का पता लगा लेता है, और इसे हवा में नष्ट करने के लिए नियंत्रण केंद्र के कंप्यूटर को कमांड भेजता है. साथ ही यह इस बात का पता लगाता है कि रॉकेट आबादी वाले क्षेत्रों पर हमला करने वाला है या नहीं.
इस डिफेन्स सिस्टम को तैयार करने में अमेरिका ने इजराइल को तकनीकी और आर्थिक मदद की थी. यह शॉर्ट रेंज ग्राउंड-टू-एयर, एयर डिफेंस सिस्टम है जो रॉकेट या मिसाइल को ट्रैक करके उसे नष्ट करने की क्षमता रखता है. वहीं हमास ने रॉकेट दागने की क्षमता और एक्यूरेसी को भी बेहतर किया है जिसने इज़राइल की मुश्किलें और बढ़ा दी है.
50 साल बाद इज़राइल पर सबसे बड़ा हमला:
साल 1973 में इज़राइल पर हमास ने हमला किया जिसमें उन्होंने अचानक इजराइल पर तबाड़तोड़ 5 हजार मिसाइलें दागी थी. जिसका इज़राइल ने मुहतोड़ जवाब दिया था. जिसके बाद से इज़राइल पर होने वाला यह सबसे बड़ा हमला है.
‘सिक्स डे वॉर’ क्या है?
इज़राइल और अरब देशों का संघर्ष बहुत पहले से ही चला आ रहा है. ‘सिक्स डे वॉर' 1967 में अरब-इजरायल युद्ध के रूप में जाना जाता है जो 5 से 10 जून 1967 तक इज़राइल और अरब देशों के गठबंधन के बीच लड़ा गया था. इजराइल ने इस जंग में विजय हासिल की थी.
आयरन डोम कैसे हुआ फेल?
इजराइल को अपने आयरन डोम डिफेन्स सिस्टम पर पूरा भरोसा था लेकिन यह पूरी तरह फेल हो गया है. इस सिस्टम को इजराइली फर्म राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम और इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्री ने तैयार किया है. गाजा क्षेत्र पर हमास की ओर से 5000 से अधिक रॉकेट दागे गए जिन्हें रोकने में आयरन डोम फेल हो गया है.
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