CBSE Board New Rules for 10th 12th Exam 2026: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की ओर से 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें बताई हैं। इसके लिए सीबीएसई की ओर से एक नया पब्लिक नोटिस जारी किया गया है। शर्तों को कुल 7 प्वाइंट्स में समझाया गया है। इस नोटिस में बोर्ड ने यह साफ किया है कि अभ्यर्थियों को बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति तब ही मिलेगी, जब वे सभी जरूरी शर्तों पर खरे उतरते हैं।
CBSE का नया नियम, समझें 7 प्वाइंट्स में-
1. 10वीं, 12वीं दो साल की पढ़ाई है
कक्षा 10वीं और 12वीं दो साल के प्रोग्राम है। 10वीं क्लास में 9वीं और 10वीं हैं, वहीं, 12वीं में 11वीं और 12वीं होते हैं। इस अनुसार से छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति तब ही दी जाएगी, जब वे सभी विषयों की पढ़ाई उस पूरे 2 सालों में पूरा करते हैं।
2. अटेंडेंस
सभी छात्रों का उपस्थिति कम से कम 75 प्रतिशत होना अनिवार्य है। अगर कोई विद्यार्थी इसपर खड़ा नहीं उतरता है, तो बोर्ड की ओर से उनका सेंटर और एडमिट कार्ड इशू नहीं किया जाएगा।
3. इंटरनल असेसमेंट
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अंतर्गत सीबीएसई की ओर से ऑफर किए जाने वाले सभी विषयों का इंटरनल असेसमेंट मूल्यांकन का एक जरूरी हिस्सा है। ये दो साल लंबी प्रक्रिया है। यदि कोई विद्यार्थी स्कूल नहीं जाता/जाती, उसका आंतरिक मूल्यांकन नहीं किया जा सकता। वहीं, इंटरनल असेसमेंट न देने वाले अभ्यार्थी को 'Essential Repeat Category' में डाला जाएगा। फिर चाहे वो रेगुलर विद्यार्थी ही क्यों न हों।
4. एडिशनल सब्जेक्ट
कक्षा 10वीं,12वीं में सीबीएसई की ओर से अतिरिक्त विषय ऑफर किए जाते हैं। 10वीं में 5 मेन सब्जेक्ट होते हैं और 2 ऑप्शनल सब्जेक्ट होते हैं। वही, 12वीं में स्टूडेंट्स को एक एडिशनल सब्जेक्ट मिलती है। ये एडिशनल सब्जेक्ट लेने वाले स्टूडेंट्स के लिए 2 सालों तक इनकी पढ़ाई करना अनिवार्य है। केवल एक साल पढ़ने से काम नहीं चलेगा।
5. स्कूल और सब्जेक्ट
स्कूल चाहे सीबीएसई से संबद्ध हो या नहीं, यदि किसी स्कूल ने किसी विषय के लिए सीबीएसई बोर्ड की अनुमति नहीं ली है, उसके पास उस विषय के लिए शिक्षक, प्रयोगशाला, अन्य सुविधाएं नहीं हैं, तो उसके छात्रों को किसी भी रूप में उस विषय का अध्ययन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, चाहे वह मुख्य विषय के रूप में हो या अतिरिक्त विषय के रूप में।
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6. 'कंपार्टमेंट' और 'इसेंशियल रिपीट'
यदि किसी नियमित छात्र ने पिछले वर्ष कोई अतिरिक्त विषय लिया है और उसे उस वर्ष कम्पार्टमेंट या आवश्यक रिपीट श्रेणी में रखा गया है, तो वह इन श्रेणियों में निजी उम्मीदवार/छात्र के रूप में परीक्षा में शामिल हो सकता है।
7. रेगुलर और प्राइवेट स्टूडेंट्स
जो छात्र उपर्युक्त शर्तों को पूरा नहीं करते हैं, वे निजी छात्रों के रूप में भी अतिरिक्त विषयों के लिए सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे।
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