द्वितीय पंचवर्षीय योजना का मुख्य लक्ष्य उद्योग विशेषकर भारी उद्योगिक क्षेत्र थे. प्रथम योजना जिसका लक्ष्य मुख्यतया कृषि क्षेत्र था से अलग इस योजना का मुख्य केंद्र बिंदु औद्योगिक उत्पादों का घरेलू कारण करना था, तथा इसके साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र की वृद्धि करना था.
द्वितीय पंचवर्षीय योजना महलनोबिस योजना पर आधारित था. महलनोबिस योजना एक आर्थिक विकास मॉडल योजना थी जिसकी खोज भारतीय सांख्य शास्त्री प्रसांता चंद्र महलनोबिस ने सन 1953 में की थी. इस योजना की कोशिश संसाधनों का उत्पादन के क्षेत्रों के मध्य उचित वितरण था तथा इसके साथ ही आर्थिक वृद्धि को बढ़ाना भी था. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इसने देशव्यापी कार्य विधि शोध की तकनीक के साथ परिस्थिति का इष्टतम उपयोग करते हुए सांख्यिकी मॉडल के नये विधियों जो की भारतीय सांख्यिकी संस्थान द्वारा निर्मित थे, का उपयोग लिया गया.
द्वितीय पंचवर्षीय योजना को एक बंद अर्थव्यस्था माना जा सकता है जिसमे कि योजना का मुख्य लक्ष्य पूंजी संसाधन के आयात पर ज्यदा से ज़्यादा ध्यान दिया जाता है. जल विद्युत ऊर्जा कार्यक्रम तथा 5 स्टील कारखाने दुर्गापुर, भिलाई व राउरकेला में इसके अंतर्गत स्थापित किए गये.
परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना 1958 में होमी भाभा के अध्यक्षता में हुई. टाटा इन्स्टिट्यूट ऑफ फंडमेंटल रिसर्च को शोध संस्थान के रूप में मान्यता मिली. आणविक ऊर्जा के क्षेत्र में युवा प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए 1957 में टैलेंट सर्च व स्कॉलर्शिप कार्यक्रम की शुरआत की गयी. द्वितीय योजना का लक्षित दर 4.5 प्रतिशत था जबकि वास्तविक वृद्धि दर 4.0 का रहा.
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