दुनिया का ऐसा देश जहां तीन रेलवे ट्रैक इस्तेमाल किए जाते हैं?

Jan 8, 2021, 20:04 IST

क्या आप जानते हैं कि तीन रेलवे ट्रैक दुनिया के किस देश में पाया जाता है और इसका क्या मतलब होता है. इसके होने से क्या फायदा होता है. इसे किस नाम से बुलाया जाता है इत्यादि. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

Which country uses three Railway tracks?
Which country uses three Railway tracks?

बांग्लादेश रेलवे,  बांग्लादेश की राज्य की सरकारी स्वामित्व वाली और सरकारी प्रबंधित परिवहन एजेंसी है. 2009 में, इसमें लगभग 34,168 कर्मचारी थे. बांग्लादेश रेलवे प्रणाली की लंबाई लगभग 2,855 मार्ग किमी है. क्या आप जानते हैं कि दुनिया में ऐसा कौन सा देश है जहां तीन रेलवे ट्रैक बिछाए गए हैं और इस ट्रैक को क्या कहा जाता है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

किस देश में तीन रेलवे ट्रैक बिछाए गए हैं और क्यों?

बांग्लादेश रेलवे को मिनिस्ट्री ऑफ बांग्लादेश के द्वारा गवर्न किया जाता है, जिसमें टोटल रूट की लंबाई लगभग 2,855 मार्ग किमी, जिसमें मीटर गेज (Meter Guage) हैं, ब्रॉड गेज (Broad Guage) हैं और रेलवे ट्रैक ड्यूल (dual) ब्रॉड गेज डबल रूट हैं. Yards sidings में डबल लाइन पर ट्रैक सहित चलने वाले ट्रैक भी हैं. संक्षेप में ड्यूल गेज (dual guage), ब्रॉड गेज और मीटर गेज से मिलकर बनता है. इसलिए ही तो इसे मिक्स्ड गेज भी कहा जाता है. यानी बांग्लादेश में तीन रेलवे ट्रैक का उपयोग किया जाता है.

धीरे-धीरे बांग्लादेश में रेलवे का विस्तार हो रहा है. जब मीटर गेज से ब्रॉड गेज में परिवर्तन होने लगा तब बांग्लादेश रेलवे इतनी दूर तक फैले मीटर गेज के रेलवे नेटवर्क को बंद नहीं करना चाहती थी क्योंकि इस परिवर्तन से सिर्फ रेलवे ट्रैक ही नहीं उसके साथ-साथ कोच, लोकोमोटिव और सारी चीजों को परिवर्तन करना पढ़ता. इसलिए बांग्लादेश रेलवे ने dual रेलवे ट्रैक का विस्तार किया.

dual रेलवे ट्रैक क्या होता है?

dual रेलवे ट्रैक एक ऐसा रेलवे ट्रैक होता है जो दो अलग-अलग गेज के ट्रेन को चालाने में सक्षम होता है. इसे कबी-कभी मिक्स्ड गेज (Mixed guage) भी बोला जाता है यानी ब्रॉड गेज और मीटर गेज को मिलाकर जो ट्रैक बनता है उसे dual गेज कहा जाता है.

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एक dual गेज रेलवे ट्रैक में तीन रेल होते हैं जिसमें दो में गेज वाले रेल होते हैं ओर तीसरा कॉमन होता है जो दोनों अलग-अलग गेज के ट्रेन के लिए काम में आता है. साथ ही हम आपको बता दें कि कभी-कभी फोर रेल का भी दो आउटर और दो इनर में इस्तेमाल किया जाता है यानी कभी-कभी dual गेज बनाने के लिए दो बाहरी और दो आंतरिक रेलों का उपयोग करके चार रेल ट्रैक की आवश्यकता होती है.

Dual railway Track

Source: www.adb.org.com

जो कॉमन third रेल है वो लोकोमोटिव को इलेक्ट्रिक सप्लाई देने के लिए बिछाया गया है. यह third रेल एक अलग गेज पर ट्रेनों के ऑपरेशन को सुनिश्चित करता है. dual गेज ट्रैक पर ट्रेन के प्लेटफार्म की हाइट बहुत कम होती है क्योंकि उस पर दोनों गेज वाली ट्रेनों को रोका जाता है. बांग्लादेश के अलावा और भी कई देशों में इस तरह के dual गेज का इस्तेमाल किया जाता है.

जैसे कि dual गेज रेलवे ट्रैक हंगरी-यूकेरिन बोर्डर पर भी बिछाया गया है. इसी प्रकार स्लोवेनिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, फ़िनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, रूस इत्यादि देशों में भी dual गेज रेलवे ट्रैक का इस्तेमाल किया जाता है. 

तो अब आपको ज्ञात हो गया होगा कि बांग्लादेश में dual गेज यानी तीन रेल ट्रैक का इस्तेमाल क्यों किया जाता है. अब अध्ययन करते हैं बांग्लादेश के रेलवे के इतिहास के बारे में.

आजादी के बाद, रेलवे का पहली बार रेलवे बोर्ड द्वारा पर्यवेक्षण किया गया जिसे 1982 में समाप्त कर दिया गया था. इसके बाद, बांग्लादेश रेलवे के महानिदेशक के रूप में काम कर रहे डिवीजन के सचिव के साथ संचार मंत्रालय के रेलवे डिवीजन के अधिकार इस क्षेत्र में आ गाए थे. 1995 में, मंत्रालय का हिस्सा होने के बजाय, बांग्लादेश रेलवे अथॉरिटी द्वारा पर्यवेक्षित एक पेशेवर महानिदेशक के नियंत्रण में आया जिसकी अध्यक्षता रेल मंत्री ने की थी. बांग्लादेश रेलवे को दो जोनों, पूर्व और पश्चिम में बांटा गया है, प्रत्येक एक सामान्य प्रबंधक के नियंत्रण में है जो बांग्लादेश के महानिदेशक के लिए उत्तरदायी है.

15 नवंबर 1862: पूर्वी बंगाल रेलवे द्वारा कुष्तिया जिले के दरसाना और जगती के बीच ब्रॉड गेज लाइन के 53.11 किलोमीटर का निर्माण किया गया.

 1998: शक्तिशाली नदी जमुना पर पूर्व-पश्चिम रेलवे कनेक्टिविटी की स्थापना हुई थी.

14 अगस्त 2003: ढाका (जॉयदेबपुर) और राजशाही के बीच जमुना के बीच प्रत्यक्ष संचार.

इब्राहिमाबाद से जॉयदेबपुर तक नए ड्यूल गेज ट्रैक के निर्माण के पूरा होने के बाद पहली इंटरसिटी यात्री ट्रेन शुरू करके बहुउद्देशीय पुलों की स्थापना की गई.

14 अप्रैल 2008: ढाका और कोलकाता के बीच प्रत्यक्ष संचार के लिए "मैत्री एक्सप्रेस" ट्रेन की स्थापना की गई.

08 अप्रैल 2017: कोलकाता और ढाका के बीच मैत्री (दोस्ती) एक्सप्रेस यात्री ट्रेन सेवा के उद्घाटन के नौ साल बाद, पहली खुलना-कोलकाता (Khulna-Kolkata) ट्रेन 8 अप्रैल, 2017 को भारत-बांग्लादेश सीमा पर शुरू की गई. रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक नियमित यात्री ट्रेन सेवाएं बांग्लादेश और भारत के बीच शुरू होने की उम्मीद है.

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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