भारत का इकलौता शहर जिसे उल्टा लिखो या सीधा, नहीं बदलेगा नाम, पढ़ें

भारत में 4000 से अधिक शहर हैं। वहीं, हर शहर की अपनी पहचान है। यह पहचान नाम के साथ-साथ भौगोलिकी स्थिति, आर्थिक गतिविधि और ऐतिहासिक स्थलों की वजह से है। हालांकि, इनमें एक शहर ऐसा भी है, जो अपने नाम की वजह से अधिक मशहूर है। खास बात यह है कि इस शहर का नाम उल्टा लिखो या सीधा, एक समान ही रहता है। कौन-सा यह शहर, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

Feb 17, 2025, 19:03 IST
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भारत का इकलौता शहर जिसे उल्टा लिखो या सीधा, नहीं बदलेगा नाम
भारत का इकलौता शहर जिसे उल्टा लिखो या सीधा, नहीं बदलेगा नाम

साल 2011 की जनगणना पर गौर करें, तो भारत में सांविधिक शहरों की संख्या 4041 और 3892 कस्बे हैं। सांविधिक शहर वे होते हैं, जो नगर पालिका, नगर निगम या नगर पंचायत के अधीन आते हैं। वहीं, कस्बे वे होते हैं, जो नगर पालिका के अधीन नहीं आते हैं, लेकिन  इनकी आबादी व आर्थिक गतिविधि शहरों के बराबर होती है।

भारत में कई ऐसे शहर मौजूद हैं, जो अपनी भौगोलिक स्थिति, आर्थिक गतिविधि व ऐतिहािसिक धरोहरों की वजह से विश्व विख्यात हैं। वहीं, शहरों के नाम भी शहरों को विशेष पहचान देने में अहम योगदान देते हैं। इस कड़ी में भारत में एक ऐसा शहर भी मौजूद है,जिसका नाम उल्टा लिखो या सीधा, एक समान ही रहता है। कौन-सा है यह शहर, जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें। 

भारत में शहरों का इतिहास 

भारत में शहरीकरण का इतिहास हजारों साल पुराना है। यहां प्राचीन समय से ही बड़े नगर बसते आए हैं, जो व्यापार, संस्कृति और राजनीति के केंद्र रहे हैं। सिंधु घाटी सभ्यता में मोहनजोदड़ो और हड़प्पा दुनिया के सबसे पुराने नियोजित शहरों में शामिल थे, जहां पक्की ईंटों के मकान, जल निकासी व्यवस्था और ग्रिड पैटर्न में बसावट इनकी प्रमुख विशेषताएं थीं।

वहीं, वैदिक और महाजनपद काल में वाराणसी, कौशांबी और पाटलिपुत्र जैसे शहर बसे। मध्यकालीन युग में दिल्ली और आगरा जैसे शहर विकसित हुए, जबकि ब्रिटिश काल में कोलकाता और मुंबई जैसे शहर विकसित हुए। वहीं, आधुनिक भारत में नई दिल्ली, बंगलुरू और नोएडा जैसे शहरों का तेजी से विकास हुआ। 

किस शहर का नाम उल्टा या सीधा लिखने पर समान रहता है

अब सवाल है कि आखिर ऐसा कौन-सा शहर है, जिसका नाम सीधा या उल्टा लिखने पर एक समान रहता है। आपको बता दें कि ओड़िसा राज्य का कटक शहर ऐसा है, जिसका नाम सीधा या उल्टा लिखने पर एक समान रहता है। 

क्या है शहर का इतिहास 

कटक ओडिशा के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहरों में शामिल है, जिसे ओडिशा की व्यापारिक राजधानी और सिल्वर सिटी के रूप में भी जाना जाता है। इस शहर की खास बात यह भी है कि यह महानदी और कठजोडी नदी के संगम पर स्थित है, जिससे यह एक प्राकृतिक दुर्ग की तरह विकसित हुआ। 

शहर का इतिहास

शहर के इतिहास की बात करें, तो  989 ईस्वी में किंग माराकत केशरी द्वारा शहर की स्थापना की गई थी। वहीं, सोमवंशी और गंग वंश के शासनकाल में यह एक महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक और व्यापारिक केंद्र बना।

मध्यकाल में अनंग भीम देव III (13वीं शताब्दी) ने यहां बाराबती किला बनवाया, जो अब भी एक ऐतिहासिक धरोहर है। यह शहर लंबे समय तक गजपति राजाओं की राजधानी रहा है। समय के साथ-साथ यहां मुगलों और मराठाओं का नियंत्रण रहा। वहीं,1803 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने कटक पर अधिकार कर लिया। आज कटक एक प्रमुख व्यापारिक, औद्योगिक और सांस्कृतिक केंद्र है। 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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