IAS प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी में, मौजूदा मामलों पे आधारित एमसीक्यू और सवालों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। वर्तमान मामलों और राष्ट्र की आर्थिक और राजनीतिक ढांचे के मुद्दों पर IAS परीक्षा का केंद्रीय हिस्सा होता है।
वित्तीय पर्यवेक्षण में संसद की भूमिका
हम IAS प्रारंभिक परीक्षा 2017 के लिए मौजूदा मामलों पर आधारित सवालों की सूचि प्रदान करते रहेंगे। जो परीक्षा में सवाल पूछे जा सकते हैं उन्ही पर आधारित क्विज यहाँ बनाया गया है ताकि स्टूडेंट्स और बेहतर जानकारी हासिल कर पाये।
1. निम्नलिखित बीआरएस (BRS) सम्मलेन से जुड़े कथनों पर विचार करें.
1) बेसल, रॉटरडैम, तथा स्टॉकहोल्म सम्मलेन बहुपक्षीय पर्यावरण समझौते हैं.
2) अनवरत जैविक प्रदूषकों से जुदा बेसल सम्मलेन इंसानी स्वास्थ्य को संरक्षित करने हेतु एक वैश्विक संधि है.
3) स्टोल्कहोम सम्मलेन, खतरनाक अपशिष्टों का सीमा पार संचार पर रोक लगाने पर आधारित है.
उपरोक्त में से कौन से कथन सत्य हैं ?
a. 1 और 2
b. केवल 1
c. केवल 1 और 3
d. 1, 2, और 3
उत्तर : b
व्याख्या:
बेसल, रॉटरडैम तथा स्टाल्कहोम सम्मलेन बहुपक्षीय पर्यावरण सम्बंधी समझौते हैं जो इंसानी स्वाथ्य तथा पर्यावरण को खतरनाक रासायनिक अपशिष्टो से बचाने की बात करते हैं.
बेसल सम्मलेन में खतरनाक अपशिष्टो तथा कीटनाशको के सीमा पार संचार को रोकने के लिए समझौते हुए.
रॉटरडैम सम्मलेन में कुछ निश्चित रसायनों तथा कीटनाशकों के अन्तराष्ट्रीय व्यापार में नियंत्रण को ले कर समझौते हुए. इन सभी सम्मेलनों में आपसी सहयोग तथा सामंजस्य बढ़ाने के लिए इन सम्मेलनों में कुछ गंभीर निर्णय लिए गए हैं. इस तरह की सहयोग प्रक्रिया में यह समझोते हुए की इन सम्मलेनो में लिए गए निर्णयों को राष्ट्रीय, स्थानीय तथा वैश्विक स्तर पर क्रियान्वयन होना चाहिए
2. महात्मा गांधी NREGS ने 1 करोड से ज्यादा परिसम्पत्तियों की भू-टैगिंग करने तथा उन्हें सार्वजनिक ज्ञानक्षेत्र में लाने से एक नए मील का पत्थर तैयार कर लिया है. भू-टैगिंग से जुड़े निम्न कथनों पर गौर कीजिये:
1) भू मनरेगा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रायल द्वारा उठाया गया एक अनौखा कदम है.
2) मनरेगा के तहत हर एक गाँव का भू-टैगिंग से जुड़ा समझौता एक ज्ञापन निकला गया है.
3)यह अपेक्षित है कि यह कदम पारदर्शिता तथा जवाबेही में बढ़ोत्तरी करेगा.
उपरोक्त में से कौन सा कथन सत्य है ?
a.केवल 1
b. केवल 2
c. 1 और 2
d. 2 और 3
उत्तर : d
व्याख्या:
महात्मा गांधी मनरेगा ने एक करोड़ से ज्यादा परिसम्पत्तियो का भू-टैगिंग करके उन्हें सार्वजनिक ज्ञान क्षेत्र में डाल के एक नयी ऊंचाई को छुवा है. नरेगा के अंतर्गति सृजित परिसंपत्तियों का आकार अत्य न्त विशाल हो चुका है। वित्तीेय वर्ष 2006-07 में प्रारंभ हुए इस कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक करीब 2.82 करोड़ रुपये मूल्य की परिसंपत्तियां सृजित की जा चुकी हैं।
इसके अंतर्गत हर वर्ष औसतन करीब 30 लाख परिसंपत्तियों का निर्माण किया जाता है, जिनमें अनेक कार्य शामिल होते हैं, जैसे जल संरक्षण ढांचों का निर्माण, वृक्षारोपण, ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का सृजन, बाढ़ नियंत्रण के उपाय, स्था0यी आजीविका के लिए व्यकक्तिगत परिसंपत्तियों का निर्माण, सामुदायिक ढांचा और ऐसी ही अन्यं परिसंपत्तियां शामिल होती हैं। मनरेगा परिसंपत्तियों को भू-चिन्हित यानी जिआ-टैग करने की प्रक्रिया जारी है और इस कार्यक्रम के अंतर्गत सृजित सभी परिसंपत्तियां जिआ-टैग की जाएंगी। राष्ट्री्य प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन कार्यों, विशेष रूप से जल संबंधी कार्यों को भू-चिन्हित यानी जिआ-टैग करने पर विशेष ध्यांन केन्द्रित किया जा रहा है।
जिआ-मनरेगा ग्रामीण विकास मंत्रालय का एक बेजोड़ प्रयास है, जिसे राष्ट्री य दूर संवेदी केन्द्र (एनआरएससी), इसरो और राष्ट्री य सुचना विज्ञान केन्द्रर के सहयोग से अंजाम दिया जा रहा है। इसके लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 24 जून 2016 को एनआरएससी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्तायक्षर किए थे। इसके अंतर्गत प्रत्येमक ग्राम पंचायत के अंतर्गत सृजित परिसंपत्तियों को जिओ-टैग किया जाना है। इस समझौते के फलस्वसरूप राष्ट्रीकय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थासन की सहायता से देशभर में 2.76 लाख कार्मिकों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उम्मी्द की जा रही है कि भू-चिन्हित करने की प्रकिया से फीड स्तंर पर जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी।
3. भारतीय नेवी ने ब्रह्मोस, जो समुद्र से जमीन से आक्रमण करने वाली क्रूज प्रक्षेपात्र है,का सफलतापूर्वक अधिग्रहण किया है. ब्रह्मोस प्रक्षेपात्र से जुड़े निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये.
1) ब्रहमोस एक लम्बी दूरी का रैमजेट सुपरसोनिक क्रूज प्रक्षेपात्र है.
2) ब्रहमोस को पनडुब्बी, समुद्री जहाज, हवाई जहाज, या जमीन से प्रक्षेपित किया जा सकता है.
उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है.
a. केवल 1
b केवल 2
c दोनों 1 और 2
d. न 1 न 2
उत्तर: b
व्याख्या:
यह मिसाइल 300 किलोग्राम आयुध ले जाने में सक्षम है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारियों द्वारा जारी जानकारी के अनुसार चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से एक मोबाइल लॉन्चर की सहायता से क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया गया.
इससे पहले किये गये परीक्षण में मिसाइल की क्षमता 290 किलोमीटर थी. भारत द्वारा मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजाइम (एमटीसीआर) से जुड़ने के बाद इसकी मारक क्षमता 450 किलोमीटर हो गयी.
ब्रह्मोस भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित अब तक की सबसे आधुनिक क्रूज मिसाइल है. मिसाइल की रेंज बढ़ाने के लिए इसके सॉफ्टवेयर में बदलाव किया गया है. ब्रह्मोस मिसाइल के सॉफ्टवेयर और इंटरनल डायनेमिक्स में बदलाव करके यह सफलता प्राप्त की गयी. इसके अतिरिक्त 800 किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज के एक अन्य वर्जन का भी विकास किया जा रहा है जिसे पूरी तरह तैयार होने में दो से ढाई वर्ष लग सकते हैं.
4. क्वालिटी मार्क अवार्ड योजना से जुड़े निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
I."गुणवत्ता निशान" पुरस्कार योजना , डेयरी सहकारी को प्रोत्साहन तथा सुरक्षा देने तथा दूध की गुणवत्ता बढाने के लिए किया गया है.
II.इस योजना का उद्देश्य दुग्ध उत्पादों की पूरी मूल्य श्रंखला को केवल विदेशी बाजारों के लिए बेहतर बनाना है.
III. “गुणवत्ता निशान” पुरस्कार को देश के दुग्ध सहकारी ग्राहकों में विश्वास बढाने के लिए आयोजित किया गया है.
उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है ?
a. केवल I
b. I और II
c. I और III
d. उपरोक्त सभी
उत्तर : c
व्याख्या:
पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग ने "श्वेत क्रांति" योजनाओं के अंतर्गत एक अभिनव पहल के रूप में, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) द्वारा सहकारी डेयरी समितियों के लिए एक "गुणवत्ता निशान" पुरस्कार योजना की पहल का स्वागत किया है ताकि दूध और दुग्ध उत्पादों की सुरक्षा, गुणवत्ता और स्वच्छता को और प्रोत्साहित किया जा सके। इसका उद्देश्य उत्पादक से उपभोक्ता तक पूरी मूल्य श्रृंखला में प्रक्रिया सुधार के द्वारा घरेलू और विदेशी बाजार दोनों में दूध और दुग्ध-उत्पादों की एक सुरक्षित और उत्तम गुणवत्ता की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। एक वर्ष से अधिक तक इस प्रक्रिया और पुरस्कार व्यवस्था पर लम्बे विचार-विमर्श के बाद यह गुणवत्ता निशान योजना 6 जनवरी-2016 को शुरू की गई थी। इस पहल में खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता प्रबंधन के लिए कोई नया / अतिरिक्त सिस्टम प्रस्तावित नहीं किया गया है, अपितु यह आवश्यक प्रक्रियाओं के प्रत्येक बिंदु के लिए न्यूनतम मानकों को निर्धारित करता है ताकि उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) 1998 के ट्रेडमार्क अधिनियम के तहत गुणवत्ता चिह्न का लोगो दर्ज करने की प्रक्रिया में है। गुणवत्ता चिह्न के मानदंडों को पूरा करने वाली डेयरी इकाइयों को दूध और दूध उत्पादों की पैकिंग पर इस लोगो का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी तथा गुणवत्ता चिह्न की अनुमति एक विशिष्ट डेयरी यूनिट एवं उस यूनिट में एक विशिष्ट उत्पाद प्रक्रिया सम्बंधित होगी। यह चिन्ह पैकेजिंग पर ही छापा जा सकता है या फिर एक लेबल के जरिये उत्पाद की पैकिंग पर चिपकाया जा सकता है। दुग्ध और दुग्ध-उत्पादों के पैकेजों पर गुणवत्ता चिह्न का लोगो/प्रतीक यह इंगित करता है कि इस डेयरी यूनिट ने निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुसार दूध और दूध उत्पादों के निर्माण में खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के अनुसार आवश्यक सभी प्रक्रियाओं को अपनाया और कार्यान्वित किया है।
इसका मूल्यांकन एक दो चरण प्रक्रिया है और वे चरण हैं पूर्व-मूल्यांकन और अंतिम मूल्यांकन। पूर्व-मूल्यांकन मुख्यतः गांव के स्तर पर खरीद और प्रसंस्करण की बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता, जन प्रशिक्षण एवं खुदरा बिक्री पर ध्यान केन्द्रित करता है। केवल वे डेयरी इकाइयां जो प्रारंभिक मूल्यांकन में 70% से अधिक अंक अर्जित करती हैं वही अंतिम मूल्यांकन के लिए चुनी जाती हैं और यह अंतिम मूल्यांकन तीन विशेषज्ञों की एक टीम के द्वारा किया जाता है, जिनमें से एक विशेषज्ञ बाहर से होता है। अंतिम मूल्यांकन 45 महत्वपूर्ण और 97 प्रमुख मापदंडों के आधार पर किया जाता है जो संसाधित दूध और दूध उत्पादों की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं। गुणवत्ता चिह्न का पुरस्कार गुणवत्ता, खाद्य सुरक्षा मानकों का अनुपालन तथा समझौते की अन्य नियमों और शर्तों के अनुपालन के अधीन यह तीन वर्षों के लिए वैध होगा।
गुणवत्ता चिह्न के लिए दिशानिर्देश दस्तावेज को अंतिम रूप नवंबर 2014 और 11 अगस्त, 2015 को आनंद और दिल्ली में हुई बैठकों में सामूहिक विचार-विमर्श के आधार पर दिया गया था। इस गुणवत्ता चिन्ह को पाने के लिए इच्छुक राज्य दूध संघों / सहकारी डेयरियों / शैक्षिक संस्थानों / सरकारी डेयरियों आदि को गुणवत्ता चिह्न प्रबंधन (क्यूएम) दस्तावेज के अनुसार आवेदन करना होता है।
5. हाल ही में भारतीय नेवी ने ब्रह्मोस प्रक्षेपात्र को अपने में शामिल किया. यह प्रक्षेपात्र निम्न में से किस देश के सहयोग के साथ बनायी गई है.
a. रूस
b. इजराइल
c. जापान
d. अमेरिका
उत्तर : a
व्याख्या:
इस परीक्षण के साथ ही भारत अमेरिका, चीन, रूस और ब्रिटेन जैसे उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है, जिनके पास ऐसी क्षमता वाली मिसाइल है.मिसाइल ब्रह्मोस भारत और रूस ने संयुक्त रूप से विकसित की.इसका पोत रोधी संस्करण पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चुका है.यह दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है जो ऑपरेशन में है.नौसेना के कोलकाता, रणवीर और तेज जैसे ज्यादातर प्रमुख युद्धपोत इस मिसाइल को दागने में सक्षम हैं.नौसेना के आईएनएस तेग से जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस का परीक्षण किया गया.भारतीय नौसेना ने अभी तक ब्रह्मोस के पोत रोधी संस्करण का ही परीक्षण.
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