फोरेंसिक फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट को लेटेन्ट प्रिंट एक्जामिनर भी कहते हैं. फोरेंसिक साइंटिस्ट लोकल अथवा राज्य पुलिस के इम्प्लोयी होते हैं. आजकल फिल्मों तथा टीवी सिरिअल्स में फोरेंसिक साइंटिस्टों के ग्लेमराइजड प्रोफेशन को देखते हुए युवाओं में इस जॉब के प्रति गहरा आकर्षण देखा जा रहा है. फिंगरप्रिंट एनालिसिस वास्तव में अपराध और अपराधियों के खिलाफ सच्चाई के जंग की एक अभिन्न विधि है. विदेशों में इस जॉब की काफी डिमांड है तथा वहाँ इसे एक रोमांचक और चैलेन्जिंग कैरियर के तौर पर देखा जाता है.
क्या होते हैं फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट के कार्य -
फोरेंसिक प्रिंट एनालिसिस क्राइम सीन इन्वेस्टीगेशन का बहुत पुराना तरीका है. किसी भी अपराध के कारित होने के बाद पुलिस और सीबीआई के कर्मचारियों के साथ फिंगर प्रिंट एनालिस्ट का घटनास्थल पर मौजूद होना आवश्यक होता है ताकि घटना से जुड़े अनडिस्टर्ब क्लू को एकत्रित किया जा सके. सबूतों को इकठ्ठा करने के बाद उन्हें लेबोरेटरी एनालिसिस के लिए ले जाया जाता है. जहाँ जाँच के बाद फिंगरप्रिंट के नमूने को स्टेट और नेशनल डाटाबेस पर लोड कर दिया जाता है ताकि उसे क्रिमिनल और गुमशुदा लोगों के रिकार्ड से मिलाकर जाँच को आगे बढाया जा सके.
फिंगरप्रिंट एनालिस्ट को निम्नलिखित कार्यों के लिए बुलाया जाता है :
- अलग अलग तरह के फिंगरप्रिंट के नमूने एकत्रित करने के लिए.
- फोटोग्राफिक और कंप्यूटर उपकरणों द्वारा प्रत्यक्ष फिंगरप्रिंट्स की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए.
- लैटेंट प्रिंट्स की पहचान और उनको लेबल करने के लिए
- लैटेंट प्रिंट्स से ज्ञात चिन्हों की पहचान को सत्यापित करने के लिए
- जाँच और उनके परिणाम की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए
- फिंगरप्रिंट के नमूनों को लैब एनालिसिस के लिए रक्षित करने के लिए
- फिंगरप्रिंट के नमूनों की तुलना करने के लिए उन्हें स्टेट और नेशनल डेटाबेस में लोड करने के लिए
- फिंगरप्रिंट के आधार पर संदिग्ध अपराधियों की पहचान करने के लिए
कार्य क्षेत्र -
फोरेंसिक फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट का कार्यक्षेत्र काफी विस्तृत है. सरकारी एजेंसियां, पुलिस, लॉ फर्म, अस्पताल , प्रोसिक्यूटर ऑफिस, इंश्योरेंस कम्पनियाँ, कंसल्टिंग फर्म्स इत्यादि अनेक क्षेत्रों में इनकी दरकार हुआ करती है.
अभ्यर्थी अपनी पसंद के हिसाब से अपने लिए कार्यक्षेत्र का चुनाव कर सकते हैं.
फोरेंसिक फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट कैसे बनें -
फोरेंसिक फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट का जॉब काफी चैलेंजिंग होता है इसके लिए इच्छुक लोगों को हाई स्कूल से हीं साइंस और क्रिमिनल जस्टिस जैसे विषयों पर फोकस करना चाहिए. स्कूल के वेकेशंस में लोकल लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसियों में जाकर फोरेंसिक टीम के कार्यों को सूक्ष्मता से देखना चाहिए. इंडिया में बहुत सी एजेंसियाँ हैं जो प्रोफेशनल और सर्टिफाइड फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट की जॉब के लिए ऑनलाइन डिस्टेंस लर्निंग कोर्स भी करवाती हैं.कुछ छोटे रूरल फील्ड्स में इसके लिए ऑन द जॉब ट्रेनिंग भी दी जाती है.
फोरेंसिक फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट के लिए शैक्षणिक योग्यता -
किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से
- बैचलर ऑफ़ आर्ट्स इन सोशल एंड क्रिमिनल जस्टिस
- बैचलर ऑफ़ साइंस इन क्रिमिनल फोरेंसिक
- बैचलर ऑफ़ साइंस इन बायोलॉजिकल साइंस
- बैचलर ऑफ़ साइंस इन फॉरेंसिक साइंस
- केमिस्ट्री या बायोलॉजी में स्पेशलाइज़ेशन के साथ फॉरेंसिक साइंस बैचलर डिग्री
फॉरेंसिक साइंस बैचलर डिग्री में निम्नलिखित कोर्सवर्क का अध्ययन शामिल है :
- बायोलॉजिकल प्रिंसिपल्स
- जेनेटिक्स
- इंट्रोडक्शन टू क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम
- क्रिमिनल प्रोसीजर
- प्रिंसिपल्स ऑफ़ जुडिशियल प्रैक्टिस
- सर्वे ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस
- क्राइम सीन इन्वेस्टीगेशन
- फॉरेंसिक साइंसेज
- फॉरेंसिक साइंसेज लैब
- फिजिक्स
फोरेंसिक साइंस या अपलाईड साइंस से सम्बंधित क्षेत्र में बैचलर डिग्री इस जॉब के लिए न्यूनतम योग्यता है. अधिक उच्च पदों तक पहुँचने के लिए फोरेंसिक फिंगर प्रिंट एनालिसिस में मास्टर्स या डॉक्टोरल डिग्री.
डिप्लोमा इन फिंगरप्रिंट एग्जामिनेशन :
फिंगरप्रिंट एनालिस्ट के जॉब के लिए 6 महीने का डिप्लोमा किया जा सकता है. इसके लिए कैंडिडेट का 12वीं या समकक्ष उत्तीर्ण होना अनिवार्य है. इस कोर्स को करने के बाद डिप्लोमा रिलेटेड एरिया में कैंडिडेट के लिए रोज़गार के अनेक रास्ते खुल जाते हैं. फिंगरप्रिंट में डिप्लोमा के बाद कैंडिडेट्स लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसीज, पुलिस, लीगल सिस्टम आदि के गवर्नमेन्ट तथा प्राइवेट एजेंसियों में जॉब के लिए आवेदन कर सकते हैं.इसके अलावा फोरेंसिक लैब, डिटेक्टिव एजेंसियों में भी जॉब देखा जा सकता है क्योंकि यहाँ भी इनकी जरुरत हुआ करती है. फोरेंसिक पैथोलोजी में संदिग्ध, मर्डर, सुसाईड आदि केसों में मौत का समय और कारण आदि बताने का काम भी इनका हीं होता है.
आयु सीमा :
न्यूनतम –18-28 वर्ष
अधिकतम – 38-45 वर्ष
अलग-अलग पदों के लिए आयु सीमा अलग-अलग हो सकती है.
चयन प्रक्रिया :
अभ्यर्थियों का चयन लिखित परीक्षा एवं इंटरव्यू दोनों के सम्मिश्रित अंकों के आधार पर किया जाता है.
भविष्य में संभावनाएं -
फोरेंसिक साइंस टेक्नोलोजी में दिलचस्पी रखने वाले युवाओं के लिए अच्छी खबर ये है कि ब्यूरो ऑफ़ लेबर स्टेटिस्टिक्स के अनुसार सन 2020 तक फिंगरप्रिंट एनालिसिस के क्षेत्र में 19 % रोजगार के बढ़ने की संभावनाएं हैं.
सैलरी -
विदेशों में इस जॉब के लिए 82,990 डॉलर से अधिक वेतन दिए जाते हैं . भारत में गवर्नमेंट पे-स्केल के हिसाब से इस जॉब में अलग-अलग राज्यों के फॉरेंसिक विभाग में अलग-अलग सैलरी मिलती है. प्राइवेट प्रैक्टिस करने वालों को शुरुआती दौर में रु 6,000 प्रति महीने और अनुभव बढ़ने के साथ केस के हिसाब से रु 50,000-60,000 प्रति महीने.
औसत – 9,300 /- - 34,800 /- +4200 /- - 4300 /- ग्रेड पे (फिंगरप्रिंट पुलिस उपनिरीक्षक)
क्षेत्र विस्तार -
इस क्षेत्र में दिलचस्पी रखने वालों के लिए करियर और पदों की कमी नहीं है. उदहारण के लिए -
- बैलिस्टिक्स एक्सपर्ट
- कॉरोनर
- क्राइम सीन रीकंसट्रकशनिस्ट
- क्राइम सीन सुपरवाइजर
- CSI फोटोग्राफर
- CSI तकनीशियन
- एविडेंस स्पेशलिस्ट
- फिंगरप्रिंट एनालिस्ट
- फॉरेंसिक आर्टिस्ट
- फॉरेंसिक अन्थ्रोपोलोजिस्ट
- फॉरेंसिक बॉटनिस्ट
- फॉरेंसिक ऑटोप्सी तकनीशियन
- फॉरेंसिक डेंटिस्ट
- फॉरेंसिक डीएनए एनालिस्ट
- फॉरेंसिक डॉक्यूमेंट एग्जामिनर
- फॉरेंसिक एंटोमोलौजिस्ट
- फॉरेंसिक फायरआर्म्स एंड टूलमार्क्स एग्जामिनर
- फॉरेंसिक लैब तकनीशियन
- फॉरेंसिक टैक्सीकोलौजिस्ट
- मेडिकल एग्जामिनर
- ट्रेस एविडेंस एनालिस्ट
योग्यता अनुसार महिला एवं पुरुष अभ्यर्थी उपरोक्त पदों में अपनी जॉब सुरक्षित कर सकते हैं.
इंडिया में फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट ब्यूरो एजेंसियाँ नई दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, बैंगलोर, चंडीगढ़, चेन्नई, हैदराबाद, हरयाणा, अहमदाबाद इत्यादि स्थानों पर हैं.
अभी पिछले दिनों क्रिमिनल इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट, मुंबई, महाराष्ट्र ने फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट के पदों की भर्ती के लिए आवेदन पत्र जारी किये. इस तरह की रिक्तियाँ समय समय पर निकलती रहती हैं.
पैसे कमाने के लिए दुनियाँ में जॉब्स की कमी नहीं है पर यह एक ऐसा जॉब है जो पैसे के साथ मानवता कमाने के लिए किया जाता है और इसके लिए अन्याय और अपराध के खिलाफ़ मन में जंग छेड़ने की मुहिम के जज्बे का होना जरूरी है. फिंगरप्रिंट एनालिस्ट का जॉब उन अभ्यर्थियों के लिए अधिक उपयुक्त है जो चतुर चुस्त होने के साथ, सामान्य से अधिक खोजी दिमाग के तथा किसी भी बात को तह तक खँगालने का माद्दा रखने वाले होते हैं. इनमें हार्ड वर्किंग का हौसला भी आवश्यक रूप से होना चाहिए.इंटेलीजेंट होने के साथ-साथ जिज्ञासु स्वभाव तथा चीजों को दूर तक देखने समझने की क्षमता का होना इस जॉब की आवश्यकता भी कही जा सकती है.तार्किक, प्रैक्टिकल, व्यवस्थित सोच और दृष्टि की असाधारण पहुँच वाला कैंडीडेट इस तरह के जॉब में सौ प्रतिशत कामयाब हो सकता है.चीजों, स्थितियों, घटनाक्रमों के सही-सही अवलोकन की स्वाभाविक प्रवृति के साथ अपने कार्य के प्रति शुद्धता से समर्पणभाव निश्चित रूप से कैंडिडेट को सफलता की बुलन्दियों तक पहुँचा सकता है यही बातें इस कैरियर की डिमांड भी है.
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