भारत विविधताओं का देश है। यहां की संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत इसे अन्य देशों से अलग बनाती है। साथ ही भारत का समृद्ध इतिहास भारत के माथे पर स्वर्ण टीके की तरह चमकता है। यही वजह है कि हर साल देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक भारत के अलग-अलग शहरों को करीब से जानने के लिए पहुंचते हैं।
वर्तमान में भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। आपने भारत के अलग-अलग राज्यों के बारे में पढ़ा और सुना होगा, जो कि अलग-अलग विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा राज्य भी है, जिसे फलों के कटोरे के रूप में भी जाना जाता है। यदि नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
क्यों दी जाती है पहचान
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके मूल नाम के अलावा अन्य पहचान क्यों दी जाती है ? तो, आपको बता दें कि राज्यों की भौगोलिक विशेषता या स्थानीय उत्पादों को उनकी विशेषता से जोड़कर एक खास नाम के साथ पहचान दी जाती है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही एक क्षेत्र में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का अहम स्थान बनता है, जिसका असर आर्थिक गतिविधियों पर भी पड़ता है।
भारत में कौन-सा राज्य है फलों का कटोरा
अब हम पहले हम यह जान लेते हैं कि भारत में कौन-सा राज्य फलों के कटोरे के रूप में भी जाना जाता है, तो आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश राज्य को फलों के कटोरे के रूप में भी जाना जाता है।
क्यों कहा जाता है फलों का कटोरा
अब सवाल है कि आखिर हिमाचल प्रदेश राज्य को ही हम फलों के कटोरे के रूप में क्यों जानते हैं, तो आपको बता दें कि हिमाचल में प्रचुर मात्रा में फलों का उत्पादन होता है, जिससे भारत के अलग-अलग राज्यों में फलों की आपूर्ति होती है। यही वजह है कि हिमाचल प्रदेश को हम फलों के कटोरे के रूप में भी जानते हैं।
कौन-से फलों की होती है खेती
हिमचाल प्रदेश में प्रमुख रूप से सेब, आड़ू, नाशपति, स्ट्रॉबेरी, चेरी, खुमानी, कीवी और प्लम आदि की खेती होती है।
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