भारतीय वायुसेना में विभिन्न गौरवान्वित पदों पर पात्र उम्मीदवारों की भर्ती के लिए एयर फोर्स द्वारा कॉमन एडमिशन टेस्ट (एफकैट) परीक्षा आयोजित कराई जाती है. एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट (एफकैट) परीक्षा भी उम्मीदवारों को एयर फोर्स के विभिन्न सेक्शन में परमानेंट कमीशन और शार्ट सर्विस कमीशन का अवसर प्रदान करती है. वायुसेना में कमीशन अधिकारी के रूप में भर्ती के लिए संघ लोक सेवा आयोग भी CDS और NDA की परीक्षाएं आयोजित करता है.
एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट (एफकैट) में महिला और पुरुष दोनों ही उम्मीदवार आवेदन के योग्य हैं. एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट (एफकैट) को उत्तीर्ण करने के बाद ही भारतीय वायुसेना में उम्मीदवारों की फ्लाइंग, टेक्निकल और ग्राउंड ड्यूटी ब्रांच में कमीशंड ऑफीसर के पदों पर भर्ती की जाती है.
इंडियन एयरफोर्स वर्ष में दो बार एफकैट परीक्षा का आयोजन कराता है. AFCAT परीक्षा के लिए आवेदन मई माह और दिसंबर माह में शुरू होते हैं, और एफकैट ऑनलाइन परीक्षा फरवरी और अगस्त माह में आयोजित होती है.
वायुसेना में अफसर और एयरमैन काडर की लिखित परीक्षा अब ऑनलाइन होती है. इस प्रॉजेक्ट के तहत ऑफिसर काडर के लिए एयर फोर्स कॉमन ऐडमिशन टेस्ट (AFCAT) आयोजित किया जाता है, जबकि एयरमैन काडर के लिए STAR (शेड्यूल्ड टेस्ट फॉर एयरमैन रिक्रूटमेंट). एफकैट को उत्तीर्ण करने के बाद ही उम्मीदवार भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग, टेक्निकल और ग्राउंड ड्यूटी ब्रांच में कमीशंड ऑफीसर के पदों पर भर्ती हो सकता है.
वायु सेना ने तीनों सेनाओं में IT आधारित ऑनलाइन टेस्ट को आधार बनाया है. इससे उन उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाने की कोशिश है, जो दूरदराज के इलाकों में रहते हैं. पूर्व में वायु सेना के पास अफसर काडर एग्जाम हेतु देशभर में 100 से ज्यादा सेंटर थे, जबकि एयरमैन काडर की परीक्षा हेतु 14 सेंटर ही थे. कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोई सेंटर नहीं था. अब देश भर में 760 परीक्षा केंद्र होंगे, जिससे उम्मीदवार को परीक्षा देने के लिए कम दूरी की यात्रा करनी पड़ेगी. इससे करीब 6 लाख कैंडिडेट्स को फायदा होगा, जो प्रति 6 महीने में होने वाली परीक्षाओं में शामिल होते हैं.
योग्यता : उम्मीदवार ने मैथ्स और फिजिक्स विषयों के साथ 12वीं परीक्षा पास की हो. इसके बाद ब्रांच के अनुसार न्यूनतम 60% अंकों के साथ स्नातक/ बीकॉम/ बीई/ बीटेक की डिग्री प्राप्त की हो. अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार संबंधित वेबसाइट चेक कर सकते हैं.
फ्लाइंग, ग्राउंड ड्यूटी ब्रांच (टेक्निकल / नॉन-टेक्निकल) में होती है भर्ती
फ्लाइंग ब्रांच में भर्ती होने के लिए आवेदक को बारहवीं परीक्षा मैथ व फिजिक्स के साथ उत्तीर्ण करने के अलावा ग्रेजुएशन या फिर 60 प्रतिशत अंकों के साथ बीई या बीटेक उत्तीर्ण होना चाहिए. उम्र 20 से 24 साल के भीतर होनी चाहिए.
ग्राउंड ड्यूटी टेक्निकल
जबकि टेक्निकल ब्रांच में एरोनॉटिकल इंजीनियर के पद पर भर्ती होने के लिए इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन या इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स आदि से ग्रेजुएशन मेंबरशिप पास किया हो. इसके तहत इलेक्ट्रानिक्स और मैकेनिकल जैसी ब्रांच के लिए भर्ती होती है. उम्मीदवार फिजिक्स और मैथ दोनों में अलग अलग 60% अंक के साथ मैकेनिकल इंजीनियरिंग / इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग / एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में 4 साल की डिग्री रखत हो. उम्र 20 से 26 साल होनी चाहिए.
ग्राउंड ड्यूटी नॉन – टेक्निकल
एडमिनिस्ट्रेशन एंड लॉजिस्टिक्स
- एडमिनिस्ट्रेशन एंड लॉजिस्टिक्स शाखा में भर्ती होने के लिए ग्रेजुएशन 60 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए. या फिर उम्मीदवार पोस्ट ग्रेजुएशन पास होना चाहिए.
- अकाउंटस ब्रांच के लिए कॉमर्स में ग्रेजुएट डिग्री या फिर पीजी सीए या आईसीडब्ल्यू पास होना चाहिए.
- एजूकेशन ब्रांच में भर्ती होने के लिए 50 प्रतिशत अंकों के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन होना चाहिए. इसके लिए उम्र सीमा 20 से 26 साल निर्धारित है.
- मीटीअरोलॉजी एंट्री- (ग्राउंड ड्यूटी नॉन – टेक्निकल)- मीटीअरोलॉजी के लिए किसी मान्यता प्राप्त विष्वविद्यालय से किसी भी विषय में पोस्ट ग्रेजुएट हों आवश्यक है. न्यूनतम आयु 20 वर्ष और अधिकतम 26 वर्ष होनी चाहिए.
एनसीसी स्पेशल एंट्री:
फ्लाइंग-
एनसीसी एयर विंग सीनियर डिवीजन ‘सी’ सर्टिफिकेट और अन्य विवरण फ्लाइंग शाखा की योग्यता के अनुसार. न्यूनतम आयु 20 वर्ष और अधिकतम आयु 24 वर्ष
एफकैट के लिए सिलेक्शन प्रोसेस-
एयरफोर्स कॉमन एडमीशन टेस्ट (एफकैट) में लिखित परीक्षा के बाद इंजीनियरिंग नॉलेज टेस्ट -टेक्निकल ब्रांच, इंटलीजेंस टेस्ट, साइकोलॉजिकल टेस्ट, ग्रुप टेस्ट, मेडिकल टेस्ट और इंटरव्यू प्रोसेस से गुजरना होता है.
AFCAT (एफकैट) के लिए, IAF द्वारा लिखित परीक्षा में न्यूनतम योग्यता प्राप्त उम्मीदवारों की सूची तैयार की जाती है. ऑनलाइन AFCAT में सफल उम्मीदवारों को वायु सेना चयन बोर्ड के लिए कॉल किया जाता है. एनसीसी स्पेशल एंट्री और मीटीअरोलॉजी शाखा के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को सीधे एएफएसबी के किसी सेंटर AFSB केंद्र देहरादून (1 AFSB), मैसूरु (2 AFSB), गांधीनगर (3 AFSB) और वाराणसी (4 AFSB) पर बुलाया जाएगा. फ्लाइंग ब्रांच के उम्मीदवारों के लिए केवल देहरादून, मैसूर और वाराणसी केंद्र निर्धारित हैं.
एएफएसबी टेस्ट-
एएफएसबी में परीक्षण हेतु तीन स्टेज होते हैं जो निम्न हैं: -
(I) स्टेज - I- यह एक स्क्रीनिंग परीक्षा है, पहले दिन ऑफिसर इंटेलिजेंस रेटिंग टेस्ट पिक्चर परसेप्शन और चर्चा परीक्षण आयोजित किया जाता है. इसी दिन डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन भी किया जाता है.
(Ii) स्टेज- II- पहले दिन ही (दोपहर) बाद मनोवैज्ञानिक टेस्ट आयोजित किया जाता है. उसके बाद अगले पांच दिनों के लिए जीडी और इंटरव्यू का दौर चलता है.
(iii) फ्लाइंग ब्रांच- कम्प्यूटराइजड पायलट सिलेक्शन सिस्टम (CPSS) के तहत केवल अनुशंसित उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाती है. इसके लिए जीवन में एक ही बार मौका मिलता है. वे अभ्यर्थी जो पहले प्रयास में ही CPSS / PABT में असफल रहे हैं या वायु सेना अकादमी में उड़ान प्रशिक्षण से निलंबित फ्लाइट कैडेट पात्र नहीं होंगे.
आयु सीमा: फ्लाइंग ब्रांच के लिए न्यूनतम 20 वर्ष और अधिकतम 24 वर्ष होनी चाहिए. ग्राउंड ड्यूटी ब्रांच के लिए अधिकतम 26 वर्ष निर्धारित है.
वैवाहिक स्थिति-
25 वर्ष से कम आयु का उम्मीदवार अविवाहित होना चाहिए.
प्रशिक्षण के दौरान भी आप शादी नहीं कर सकते.
25 वर्ष के बाद के शादी के उम्मीदवार पात्र हैं.
फिजिकल मान दंड-
फ्लाइंग ब्रांच, ग्राउंड ड्यूटी (टेक्निकल) ब्रांच, ग्राउंड ड्यूटी (नॉन-टेक्निकल) ब्रांच-
पुरुषों के लिए लम्बाई – 157.5 सेंटीमीटर तथा कद के समानुपातिक भार और समानुपातिक छाती, पांच सेमी क्षमता सहित होनी चाहिए.
महिलाओ के लिए लम्बाई – 152 सेंटीमीटर
उम्मीदवार को वर्णान्धता, रतौंधी रोग न हो और न ही चश्माधारी होना चाहिए. उसे किसी भी प्रकार के शारीरिक दोष व बीमारी से मुक्त होना चाहिए. कुल मिलाकर अभ्यर्थी का स्वास्थ्य व मानसिक स्तर ऐसा हो जो सेना में भर्ती होने के लिए निर्धारित चिकित्सकीय मानकों को पूरा करता हो.
प्रशिक्षण-
स्थायी कमीशन (परमानेंट कमीशन) (पुरुष) व अल्पकालिक सेवा कमीशन (शार्ट सर्विस कमीशन) (महिला) के लिए चयनित उम्मीदवारों को वायु सेना अकादमी, हैदराबाद, या अन्य फ्लाइंग कैडेट की हैसियत से प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है. वायु सेना प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों में ग्राउंड ड्यूटी (नॉन – टेक्निकल) शाखाओं के लिए 52 सप्ताह है और फ्लाइंग और ग्राउंड ड्यूटी (टेक्निकल) शाखाओं के लिए प्रशिक्षण की अनुमानित अवधि 74 सप्ताह है. प्रशिक्षण के सफल समापन के बाद उन्हें फ्लाइंग आफीसर के रुप में नियुक्ति दे दी जाती है. शुरुआती सेवावधि कमीशन मिलने से दस वर्ष तक की होती है, जिसे पांच वर्ष तक विस्तारित किया जा सकता है.
शारीरिक फिटनेस-
उम्मीदवार को 10 मिनट में 01 मील (1.6 किलोमीटर) दौड़, 10 पुश अप और 3 चिन अप करने में सक्षम होना चाहिए.
शारीरिक कंडीशनिंग-
जिसमें रनिंग, स्विमिंग, रस्सी पर चढ़ना और शारीरिक प्रशिक्षण / कंडीशनिंग के अन्य प्रकार शामिल हैं.
(i) रनिंग: 15 मिनट में 4 किमी तक (ii) स्किपिंग (iii) पुश अप्स और सिट-अप्स: न्यूनतम 20 प्रत्येक (iv) चिन अप्स: 08. (v) रोप क्लाइम्बिंग: 3 से 4 मीटर (vi) स्विमिंग (25 मी).
वेतन-भत्ते-
प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेंड (वजीफा) रु. 56,100/- दिया जाता है. नियुक्ति के बाद उम्मीदवार को लेवल 10 के अनुसार वेतन भुगतान किया जाता है. फ्लाइंग ऑफिसर के लिए यह डिफेन्स मैट्रिक्स के अनुसार रु. 56,100- 110700/- होता है. उम्मीदवार को रु. 15500/- एमएसपी प्रदान किया जाता है. इसके अलावा सेना द्वरा प्रदत्त अन्य सुविधाएँ भी उम्मीदवार को प्रदान की जाती हैं.
टैटू-
यदि किसी उम्मीदवार को शरीर पर टैटू का शौक है तो स्थाई टैटू केवल बाजू के अन्दरूनी भाग में ही अनुमेय है अर्थात बाजू के अन्दरूनी भाग से कलाई तक और हथेली का पिछ्ला भाग/ हाथ का पिछ्ला भाग (पृष्ठीय) शरीर पर स्थित टैटू शरीर के किसी और भाग में नहीं होना चाहिए और यदि है तो अभ्यर्थी को भर्ती प्रक्रिया से हटा दिया जाएगा.
उम्मीदवार इस सम्बन्ध में आईएएफ की वेबसाइट पर जाकर आधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं. बेवसाइट का पता www.careerairforce.nic.in और afcat.cdac.in/AFCAT है.
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