अगामी IAS मुख्य परीक्षा 2018 के लिए वैकल्पिक विषय के रूप में राजनीति विज्ञान का चयन करने वाले UPSC IAS उम्मीदवारों को पिछले कुछ वर्षों के प्रश्नों का विश्लेषन करना चाहिए। विश्लेषन के पश्चात हीं UPSC IAS परीक्षा का पैटर्न का अंदाजा लगा सकते हैं। यहां हमने IAS मुख्य परीक्षा 2017 में पूछे गये राजनीतिक विज्ञान वैकल्पिक पेपर 2 प्रदान किया है और यह IAS मुख्य परीक्षा 2018 की तैयारी के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।
IAS मुख्य परीक्षा 2017: राजनीति विज्ञान वैकल्पिक विषय 1
IAS मुख्य परीक्षा 2017
राजनीति विज्ञान वैकल्पिक विषय 2
निर्धारित समय : तीन घंटे
अधिकतम अंक : 250
प्रश्न-पत्र के लिए विशिष्ट अनुदेश
कृपया प्रश्नों के उत्तर देने से पूर्व निम्नलिखित प्रत्येक अनुदेश को ध्यानपूर्वक पढ़ें :
इसमें आठ प्रश्न हैं जो दो खण्डों में विभाजित हैं तथा हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में छपे हैं। परीक्षार्थी को कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
प्रश्न संख्या 1 और 5 अनिवार्य हैं तथा बाकी में से प्रत्येक खण्ड से कम-से-कम एक प्रश्न चुनकर किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
प्रत्येक प्रश्न/भाग के अंक उसके सामने दिए गए है।
प्रश्नों के उत्तर उसी माध्यम में लिखे जाने चाहिए जिसका उल्लेख आपके प्रवेश-पत्र में किया गया है, और इस माध्यम का स्पष्ट उल्लेख प्रश्न-सह-उत्तर (क्यू.सी.ए.) पुस्तिका के मुखपृष्ठ पर निर्दिष्ट स्थान पर किया जाना चाहिए। उल्लिखित माध्यम के अतिरिक्त अन्य किसी माध्यम में लिखे गए उत्तर पर कोई अंक नहीं मिलेंगे।
प्रश्नों में शब्द सीमा, जहाँ विनिर्दिष्ट है का अनुसरण लिया जाना चाहिए ।
प्रश्नों के उत्तरों की गणना क्रमानुसार की जाएगी। यदि काटा नहीं हो, तो प्रश्न के उत्तर की गणना की जाएगी चाहे वह उत्तर अंशत: दिया गया हो| प्रश्न-सह-उत्तर पुस्तिका में खाली छोड़ा हुआ पृष्ठ या उसके अंश को स्पष्ट रूप से काटा जाना चाहिए।
खण्ड A
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उतर 150 शब्दों में दीजिय:
a. तुलनात्मक राजनीती के क्षेत्र में राजनीतिक-समाजशास्त्रीय उपागम को स्पष्ट कीजिए एवं उसकी सीमाओं की विवेचना कीजिए।
b. पाशचातय जगत के परिपेक्ष्यों से गत 25 वर्षो में हुए वेशवीकरण का समालोचनात्मक परिक्षण कीजिए।
c. विकसित समाजो में L.G.B.T. (समलिंगी, उभयलिंगी तथा विपरीतलिंगी) आंदोलन का परीक्षण कीजिये और विकासशील समाजो में राजनैतिक सहभागिता को यह किस प्रकार प्रभावित कर रहा हैं इसका परीक्षण कीजिए।
प्रश्न 2.
a. क्या यथार्थवादी उपागम अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्धो को समझने की सर्वोत्तम विधि हैं ? क्लासिक यथार्थवादी के परिप्रेक्षय में इसका परिक्षण कीजिये।
b. वेश्विक पूंजीवाद के विकास ने समाजवादी अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील समाजो की प्रकृति को किस प्रकार परिवर्तित किया हैं?
c. पारार्ष्ट्रीय कर्ताओ के सन्दर्भ में, आधुनिक राज्य की बदलती हुई प्रकृति का विवेचन कीजिए।
प्रश्न 3.
a. "उत्तर कोरिया द्वारा विकसित उन्नत मिसाइल प्रौद्योगिकी एवं नाभिकीय धमकी ने दक्षिण-पूर्व एशिया में अमेरिकी प्राधान्य को चुनौती दी हैं।"
b. क्या आप इस मत का समर्थन करते हैं की द्वि-धुर्वीयता की समाप्ति एवं अनेक प्रादेशिक संगठनों के उदय ने गुट-निरपेक्ष आंदोलन नाम को कमोबेश अप्रासंगिक बन दिया हैं ?
c. क्या आप इस विचार से सहमत हैं की संयुक्त राष्ट संघ के प्रकारयण में परिसीमाओं के बावजूद,इसे प्रतिष्ठित एवं अद्वितीय उपलब्धियों का श्रेय प्राप्त हैं ?
प्रश्न 4.
a. पेरिस पर्यावरण संधि से हाली ही में संयुक्त राज्य अमेरिका के अलग हो जाने की करवाई से विष्व पर्यावरण का संरक्षण करने पर प्राप्त मतैक्य को ठेस लगी हैं। इस संदर्भ में पर्यावरण नियंत्रण की भविष्यकालिक सम्भावनाओ का आलंकन कीजिये।
b. यूरोपीय संघ के द्वारा प्रारम्भ किए गए प्रादेशीकीकरण प्रकरम को 'ब्रेक्सिट' ने किस प्रकार प्रभावित किया हैं, तथा विष्व राजनीती के प्रादेशिकीकरण प्रक्रम पर इसके क्या परिणाम हो सकते हैं?
c. इमानुएल वालरस्टीन के द्वारा विकसित विष्व व्यवस्था उपागम का परिक्षण कीजिये।
खण्ड B
प्रश्न 5. निम्नलिखित प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणी कीजिए :
a. भारत के विदेश नीति के निर्धारक तत्वों के रूप में, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन एवं भारत की भौगोलिक अवस्थिति का परिक्षण कीजिये।
b. दक्षिण एशिया मुक्त व्यापर क्षेत्र (साफ्टा) के विकास में कौन-कौन सी बाधाएं हैं?
c. "भारत और भूटान के मध्य चिरस्थीय शांति और मित्रता की संधि को और अधिक व्यवाहरिक,यथार्थवादी बाध्यताओं एवं उत्तरदायित्वों सहित संशोधित करने की आवश्यकता हैं।" टिप्पणी कीजिए।
d. विष्वभर में संयुक्त राष्ट्र शांति-रक्षको को योगदान देने में भारत सबसे बड़ा और अटल देश रहा हैं। " इस परिप्रेक्ष्य में भारत की भूमिका का परिक्षण कीजिये।
e. क्या हाल के भारत-इजराइल सम्बन्धो ने फिलिस्तान के राजयत्व पर भारत के रुख को नयी गत्यात्मकता प्रदान की हैं ?
प्रश्न 6.
a. उपायों को सुझाइये ताकि अफ्रीका के साथ भारत की साझेदारी,दक्षिण-दक्षिण सहयोग का एक सत्य प्रतीक बन जाय,और दोनों पक्षों को स्पष्ट रूप से आर्थिक एवं राजनीतिक लाभांश प्राप्त हो।
b. "विभिन्न मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के मध्य मतभेदों के बावजूद,सिंधु जल संधि समय की परीक्षा में खरी उत्तरी हैं।" इस कथन के प्रकाश में, इस मुद्दे पर हाल के घटनाक्रमो का विवेचन कीजिये।
c. विकसित और विकासशील देशो के बीच मतभेदों के चलते 'विष्व व्यापर संगठन' वार्ताओं के दोहा दौर की अवरुद्ध प्रगति का विशलेषण कीजिये।
प्रश्न 7.
a. चीन की 'मेखला और सड़क पहल' किस प्रकार भारत-चीन संबंधो को प्रभावित करने वाली हैं ?
b. भारत और रूस के बीच हाल के मतभेद तथ्यों के बजाय मिध्या-धारणाओं के फलस्वरूप हैं। सविस्तार स्पष्ट कीजिये।
c. 'मतैक्य के लिए मिलकर काम करना' जिसको 'कॉफी क्लब' के नाम से भी जाना जीता हैं,ने भारत एवं अन्य देशो के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदयस्ता के दावों का विरोध किआ हैं। उनकी प्रमुख आपत्तियों को इंगित कीजिये।
प्रश्न 8.
a. संभव हैं कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के स्वाभाविक व्यवहार एक-दूसरे के हितो की पूर्ति करे। अतैव उनके प्रयासों का समन्वय करने की सोची-समझी रणनीति स्पष्ट रूप से दोनों को लाभ पहुंचाएगी। सविस्तार स्पष्ट कीजिये।
b. क्या आप इस विचार को मानते हैं कि नयी विकसित होती हुई एशियाई गत्यात्मकता में जापान एवं भारत न केवल आर्थिक सहयोग में, अपितु सामरिक साझेदारी में भी नजदीक आ गए हैं ?
c. परमाणु अप्रसार संधि वैशविक नाभिकीय निरस्त्रीकरण के अंतिम उदेश्य की प्राप्ति में असफल रही हैं। परमाणु अप्रसार संधि के प्रावधान में कमीओ का विवेचना कीजिये।
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