पोषक आधारित उर्वरक नीति की घोषणा
इससे घटेगी यूरिया की खपत:
केद्र सरकार ने पुरानी उर्वरक नीति में फेरबदल करते हुए पोषक तत्वों पर आधारित नई उर्वरक सब्सिडी नीति को हरी झंडी दिखा दी है। साथ ही उसने यूरिया की कीमतों में 10 फीसदी की वृद्धि करने की घोषणा भी की है। नई उर्वरक नीति के अनुसार उर्वरक की कीमतों पर से सरकारी नियंत्रण हटा लिया गया है और फॉस्फोरस तथा पोटाश पर सब्सिडी उनके पोषक तत्वों के आधार पर तय कर दी गई है।
किसानों के लिए लाभदायक है नई व्यवस्था
अभी तक की उर्वरक नीति पूरी तरह से यूरिया आधारित थी जिसने लंबे समय तक भारतीय कृषि को काफी नुकसान पहुँचाया। यह इसी उर्वरक सब्सिडी नीति का परिणाम था कि किसान अक्सर ज्यादा यूरिया का प्रयोग करते थे, जिसके कारण जमीन के पोषक तत्वों में असंतुलन पैदा हो जाता था और मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता था। यह स्थिति देश के कई उन इलाकों में देखी जा सकती है जहां लंबे समय से यूरिया का अत्याधिक प्रयोग किया जा रहा है। मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी की वजह से फसल उत्पादन में भी कमी आ रही थी। इस तरह से नई उर्वरक नीति पूरी तरह से कृषि के लिए लाभदायक सिद्ध होगी, ऐसी आशा की जा सकती है।
सब्सिडी का बोझ होगा कम
उर्वरक सब्सिडी को कम करने की मांग काफी लंबे समय से चल रही थी। इसे लेकर सरकार काफी लंबे समय से परेशानी महसूस कर रही थी। सरकार का सब्सिडी बोझ भी काफी तेजी से बढ़ रहा था। नई नीति से सब्सिडी के बोझ में लगभग 1300 करोड़ रु. की कमी आएगी।
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