केरल के मध्यमवर्गी परिवार से आने वाली आर्य अपनी इस जीत से जितनी उत्साहित हैं उतना ही इस पद की ज़िम्मेदारी के लिए तैयार भी हैं। उनके माता-पिता भी CPI(M) पार्टी के कार्यकर्ता हैं। हालांकि उन्होंने अपना राजनीतिक सफर परिवार के प्रभाव से अलग अपनी खुद की सोच के मुताबिक़ शुरू किया। वह स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की एक कार्यकर्ता हैं और साथ ही वाम दल के बच्चों की विंग बालासंगम की प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
B.Sc. सेकंड ईयर की छात्रा हैं आर्य
तिरुवनंतपुरम के ऑल सेंट्स कॉलेज में बीसीएस मैथ्स द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं आर्य राजेंद्रन। उन्होंने सीपीआई-एम से सम्बंधित बच्चों के संगठन बालसंगम में बाल कार्यकर्ता के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी। वह उस समय 5वीं कक्षा में थी।
स्वास्थ्य सुविधाओं और वेस्ट मैनेजमेंट पर काम करना चाहती हैं आर्य
मेयर के तौर पर अपनी प्राथमिकताओं के बारे में आर्य कहती हैं, "अपशिष्ट प्रबंधन (वेस्ट मैनेजमेंट) मेरे वार्ड के साथ-साथ शहर के बाकी हिस्सों के लिए सबसे पहला और महत्वपूर्ण केंद्र है और मैं इसके लिए काम करना चाहती हूँ। इसके अलावा महत्वपूर्ण रूप से, मुदवनमुगल में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) स्थापित करना होगा। खासकर COVID-19 के समय में यह महत्वपूर्ण है कि वार्ड स्तर पर PHC हो। कई लोग अस्पतालों में जाने के लिए अनिच्छुक हैं, विशेष रूप से अन्य बीमारियों से पीड़ित लोग। इसलिए 24 घंटे खुला रहने वाले PHC और सभी के लिए सुलभ होना बहुत जरूरी है। मैं इन सभी विषयों पर तुरंत प्रभाव से काम करना चाहती हूँ। इसके अलावा युवाओं, महिलाओं और छात्रों पर केंद्रित कार्यक्रम भी लांच किये जाएंगे।"
2800 से अधिक वोट हासिल कर जीतीं नगर निगम चुनाव
आर्य ने नगर निगम के मुडवानमुगल वार्ड से 2,872 वोट हासिल किए, जो प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के उम्मीदवार से 549 अधिक है। आर्य से पहले थिरुवनंतपुरम के मेयर रहे 34 वर्षीय वीके प्रसांथ थिरुवनंतपुरम के सबसे युवा मेयर थे। हालांकि आर्य ने 21 साल की उम्र में मेयर बन यह उपाधि अपने नाम कर ली है। वह ना केवल थिरुवनंतपुरम बल्कि सम्पूर्ण भारत में सबसे कम उम्र की मेयर बन गई हैं।
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