शैक्षणिक सत्र 2026-27 के लिए नर्सरी, केजी और कक्षा 1 में एडमिशन लेने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है। इसी बीच, शिक्षा विभाग (DoE) ने पेरेंट्स से एक महत्वपूर्ण अपील की है। DoE विभाग ने कहा है कि वे अपने बच्चे के लिए घर के नजदीक स्कूल को पहले चुनें।
यह अपील खास तौर पर छोटे बच्चों की शारीरिक और मानसिक सेहत को ध्यान में रखकर की गई है, ताकि उन्हें रोजाना लंबी दूरी की यात्रा और शहर के बढ़ते ट्रैफिक के झंझट से बचाया जा सके।
विकासपुरी स्थित ममता मॉडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल पल्लवी शर्मा ने कहा कि दिल्ली में ट्रैफिक जाम की समस्या सबसे ज्यादा है। ऐसे में पैरेंट्स बच्चों का एडमिशन फॉर्म भरते समय नजदीक स्कूल को पहले चुनें। इससे बच्चे का आने-जाने का समय बचेगा। साथ ही, बढ़ते प्रदूषण से भी वह बचेंगे। स्कूलों में शाम के समय होने वाले खेल से जुड़े कार्यक्रमों में भी हिस्सा ले सकेगा।
नजदीकी स्कूल का चुनाव करना क्यों जरूरी है?
विशेषज्ञों और कई लोगों का मानना है कि छोटे बच्चों के लिए लंबी यात्रा कई तरह से हानिकारक हो सकती है।
- शारीरिक थकान: 3 से 5 साल के छोटे बच्चे लंबी यात्रा करने से जल्दी थक जाते हैं। सुबह स्कूल जाते समय और शाम को वापस आते समय यह थकान उनके सीखने की क्षमता पर खराब असर पड़ता है।
- मानसिक तनाव: ट्रैफिक जाम और बार-बार होने वाले हॉर्न की आवाज से बच्चों में तनाव और चिड़चिड़ापन पैदा कर सकती है।
नजदीकी स्कूल चुनने के फायदे
नर्सरी, केजी और कक्षा 1 में बच्चों का एडमिशन करवाने के लिए आप नीचे दी गई टेबल से देखे की क्यों नजदीकी स्कूलों का चयन करना चाहिए।
| फायदा | बच्चों पर प्रभाव | पेरेंट्स को सुविधा |
| कम यात्रा समय | बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, कम थकान। | ड्रॉप-ऑफ और पिक-अप में लगने वाले समय की बचत। |
| सुरक्षा | घर के पास का माहौल परिचित और सुरक्षित महसूस होता है। | आपातकालीन स्थिति में तुरंत स्कूल तक पहुंचने में आसानी। |
| समुदाय से जुड़ाव | आस-पास के बच्चों से दोस्ती और खेलकूद का मौका मिलता है। | अन्य पेरेंट्स से बेहतर तालमेल और सहयोग। |
| स्कूल गतिविधियों में भागीदारी | यात्रा के कारण बच्चे को सुबह जल्दी नहीं उठना पड़ता। | स्कूल की बैठकों (PTMs) और कार्यक्रमों में आसानी से भाग लेना। |
एडमिशन की प्रक्रिया और प्वाइंट सिस्टम
नर्सरी दाखिले में, स्कूल के नजदीक रहने वाले बच्चों को अक्सर 'डिस्टेंस क्राइटेरिया' के तहत प्राथमिकता दी जाती है। दिल्ली में ज्यादातर स्कूलों में एडमिशन के लिए एक प्वाइंट सिस्टम लागू होता है।
डिस्टेंस क्राइटेरिया के तहत संभावित अंक
| दूरी की सीमा | संभावित प्वाइंट |
| 0 से 1 किमी | 30 से 40 प्वाइंट |
| 1 किमी से 3 किमी | 20 से 30 प्वाइंट |
| 3 किमी से अधिक | 10 से 20 प्वाइंट |

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