स्टोनहेंज के बारे में दस रोचक तथ्य

Jan 19, 2016, 12:11 IST

इंग्लैंड के विल्टशायर (Wiltshire) में स्थित स्टोनहेंज (Stonehenge) प्रागैतिहासिक स्थापत्य (Prehistoric architecture) का अद्भुत नमूना है, इसीलिए इसे यूनेस्को की विश्व विरासत स्थलों की सूची में भी शामिल किया गया है | मूल रूप में ये मिटटी/जमीन को खोद कर खड़े किये गए पत्थरों से निर्मित घेरा था लेकिन वर्तमान में इसके अवशेष मात्र शेष रह गए हैं | ऐसा माना जाता है कि ‘स्टोनहेंज’ इसके आस-पास रहने वाली जनजातियों के नेता का नाम था |

इंग्लैंड के विल्टशायर (Wiltshire) में स्थित स्टोनहेंज (Stonehenge) प्रागैतिहासिक स्थापत्य (prehistoric aarchitecture) का अद्भुत नमूना है, इसीलिए इसे यूनेस्को की विश्व विरासत स्थलों की सूची में भी शामिल किया गया है | मूल रूप में ये मिटटी/जमीन को खोद कर खड़े किये गए पत्थरों से निर्मित घेरा था लेकिन वर्तमान में इसके अवशेष मात्र शेष रह गए हैं | ऐसा माना जाता है कि ‘स्टोनहेंज’ इसके आस-पास रहने वाली जनजातियों के नेता का नाम था |

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स्टोनहेंज के बारे में 10 रोचक तथ्य

1. यह संरचना लगभग 5000 वर्ष पुरानी है और इसके निर्माण का प्रारंभ 3100 ईसा पूर्व में हुआ था |

2. यह मिस्र के पिरामिडों से भी पुरानी संरचना है और नव-द्रुइद्र (Neo-Druidry ) के लिए इसका धार्मिक महत्व भी है |

3. इसे दो प्रकार के पत्थरों अर्थात् सारसेन्स (sarsens) और ब्लूस्टोन (Bluestones) से मिलाकर बनाया गया था | सारसेन्स  बड़े पत्थर थे जिनमे से कुछ की ऊँचाई 9 मीटर और वजन 20 टन तक था|

4. इसके निर्माण में गणित और ज्यामिति (geometry) की जटिल समझ का प्रयोग  किया गया था क्योंकि यह संरचना सूर्य के उदय होने और अस्त होने की प्रक्रिया के साथ सामंजस्य रखती है |

5. खड़े हुए पत्थरों के ऊपर छोटे पत्थरों को जोड़ने के लिए ऐसे जोड़ों (Joints) का प्रयोग किया गया था जिनका प्रयोग सामान्यतः लकड़ी के काम में किया जाता है|

6. बड़े-बड़े पत्थरों से निर्मित यह संरचना पूर्वी भूमध्यसागरीय, मिस्र, मकदूनियाई, ग्रीक आदि सभी सभ्यताओं से भी पहले की है |

7. कुछ लोगों का मानना है कि दैत्यों (Devil) ने इन पत्थरों को स्थापित किया था जबकि कुछ अन्य का मानना है कि मर्लिन नाम के जादूगर ने अपने जादू के द्वारा इसका निर्माण किया था |

8. आज के वैज्ञानिकों का मानना है कि उस समय उपलब्ध औजारों के द्वारा ऐसी संरचना के निर्माण के लिए कम से कम 20 से 30 मिलियन घंटों का समय लगेगा |

9. ये संरचनाएं मिटटी/जमीन को खोद कर खड़े किये गए पत्थरों से निर्मित घेरे के अवशेष मात्र हैं | 2008 ई. में मिले नवीन प्रमाण इसके एक प्राचीन कब्रिस्तान (Burial Ground) होने की ओर भी संकेत करते हैं |

10. इस संरचना के पत्थरों को जटिल तकनीक द्वारा तैयार किया गया था और उन्हें आपस में जोड़ने के लिए ऐसे जोड़ों का उपयोग किया गया था,जिसका उदहारण और किसी प्रागैतिहासिककालीन संरचना में नहीं मिलता है |

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Education Desk

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