Indian Railways: ट्रेनों पर अब क्यों नहीं लगाए जाते रिजर्वेशन चार्ट, जानें

Apr 26, 2023, 19:17 IST

Indian Railways: भारतीय रेलवे में आपने पूर्व में ट्रेनों पर चार्टिंग पेपर देखे होंगे, जिसे देखकर आप रिजर्वेशन चार्ट में अपना नाम चेक करते थे। हालांकि, रेलवे की ओर से अब यह बंद कर दिया गया है। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि आखिर किस तरह रेलवे ने यह बंद कर दिया है। 

भारतीय रेलवे में रिजर्वेशन चार्ट
भारतीय रेलवे में रिजर्वेशन चार्ट

Indian Railways: एशिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क यानि भारतीय रेलवे का बहुत बड़ा नेटवर्क है। इसके द्वारा संचालित ट्रेनों में बड़ी संख्या में लोग सफर कर अपनी मंजिलों तक का सफर पूरा करते हैं। रेलवे में सफर करने के लिए लोग रिजर्वेशन कराते हैं, जिसके माध्यम से ट्रेन में कंफर्म टिकट मिल जाती है। आपने भी जब कभी पूर्व में रेलवे में सफर किया होगा, तो देखा होगा कि ट्रेन के बाहर रिजर्वेशन चार्ट लगाया जाता था, जिसमें यात्रियों की कंफर्म टिकट का विवरण लिखा होता था। हालांकि, अब रेलवे द्वारा यह नहीं किया जाता है। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि आखिर क्यों रेलवे द्वारा चार्टिंग को बंद कर दिया गया है।  

 

क्या होता था रिजर्वेशन चार्ट

रिजर्वेशन चार्ट भारतीय रेलवे द्वारा तैयार किया जाता था। यह एक सफेद रंग का चार्ट होता था, जिसमें यात्रियों का कंफर्म टिकट का विवरण होता था। इस चार्ट में यात्री का नाम, उम्र और सीट नंबर का दिया गया होता था, जो कि ट्रेन के गेट के बाहर लगाया जाता था, जिससे यात्री सफर शुरू करने से पहले अपनी सीट का विवरण देख लें और फिर यात्रा शुरू करें। 

 

ट्रेन निकलने से चार घंटे पहले लगता था चार्ट

यात्री चार्ट को रेलवे द्वारा दो बार लगाया जाता था। पहला चार्ट ट्रेन छूटने से चार घंटे पहले लगाया जाता था, जबकि दूसरा चार्ट ट्रेन के चलने से 30 मिनट पहले लगता था। ऐसे में जिस जगह से ट्रेन शुरू होती थी, वहां यात्री अपनी-अपनी सीटों का विवरण आराम से देख लेते थे। 

 

कब किया गया बंद

भारतीय रेलवे की ओर से तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने साल 2018 में ट्वीट कर जानकारी दी थी कि रेलवे की ओर से एक मार्च 2018 से आगामी छह महीने के लिए रेलवे में चार्टिंग सिस्टम को बंद किया जा रहा है, जिससे रेलवे को पेपरलेस करने में मदद मिलेगी। इसके बाद रेलवे की ओर से चार्टिंग सिस्टम को बंद कर दिया गया। इसकी शुरुआत दक्षिण-पश्चिम रेलवे के बंगलुरू डिविजन से की गई थी। छह महीने में रेलवे  को अच्छा रिस्पांस मिला और फिर इसे हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। 

 

28 टन पेपर की हुई बचत

चार्टिंग सिस्टम बंद करने से रेलवे को सालान 28 टन पेपर की बचत हुई थी, जिससे पर्यावरण को भी कम नुकसान पहुंचा। वहीं, आर्थिक रूप से भी रेलवे को इसका फायदा मिला। 



अब डिजिटल देखा जाता है चार्ट

भारतीय रेलवे की ओर से पेपर चार्टिंग सिस्टम को हटाकर डिजिटल स्क्रीन लगाई गई है। इसके तहत रेलवे स्टेशनों पर कई LCD स्क्रीन को लगाया गया था। अब इन स्क्रीन पर ही रिजर्वेशन चार्ट देखा जाता है। 

 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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