इस समय उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। ठंड में बर्फबारी के साथ मजा दोगुना करने के लिए लोग उत्तर भारत के विभिन्न हिल स्टेशनों का रूख कर रहे हैं। यहां एक तरफ वे बर्फबारी का आनंद ले रहे हैं, तो दूसरी तरफ यहां मौजूद विभिन्न पर्यटन स्थलों पर भी घूम रहे हैं।
इन स्थलों में Mall Road को कैसे भूला जा सकता है, जहां एक ही जगह पर शॉपिंग की सभी चीजें मिल जाती हैं। हालांकि, क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर क्या वजह है कि शिमला, मनाली, मसूरी व नैनीताल आदि जैसे हिल स्टेशनों पर हमें मॉल रोड देखने को मिलता है। यदि आप नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
ब्रिटिशों ने दिया नाम
हिल स्टेशनों पर मॉल रोड का नाम भारतीयों द्वारा नहीं, बल्कि ब्रिटिशों द्वारा दिया गया था। ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा ही इस कांसेप्ट को भारत में लाया गया था। वे अक्सर इन हिल स्टेशनों पर शासन के अलावा घूमने-फिरने के लिए भी पहुंचते थे।
सुविधा के लिए बनाया गया मॉल रोड
भारत में जब मैदानी इलाकों में अधिक गर्मी पड़ती थी, तो ब्रिटिश अपने परिवार के साथ भारत के इन ठंडे हिल स्टेशनों का रूख करते थे। ऐसे में परिवार के साथ सुविधाजनक रहने के लिए उन्हें एक व्यवस्थित जगह की भी जरूरत थी, जिसके लिए मॉल रोड बनाया गया।
इस तरह पड़ा मॉल रोड नाम
हिल स्टेशन पर मौजूद इस सड़क के एक तरफ ब्रिटिश अधिकारी अपने पत्नी व बच्चों के साथ रहते थे। वहीं, दूसरी तरफ सैन्यकर्मी अकेले रहते थे। इस वजह से इसका नाम Married Accommodation And Living Line(MALL Road) रखा गया था।
रोड पर दी गईं सुविधाएं
इस मॉल रोड पर रहने के साथ ही ब्रिटिश द्वारा सभी प्रकार की जरूरत की दुकानें, रेस्तरां व होटल को खुलवाया गया था, जिससे उन्हें एक ही सड़क पर सभी सुविधाएं मिल जाए। वहीं, उनके घर भी इस सड़क पर मौजूद होते थे, जिन्हें आज के समय में सरकारी कार्यालयों, होटल व बड़े रेस्तरां में तब्दील कर दिया गया है।
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