आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं, बल्कि क़ानून है- सुप्रीम कोर्ट-:एक विश्लेषण

Jun 12, 2020, 17:18 IST

सुप्रीम कोर्ट ने 11 जून को कहा कि तमिलनाडु के मेडिकल कॉलेजों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) उम्मीदवारों के लिए सीटों का आरक्षण कोई मौलिक अधिकार नहीं है. याचिका में सीपीआई, डीएमके और अन्य पार्टियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया को निर्देश दें कि वो तमिलनाडु पिछड़ा वर्ग, एससी एंड एसटी आरक्षण एक्ट, 1993 को लागू करें.

Reservation in India
Reservation in India

भारत में आरक्षण सभी राजनीतिक पार्टियों और जनसामान्य के बीच हमेशा एक बहुत ही विविदित मुद्दा रहा है. अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है और इससे पहले भी इस तरह का फैसला सुनाया जा चुका है.

आइये इस लेख में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की विस्तार से चर्चा करते हैं.

तमिलनाडु में आरक्षण मामला क्या है?

मामला 11 जून को प्रकाश में आया जब AIADMK, DMK और CPI समेत अन्य तमिलनाडु की कई राजनीतिक पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जिसमें सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद की गयी थी कि सुप्रीम कोर्ट; केंद्र सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया को निर्देश दें कि NEET के तहत मेडिकल कॉलेज में सीटों को लेकर तमिलनाडु में 50% OBC आरक्षण दिया जाए.

DMK पार्टी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि हम अदालत से यह नही कह रहे हैं कि एक सीमा से अधिक आरक्षण दिया जाए बल्कि जो आरक्षण लागू है उसे लागू करवाने को कह रहे हैं.

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि 2006 क़ानून के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फ़ीसदी सीटें आरक्षित हैं लेकिन केंद्र सरकार उन सीटों को भरने में नाकाम रही है और इस कारण पिछले तीन सालों में ओबीसी छात्र-छात्राओं की 10 हज़ार मेडिकल सीटें उनसे छीन ली गईं हैं. इसलिए सुप्रीम कोर्ट आदेश दे ताकि तमिलनाडु पिछड़ा वर्ग, एससी एंड एसटी आरक्षण एक्ट, 1993 को लागू किया जा सके.

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय:- (Supreme Court decision on Reservation):-

याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, "हमें इस बात की ख़ुशी है कि तमिलनाडु में पिछड़े वर्ग के लोगों की भलाई के लिए सभी पार्टियां एक साथ मिलकर आई हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट कह चुकी है कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है." इसलिए सर्वोच्च न्यायलय इस याचिका को नही सुनेगा.

अगर याचिकाकर्ता चाहें तो वे मद्रास हाईकोर्ट जा सकते हैं. इस निर्णय की आते ही याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिक को वापस ले लिया ताकि वो मद्रास हाईकोर्ट में अपील कर सकें.

संविधान में आरक्षण की व्यवस्था: (Reservation in the Indian Constitution)

(Article 15 (1) के मुताबिक राज्य किसी भी नागरिक के साथ धर्म, जाति, लिंग, वंश और जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता.

आर्टिकल 15 के 3 अपवाद हैं, जो इस प्रकार हैं; (Exception of Article 15):-

1. आर्टिकल 15 के नियम (3) के अनुसार, अगर बच्चों और महिलाओं के उत्थान लिए विशेष प्रावधान बनाए जा रहे हैं तो आर्टिकल 15 ऐसा करने से नहीं रोक सकता है.ये प्रावधान हैं;  बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा और महिला आरक्षण.

2. आरक्षण की व्यवस्था: राज्य को इस बात की अनुमति होगी कि शैक्षिक और सामाजिक रूप से पिछड़े OBCs/SCs/STs/के लिए विशेष उपबंध करे. जैसे; 

a. सार्वजानिक शैक्षणिक संस्थाओं में शुल्क से छूट

b. विधान मंडल में सीटों का आरक्षण 

3.शैक्षिक संस्थाओं में आरक्षण की व्यवस्था: राज्य को यह अधिकार है कि वह शैक्षिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों (OBCs/STs/SCs) के लोगों के लिए शैक्षिक संस्थाओं (निजी या अल्पसंख्यक, राज्य से अनुदान प्राप्त) में प्रवेश के लिए छूट सम्बन्धी नियम बनाये.

Article 16: सरकारी नौकरियों और सेवाओं में अवसर की समानता 

यह आर्टिकल बिना किसी भेदभाव के सभी को सरकारी नौकरियों और सेवाओं में अवसर की समानता प्रदान करता है. लेकिन इस आर्टिकल के भी कुछ अपवाद हैं जैसे; 16(4) 16(4)(क), 16(4)(ख) तथा अनुच्छेद 16(5) राज्य को अधिकार देते हैं कि पिछड़े वर्ग के नागरिकों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया जा सकता है.

यहाँ परे यह ध्यान देना जरूरी है कि ‘पिछड़ापन’ दिखाने के लिए ‘आर्थिक पिछड़ापन’ (Economically backward) शब्द का इस्तेमाल नही किया गया है.

इस प्रकार संविधान में उक्त आर्टिकल में यह स्पष्ट रूप से लिखा है कि किस तरह का आरक्षण किस वर्ग को किन परिस्तिथियों में दिया जा सकता है. अब आरक्षण मौलिक अधिकार है या नहीं इसकी व्याख्या करना देश की सर्वोच्च अदालत का है?

भारत में आरक्षण का इतिहास: एक समग्र विश्लेषण

"आर्टिकल 15" क्या है और इसके क्या प्रावधान हैं?

Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News