दुनिया भर में बच्चे या स्टूडेंट्स कम उम्र में ही पैसों का लेन-देन करना सीखने लगते हैं लेकिन, हमारे देश में अक्सर स्टूडेंट्स का सारा खर्च उनके पेरेंट्स और गार्जियंस उठाते हैं. स्कूल लाइफ के बाद अक्सर अधिकतर स्टूडेंट्स अपने परिवार से दूर किसी दूसरे शहर के किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेते हैं और अब, इन स्टूडेंट्स के पेरेंट्स या गार्जियंस इन्हें प्रत्येक महीने एक निर्धारित राशि खर्च के तौर पर भेजते हैं. अब, इस निर्धारित राशि में ही किसी हॉस्टल या PG में रहने वाले कॉलेज स्टूडेंट्स को अपनी पढ़ाई के साथ ही अन्य सारा खर्च उठाना पड़ता है. लेकिन, कॉलेज के शुरू के दिनों में कई स्टूडेंट्स को अपने लिए मनी मैनेजमेंट करना काफी मुश्किल लगता है. अगर वे स्टूडेंट्स फाइनेंशियल लिटरेट न हों तो मनी मैनेजमेंट उनके लिए सबसे मुश्किल काम बन जाता है.
स्टूडेंट्स की इस दिक्कत की सबसे बड़ी वजह तो यह है कि इससे पहले घर में आपके पेरेंट्स आपके रुपये - पैसे का इंतजाम करते थे और वे आपको हर महीने पॉकेट मनी देते थे. लेकिन अपने स्कूल के दिनों में आपको सोच-समझ कर पैसे खर्चने की चिंता कभी नहीं हुई. अगर आपके पास रुपये-पैसे खत्म हो गये तो आपने अपने मॉम या डैड से और रुपये मांग लिये. लेकिन कॉलेज में आते ही मानो सब कुछ बदल जाता है. आपसे यह उम्मीद की जाती है कि आप अपने सभी खर्च खुद मैनेज करेंगे. अपनी इनकम, सेविंग और खर्च का पूरा हिसाब रखेंगे. अगर आपने यह सब पहले कभी नहीं किया है और अब अपने रुपये-पैसे का हिसाब-किताब पहली बार रख रहे हैं और वह भी खुद ही, तो आपका डर जाना बिलकुल स्वाभाविक है. इसलिये, नीचे कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए फाइनेंशियल लिटरेसी के कुछ आवश्यक आस्पेक्ट्स दिए जा रहे हैं.
बजट बेसिक्स जानना स्टूडेंट्स के लिए है बहुत जरुरी
किसी भी कॉलेज स्टूडेंट के लिए बजट बनाना सीखना एक बहुत जरुरी स्किल है. विशेष तौर पर तब, जब आप अपने घर-परिवार से दूर रहते हैं और अपने लिए हर चीज का इंतजाम आपको खुद करना होता है. इसके अलावा, किसी इंसान के लिए अपने वित्त या रुपये का प्रबंध करने के लिए बजट बनाना सबसे मूल पहलू है. मोबाइल एप्लीकेशन्स आने के साथ ही आपके स्मार्ट फ़ोन्स पर अब उपलब्ध ढेरों बजट एप्स से आजकल बजट बनाना और मैनेज करना बहुत आसान हो गया है. इसलिये, भले ही आप कोई मैथ्स एक्सपर्ट नहीं हैं तो भी आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. ये एप्स आपके लिए यह पता लगाना बहुत आसान बना देते हैं कि आखिर आपका पैसा गया कहां और आप अपने खर्च कम कैसे कर सकते हैं. हालांकि, उपयुक्त बजट के बिना आपके लिए अपने रुपये-पैसे का प्रबंध करना अत्यंत कठिन कार्य साबित हो सकता है.
रेट ऑफ़ इंटरेस्ट की जानकारी और समझ का है विशेष महत्त्व और लाभ
हाई स्कूल में इंटरेस्ट के सिद्धांतों पर मैथमेटिकल लेक्चर्स में अवश्य चर्चा होती है. लेकिन अब ये व्यावहारिक रूप से आपके जीवन में लागू होने जा रहे हैं. आप चाहे इसे मानें या नहीं, इंटरेस्ट के सिद्धांतों की मूलभूत समझ रखना आपके लिए बहुत जरुरी है. इससे आपको कुछ और ज्यादा धन बचाने में मदद मिलती है. अगर आपने कोई शैक्षिक ऋण लिया है तो बैंक आपकी ऋण राशि पर इंटरेस्ट वसूलता है और एक लंबी अवधि तक ज्यादा रुपये के भुगतान से बचने के लिए इन सिद्धांतों को समझना आपके लिए बहुत आवश्यक है. ये स्किल्स कॉलेज लाइफ के बाद भी आपके काफी काम आयेंगे. इसलिये, इन्हें जीवन के शुरू में ही सीख लेना बहुत अच्छा रहेगा.
सेविंग करना सीखते हैं स्टूडेंट्स
निसंदेह, अपने धन की व्यवस्था करने में यह सबसे जरुरी हिस्सों में से एक है. सिर्फ बचत करने के लिए ही धन की व्यवस्था करने की पूरी प्रक्रिया चलती रहती है. जबतक आप कुछ रुपये बचाना नहीं चाहते, तब तक आपके बजट बनाने और धन को मैनेज करने की मुसीबत से जूझने का कोई अर्थ नहीं होता है. लेकिन शुरू के वर्षों में अधिकांश छात्र बचत के महत्व को समझ नहीं पाते हैं. खर्चीला जीवन बिताना, दोस्तों के साथ पार्टी करना और जो मन चाहे, वह सब खरीद लेना जीवन जीने का बहुत ज्यादा लुभावना ढंग लगता है. लेकिन जल्दी ही या कुछ समय के बाद इसके खतरनाक परिणाम आपके सामने आते हैं जब तक कि आप कुछ रुपया बचाना नहीं शुरू कर देते. आपके लिए जीवन के शुरू के वर्षों अर्थात कॉलेज में बचत करने की कला सीखना बहुत ज्यादा फायदेमंद रहता है क्योंकि जब आप कॉरपोरेट लाइफस्टाइल जीना शुरू करेंगे तो इससे आपको बहुत मदद मिलेगी.
क्रेडिट-डेबिट कार्ड्स का सही इस्तेमाल करना सीख सकते हैं स्टूडेंट्स
अधिकांश स्टूडेंट्स अपने वालेट्स में क्रेडिट कार्ड रखना चाहते हैं. लेकिन वे अपने वालेट्स में इसे रखने के बुरे नतीजों के बारे में नहीं सोच पाते हैं. असल में, ऋण लेने से ऋण देना आसान होता है. अगर ठीक से इस्तेमाल किया जाए तो क्रेडिट कार्ड्स बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं. लेकिन अगर गलत इस्तेमाल किया जाए तो ये आपको बरबाद कर सकते हैं. यंगस्टर्स होने के नाते, हम बिना सोचे-समझे और गैर-जरुरी खरीदारी करने के फैसले यकायक ले सकते हैं, जिनसे हमारी बाद की जिंदगी पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं. ऐसी गलतियों से बचने के लिए, अपने जीवन के शुरू में ही क्रेडिट और डेबिट के सिद्धांत समझ लेना आपके लिए बहुत अच्छा रहता है.
थेफ़्ट इश्यूज की पहचान और सुरक्षा के उपाय
इस डिजिटल युग में ऑनलाइन मनी ट्रांस्जेक्शन, डिजिटल वालेट्स और ऐसी अन्य सुविधाओं से जहां एक ओर हमारा जीवन काफी आसान बन गया है वहीं दूसरी ओर चोरी और धोखे के भी नये रास्ते खुले हैं. अब क्योंकि हमने अपनी ज्यादातर जरूरतों के लिए ऑनलाइन शॉपिंग करना शुरू कर दिया है, हमारी वित्तीय जानकारी कई प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध रहती है. इसलिये, अब यह हैकर्स को आसानी से मिल सकती है. अब हम बड़ी आसानी से धोखाधड़ी के शिकार बन जाते हैं. सुरक्षा उपायों की जानकारी रखकर ऑनलाइन ट्रांस्जेक्शन करते समय उनका इस्तेमाल करना आज के समय की पहली मांग है. अपना पासवर्ड किसी से भी शेयर न करना, अपनी वित्तीय जानकारी ऑनलाइन कम से कम देना या इसे केवल विश्वस्त प्लेटफॉर्म्स के साथ शेयर करना कुछ ऐसे सुरक्षा उपाय हैं जिन्हें अपनाकर आप ऑनलाइन चोरी और धोखे से काफी हद तक सुरक्षित रह सकते हैं.
कॉलेज स्टूडेंट्स इन मनी मैनेजमेंट के बेसिक आस्पेक्ट्स पढ़े, समझें और इनका पालन करें. इसके साथ ही इन आस्पेक्ट्स की और ज्यादा जानकारी प्राप्त करें. ऊपर दिए गए ये सभी पॉइंट्स आपको फाइनेंशियल लिटरेसी का मात्र परिचय ही देते हैं. अच्छे ढंग से अपनी मनी मैनेज करने के लिए, इन सभी टॉपिक्स के बारे में और अधिक जानकारी जुटायें.
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