भारत की यह 8वीं पास महिला Harvard University में देंगी भाषण, क्या है वजह, जानें

भारत में महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रही हैं। वे पुरुषों के साथ-साथ हर क्षेत्र में कदम बढ़ा रही हैं, जिससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल रहा है। इस कड़ी में हाल ही में भारत की एक 8वीं पास महिला हार्वार्ड विश्वविद्यालय में जल्द ही भाषण देंगी, जो कि अपने आप में एक एतिहासिक घटना बनने जा रही है। कौन हैं यह महिला और क्या है इसके पीछे की कहानी, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

Aug 7, 2023, 17:15 IST
रूमा देवी
रूमा देवी

भारत में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी हर क्षेत्र में अपनी क्षमता के आधार पर अपनी काबिलियत को दर्शा रही हैं। यही वजह है कि जमीन से लेकर आसमान तक हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं।

इससे एक तरफ जहां अन्य महिलाओं को प्रेरणा मिल रही है, वहीं दूसरी तरफ महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिल रहा है। इस कड़ी में भारत की एक 8वीं पास महिला जल्द ही हार्वार्ड विश्वविद्यालय में एक भाषण देने जा रही हैं, जो कि अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना है।

कौन हैं यह महिला और क्या है इसके पीछे की वजह, जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।  

 

कौन देंगी Harvard University में भाषण

Harvard University में जल्द ही भारत के राजस्थान राज्य के बाड़मेर की रहने वाली रूमा देवी भाषण देंगी। वह अपने जिले से भी पहली महिला हैं, जो कि पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाषण देने जा रही हैं।

 

कौन हैं रूमा देवी

राजस्थान की रहने वाली रूमा देवी जब बहुत छोटी थी, तब उनकी मां का निधन हो गया था। इसके बाद उनके पिता ने उनके चाचा-चाची को उन्हें सौंप दिया।

उनके चाचा-चाची ने उनकी शिक्षा पर अधिक ध्यान नहीं दिया। इस वजह से वह सिर्फ 8वीं कक्षा तक ही अपनी पढ़ाई पूरी कर सकी।

उन्होंने बचपन से ही अपनी दादी से सिलाई-कढ़ाई का काम सीखा था। ऐसे में वह इसकी प्रैक्टिस करती रही। 

 

कम उम्र में हो गई थी शादी

रूमा जब सिर्फ 17 वर्ष की थी, तब उनकी शादी हो गई थी। ससुराल पक्ष सिर्फ खेती पर निर्भर था। ऐसे में खेती में नुकसान होने पर घर में वित्तीय संकट खड़ा हो गया था।

उन्होंने अपने घर वालों को सपोर्ट देने की सोची, लेकिन उस समय यह आसान नहीं था। 

 

शुरू किया अपना काम

रूमा ने अपने गांव की दो महिलाओं को मिलाकर घर में ही सिलाई-कढ़ाई का काम शुरू किया। इसके बाद उनसे महिलाएं जुड़ती गई। इस दौरान वे प्रतिदिन 100 रुपये तक कमाने लगे, जिससे नई सिलाई की मशीनें खरीदी गई।

उन्होंने अपने केंद्र से अन्य महिलाओं को भी प्रशिक्षण देना शुरू किया, जिसके बाद वर्तमान में वह 30,000 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण दे चुकी हैं। 

 

मिल चुका है यह पुरस्कार

रूमा देवी जल्द ही ज्योति राव फुले यूनिवर्सिटी और हार्वार्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बुलाए जाने पर भाषण देंगी। इससे पहले वह जर्मनी, सिंगापुर, थाईलैंड, श्रीलंका, अमेरिका और लंदन में जा चुकी हैं।

वहीं, उन्हें साल 2018 में भारत में नारी शक्ति पुरस्कार से भी नवाजा गया है। 

 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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