राइबोसोम की खोज सर्वप्रथम पैलाडे नामक वैज्ञानिक ने 1955 में की थी. ये डमरू की आक्रति के या लगभग गोलाकार और 140-160 Å व्यास वाले सघन सूक्ष्म गण होते हैं. ये राइबोन्यूक्लिक अम्ल (R.N.A) एवं प्रोटीन के बने होते हैं. R.N.A एवं प्रोटीन की उपस्थिति के कारण इन्हें राइबोन्यूक्लियोप्रोटीन कण भी कहते हैं. राइबोसोम सभी जीवित कोशिकाओं में पाए जाते हैं, ये अन्त:प्रद्व्यी जालिका से जुड़े रहते हैं. ये माइटोकॉन्ड्रिया, हरित लवक एवं केन्द्रक में भी पाए जाते हैं. अर्थार्त राइबोसोम एक जटिल आणविक मशीन है जो जीवित कोशिकाओं के अंदर पाए जाते हैं जो प्रोटीन संश्लेषण नामक प्रक्रिया में अमीनो एसिड से प्रोटीन को बनाते हैं. प्रोटीन संश्लेषण जीवित कोशिकाओं द्वारा किया जाने वाला प्रमुख कार्य होता है.
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राइबोसोम विशेष होते हैं क्योंकि वे दोनों प्रोकैरियोट्स और यूकेरियोट्स कोशिकाओं में पाए जाते हैं. प्रत्येक सेल या प्रत्येक कोशिका को प्रोटीन बनाने के लिए राइबोसोम की आवश्यकता होती है. यह मैसेंजर राइबोन्यूक्लिक अम्ल (mRNA) से जुड़ा हुआ होता है और mRNA के न्यूक्लियोटाइड अनुक्रम में निहित जानकारी को पढ़ता है. अमीनो एसिड वाले स्थानांतरण RNA (tRNA) एक विशेष तौर पर राइबोसोम में प्रवेश करते हैं जिसे एक्सेपटर साइट (acceptor site) कहा जाता है. आइये इस लेख के माध्यम से राइबोसोम, उसके कार्य, संरचना आदि के बारे में अध्ययन करते हैं.
आकार एवं अवसादन गुणांक के आधार पर राइबोसोम निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं (Types of Ribosome)
1. 70S राइबोसोम्स: ये आकार में छोटे होते हैं एवं इनका अवसादन गुणांक 70S होता है. ये माइटोकॉन्ड्रिया, क्लोरोप्लास्ट एवं बैक्टीरिया आदि में पाए जाते हैं.
2. 80S राइबोसोम्स: ये आकार में कुछ बड़े होते हैं और इनका अवसादन गुणांक 80S होता है. ये उच्च विकसित पौधों एवं जन्तु कोशिकाओं में पाए जाते हैं.
राइबोसोम की संरचना (Structure of Ribosome)
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कोशिका : संरचना एवं कार्य
प्रत्येक राइबोसोम लगभग दो गोलाकार सबयूनिट्स (Subunits) का बन जाता है. इनमें एक छोटी एवं एक बड़ी सब-यूनिट होती है. दोनों एक-दुसरे से जुडकर पूर्ण राइबोसोम का निर्माण करती है. 70S राइबोसोम की बड़ी सबयूनिट 50S तथा छोटी सबयूनिट 30S होती है. 80S राइबोसोम की बड़ी सबयूनिट 60S एवं छोटी सबयूनिट 40S होती है. जैसा की हम जानते हैं कि एक राइबोसोम RNA और प्रोटीन के परिसरों से बना होता है और इसलिए, यह एक राइबोन्यूक्लॉप्रोटीन है. यह दो भागों से बना है, जिन्हें सबयूनिट कहते हैं. छोटी सबयूनेट में mRNA जुड़ा हुआ होता है और डीकोड होता है. जबकि बड़ी सबयूनेट में एमिनो एसिड को जोड़ दिया जाता है. दोनों उप-इकाइयां प्रोटीन और राइबोन्यूक्लिक अम्ल घटकों से बनी होती हैं. ये दो सबयूनिट एक दूसरे में परस्परक्रिया करके एक सबयूनेट में rRNA और दूसरे सबयूनेट में प्रोटीन के साथ जुड़ जाती हैं.
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कभी-कभी अनेक राइबोसोम एक साथ मिलकर एक रचना बनाते हैं, जिसे पॉलिराइबोसोम या पॉलिसोम्स (polysomes) कहते हैं.
राइबोसोम के कार्य (Functions of Ribosome)
राइबोसोम एक ऐसा सेल या कशिका संरचना है जो प्रोटीन बनाती है. कई कोशिकाओं के फ़ंक्शंस या कार्य जैसे कि मरम्मत या रासायनिक प्रक्रियाओं को निर्देशित करने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है. राइबोसोम साइटोप्लाज्म (cytoplasm) के भीतर तैरते या एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (endoplasmic reticulum) से जुड़ा पाया जा सकता है. अर्थार्त राइबोसोम का मुख्य कार्य अमीनों अम्ल के द्वारा प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करना है.
पादप व जंतु कोशिका का वर्गीकरण
राइबोसोम कहां पाए जाते हैं (Ribosome locations)
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राइबोसोम को फ्री या झिल्ली-बद्ध (membrane-bound) होने के रूप में वर्गीकृत किया जाता है. ये दोनों राइबोसोम केवल उनके स्थानिक वितरण में भिन्न होते हैं लेकिन संरचना में समान होते हैं.
फ्री राइबोसोम (Free Ribosome): साइटोसोल (cytosol) में ये राइबोसोम कहीं भी स्थानांतरित हो सकते हैं, लेकिन कोशिका नाभिक से इन्हें बाहर रखा गया है. फ्री राइबोसोम प्रोटीन को बनाकर साइटोसोल में छोड़ देते हैं और कोशिका के भीतर प्रयोग में आते हैं.
झिल्ली-बाध्य राइबोसोम (Membrane-bound Ribosomes): जब एक राइबोसोम कुछ ऑर्गेनल्स में प्रोटीन को संश्लेषित करने के लिए शुरू होता है, तो यह प्रोटीन बनाने वाली राइबोसोम "झिल्ली-बाध्य" हो सकते है.
उपरोक्त लेख से राइबोसोम क्या होते है, उनका क्या कार्य है, कैसी संरचना है और कहा पाए जाते है आदि के बारे में ज्ञात होता हैं.
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