इन दिनों कॉलेज स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई के अलावा भी अक्सर शौकिया तौर पर बहुत कुछ सीखते हैं जैसे - एनीमेशन, फोटोग्राफी, डांस, सिंगिंग, म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट बजाना, हॉकी, फुटबॉल, क्रिकेट, बेडमिंटन जैसे गेम्स, पेंटिंग, ब्लॉगिंग, विदेशी लैंग्वेज सीखना और विडियो एडिटिंग. कई बार इन कॉलेज स्टूडेंट्स के ये पैशन या एक्स्ट्रा स्किल्स आगे चलकर उनका पेशा बन जाते हैं. अगर कॉलेज स्टूडेंट्स अपनी इन फन हॉबीज़ या एक्स्ट्रा स्किल्स को अपने रिज्यूम में शामिल करें तो इन स्टूडेंट्स का रिज्यूम अन्य सभी स्टूडेंट्स के रिज्यूम्स से ज्यादा अट्रेक्टिव बन जाता है.
अक्सर हमारे देश के विभिन्न कॉलेजों में पढ़ने वाले अधिकांश स्टूडेंट्स इंटरव्यूज में अक्सर इस प्रश्न से हैरान हो जाते हैं कि, ‘आपकी हॉबीज़ और इंटरेस्ट क्या हैं?’ हैरानी की बात है कि अधिकांश यह भूल जाते हैं कि अब उनकी हॉबीज़ उनके स्कूल लेवल से ज्यादा रचनात्मक होनी चाहियें जो उनके व्यक्तित्व में चार चांद लगा सकें. इस आर्टिकल में कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए कुछ ऐसी ही फन हॉबीज़ की जानकारी दी जा रही है. आइये आगे पढ़ें:
ब्लॉगिंग
अगर आपको लिखना अच्छा लगता है तो ब्लॉगिंग आपके लिए एक बहुत बढ़िया हॉबी है जिसे अपनाने पर आप विचार कर सकते हैं. विशेषकर तब, जब आप एकेडमिक लेख लिख-लिख कर बुरी तरह थक चुके हों. यद्यपि, हम आपको एकेडमिक लेखन से बचने के लिए कोई समाधान नहीं दे सकते हैं क्योंकि यह आपके कॉलेज कोर्स की जरूरत है. लेकिन हम आपको एक बढ़िया विकल्प दे रहे हैं और वह है अपने भीतर के लेखक को एकेडमिक लेखन के अतिरिक्त भी अन्य क्षेत्रों में लिखने के लिए प्रोत्साहित करें. कैसे? यह करना अब बहुत आसान है...ब्लॉग लिखना शुरू करें. अपनी पसंद का कोई भी टॉपिक चुनें. यह आपके कॉलेज के किसी सब्जेक्ट से संबद्ध हो सकता है या बुक रिव्यूज, म्यूजिक, फोटोग्राफी टिप्स या कोई भी दूसरा टॉपिक हो सकता है. ब्लॉग्स आपके रिज्यूम में चार-चांद लगा देते हैं. इनसे आपके लेखन कौशल के अलावा किसी भी विषय पर आपकी गहन जानकारी के बारे में भी पता चलता है. आपके लिए अपनी रचनात्मकता से जुड़े रहने के लिए ब्लॉग्स एक बहुत बढ़िया तरीका है.
लिंगविस्टिक स्किल्स
कोई नई देशी और/ या विदेशी भाषा सीखने के कई फायदे होते हैं. कुछ कॉलेज ने अपने स्टूडेंट्स के लिए यह अनिवार्य बना दिया है कि वे अपने करिकुलम के एक हिस्से के तौर पर लैंग्वेज क्लासेज लें. अगर आप विदेश जाना चाहते हैं तो उस देश की भाषा की जानकारी आपके अनुभव को कई गुना बढ़ा सकती है. यह अपने दिमाग को तेज़ और सक्रिय रखने का एक बहुत ही बढ़िया तरीका है. अगर आप किसी नई भाषा को सीखने के लिए ऑनलाइन लेसंस लेना चाहते हैं तो रोसेट्टा स्टोन जैसे सॉफ्टवेयर बहुत इफेक्टिव हैं. एक बार आप उस भाषा पर अच्छी महारत हासिल कर लेते हैं तो आप इसे अपने रिज्यूम में भी शामिल कर सकते हैं. बहुत से एम्प्लॉयर्स द्विभाषी कैंडिडेट्स रखना पसंद करते हैं और खासकर तब, जब आप किसी MNC में काम की तलाश कर रहे हों.
वीडियो एडिटिंग
आजकल तकरीबन हर कोई फोटोग्राफी को अपने शौक के तौर पर अपना रहा है और अब यह एक आम बात हो गई है. इंटरव्यू रूम के बाहर आपके साथ बैठे हुए आधे लोग फोटोग्राफी को अपना जुनून बतायेंगे. आप इन सब से अपने को अलग कैसे कर सकते हैं? इंटरव्यूअर्स आपके पोर्टफोलियो देखकर तो नहीं जान सकते कि कौन बेहतर है? इसका सबसे आसान तरीका एक कदम आगे बढ़ना है. वीडियो बनाना शुरू करें और वीडियो एडिटिंग की कला सीखें. आप इसके लिए एक छोटी शुरुआत कर सकते हैं जैसे कि किसी पारिवारिक फंक्शन का वीडियो बनाएं या सिर्फ अपने फ्रेंड्स के वीडियो रिकॉर्ड करें या फिर , अपने आस-पास के परिवेश का ही वीडियो बना लें. आप को बता दें कि कई वीडियोग्राफर्स वीडियो बनाते हैं लेकिन बहुत कम ही लोग अच्छे वीडियो बनाते हैं. एक अच्छा वीडियो शूट करने की क़ाबलियत और उस वीडियो को एडिट करना एक बहुत बड़ा कौशल है. आपको भविष्य में एक वीडियो एडिटर के तौर पर भी कोई अच्छी नौकरी मिल सकती है. कौन जानता है कि शायद आप आगे चल कर एक महान फिल्म निर्माता ही बन जायें.
सोशल मीडिया प्रजेंस
लोग कहने लगे हैं कि सोशल मीडिया आजकल एक नया रिज्यूम बन गया है. वे लोग ठीक ही तो कहते हैं, आजकल बहुत से एम्प्लॉयर्स उम्मीदवारों के नाम शॉर्ट लिस्ट करते समय उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल्स ही देखते हैं. अगर आपकी बहुत बढ़िया सोशल मीडिया प्रजेंस है तो आपको कोई अच्छी नौकरी मिलने के अवसर प्राप्त हो सकते हैं या फिर कई जगह अपना रिज्यूम भेजे बिना ही इंटरव्यू कॉल मिल सकते हैं. लेकिन यह सब कहना जितना आसान है, वास्तव में उसे करना उतना आसान नहीं है. अपनी सोशल मीडिया प्रजेंस को बढ़िया बनाने के लिए आपको अपनी ओर से काफी मेहनत करनी पड़ती है. उदाहरण के लिए, आपका कंटेंट अनोखा होना चाहिए जो अलग दिखे और आपको तकरीबन रोज़-रोज़ कुछ न कुछ पोस्ट करना होगा और इसके साथ ही कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आपकी एक्टिव प्रजेंस होनी चाहिए तथा आपके पोस्ट किये गए कंटेंट से काफी फॉलोअर्स जुड़े हों. अगर समर्पण के साथ काम किया जाये तो सोशल मीडिया एक बहुत फायदेमंद हॉबी साबित हो सकती है.
म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट
कोई वाद्य बजाना सीखना एक बढ़िया कौशल है. अगर आपको इसका शौक हो तो आप प्रैक्टिस करने के साथ ही इसे छोटे फंक्शन्स में बजा सकते हैं या कोई बैंड ज्वाइन कर सकते हैं और फ्रीलांसर के तौर पर धुन तैयार कर सकते हैं. अगर आपने अपने हाई स्कूल के दौरान ही कुछ वाद्य बजाने सीखे हैं तो जब तक कि आप वास्तव में एक नई शुरुआत करके कोई नया इंस्ट्रूमेंट बजाना न सीखना चाहें, तब तक आप इन्हें बजाना ही जारी रखें. म्यूजिक एक बढ़िया स्ट्रेस बस्टर के तौर पर भी जाना जाता है. आप कॉलेज में अपने एक थकान भरे दिन के बाद अपने पसंदीदा वाद्य पर कुछ गीतों की धुन बजा कर भी अपने मूड को फ्रेश कर सकते हैं. क्या पता कि आप को अपने जैसे और लोग भी मिल जायें और आप कॉलेज में अपना म्यूजिक बैंड शुरू कर दें. याद रखें कि कॉलेज प्रयोग करने, कुछ नया खोजने और सीखने के साथ ही अपने जुनून के बारे में पता लगाने का टाइम है.
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