IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) सिविल सेवा परीक्षा के लिए हर साल लाखों युवा मेहनत करते हैं। वहीं, यदि आप नौकरी कर रहे हैं, तो इस परीक्षा को पास करना और भी मुश्किल हो जाता है। वहीं, कई बार कुछ ऐसी परिस्थितियां भी होती हैं, जिसमें नौकरी को नहीं छोड़ा जा सकता है। हालांकि, कुछ युवा अपनी नौकरी और पढ़ाई में तालमेल बिठाकर देश की सबसे प्रतिष्ठित नौकरी के लिए समय निकालते हैं और मेहनत के साथ सफलता के शिखर तक पहुंचते हैं। आज हम आपको बंदना पोखरियाल की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी नौकरी के साथ ढाई साल तक तैयारी की और दूसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा को पास कर आईएएस अधिकारी बन गई।
सेंट्रल एक्साइज इंस्पेक्टर के तौर पर नौकरी
बंदना पोखरियाल मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद सरकारी सेवाओं में जाने का मन बनाया। इसके लिए उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की, जिसके बाद उन्हें सेंट्रल एक्साइज इंस्पेक्टर के पद नौकरी मिल गई। हालांकि, नौकरी मिलने पर उनकी पोस्टिंग गुजरात में हो गई थी।
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नौकरी के साथ निकाला सिविल सेवा का समय
बंदना सरकारी सेवाओं में आने के बाद नहीं रूकी, क्योंकि उन्हें जीवन में कुछ बड़ा करना था। ऐसे में उन्होंने सिविल सेवा के माध्यम से आईएएस बनने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने नौकरी के साथ ही सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी।
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पढ़ने का बनाया शेड्यूल
बंदना ने नौकरी के साथ सिविल सेवा की तैयारी के लिए पढ़ने का शेड्यूल बनाया। इसके लिए उन्होंने ऑफिस के बाद मिलने वाले वक्त का भरपूर इस्तेमाल किया। वहीं, वह छुट्टी के दिन घूमने के बजाय अपनी तैयारी को पूरा समय देती थी।
बिना कोचिंग के तैयारी
बंदना ने बिना कोचिंग के ही तैयारी करने का निर्णय लिया था। ऐसे में वह प्रतिदिन सेल्फ स्टडी किया करती थी। उन्होंने अपने पहले प्रयास में लोक प्रशासन को वैकल्पिक विषय बनाया था, लेकिन इंटरव्यू तक पहुंचने में असफल रही। ऐसे में उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में विषय बदलने का सोचा।
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ढाई साल की तैयारी के बाद बनी आईएएस
बंदना जब अपना दूसरा प्रयास कर रही थीं, तब उन्हें तैयारी करते हुए ढाई साल हो गए थे। उन्होंने साल 2016 में दूसरे प्रयास में भी प्रीलिम्स की परीक्षा पास कर ली थी। हालांकि, इस बार उन्होंने अपना वैकल्पिक विषय बदल लिया था। उन्होंने इस बार एंथ्रोपोलॉजी को अपना वैकल्पिक विषय बनाया था। वहीं, इस बार उन्होंने परीक्षा के तीन चरण यानि प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू को पास करते हुए 83वीं रैंक हासिल की और आईएएस अधिकारी बन गई।
अभ्यर्थियों को यह सलाह
अपनी सफलता के बाद उन्होंने एक कोचिंग संस्थान को दिए इंटरव्यू में नौकरी के साथ सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को सलाह दी थी कि वे इस परीक्षा के लिए नौकरी के साथ भी समय निकाल सकते हैं। इसके लिए वह जॉब में मिलने वाले छोटे ब्रेक्स का इस्तेमाल शॉर्ट नोट्स बनाने में कर सकते हैं। वहीं, समय से घर पहुंचकर परीक्षा के लिए तैयारी करें। इसके साथ ही वीकेंड का इस्तेमाल अपनी तैयारी को धार देने में करें। हालांकि, इन सबसे पहले सिविल सेवा के सिलेबस को समझना जरूरी है।
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