IRS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) की परीक्षा देशभर में सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में शामिल है। यही वजह है कि इस परीक्षा को पास करने का ख्वाब देश के हर कोने में रह रहे युवा देखते हैं। हालांकि, यह सफर इतना आसान नहीं होता है। क्योंकि, इसमें सफलता, असफलता, आशा और निराशा के कई उतार-चढ़ाव आते हैं। वहीं, तीन चरणों में करीब 32 घंटे की परीक्षा देने के बाद दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की कमान संभालने का अवसर मिलता है। इस सफर में कुछ सपने रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं, जबकि कुछ सपने सफलता के शिखर पर पहुंच हकीकत में बदल जाते हैं। आज हम आपको दिल्ली के रहने वाले अभिषेक वशिष्ठ की कहानी बताने जा रहे हैं, जो सिविल सेवा के अपने पहले प्रयास में प्रीलिम्स में असफल हो गए थे और दूसरे प्रयास में मेंस में असफलता देखने के बाद वह तीसरे प्रयास में भारतीय राजस्व सेवा के अधिकार बन गए। अभिषेक ने जागरण जोश से अपनी कहानी साझा की है। उनकी पूरी कहानी जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें।
अभिषेक वशिष्ठ का परिचय
अभिषेक मूलरूप से दिल्ली के शाहदरा के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली से ही पूरी की। अपनी स्कूली शिक्षा नंद नगरी के एक सरकारी स्कूल से पूरी करने के बाद उन्होंने गीता कॉलोनी स्थित नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी(ईस्ट कैंपस) से बीटेक की डिग्री हासिल की। उनके परिवार में माता-पिता और बहन है। बहन उत्तरप्रदेश में सरकारी शिक्षक के तौर पर कार्यरत है।
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बीटेक सेकेंड ईयर में लिया निर्णय
अभिषेक ने जागरण जोश को बताया कि जब वह जब सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहे थे, तब उनके प्रोफेसर अविनाश कुमार यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। प्रोफेसर से जानकारी मिलने पर अभिषेक ने भी तैयारी करने का निर्णय लिया।
विप्रो कंपनी में लगी थी नौकरी
अभिषेक ने जब अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की, तो उनकी नौकरी विप्रो कंपनी में लग गई थी। यहां उन्हें प्रोजेक्ट इंजीनियर के तौर पर जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि, उनके मन सिविल सेवा पास कर अधिकारी बनने का सपना था। ऐसे में उन्होंने सिविल सेवा में जाने का निर्णय लिया।
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दो नंबर से प्रीलिम्स में हो गए थे फेल
अभिषेक ने बताया कि उन्होंने अपनी परीक्षा की तैयारी की। इसके बाद 2018 में प्रीलिम्स की परीक्षा दी, लेकिन वह फेल हो गए। हालांकि, जब प्रीलिम्स के नंबर पता चले, तो उन्होंने पाया कि वह सिर्फ दो नंबर से परीक्षा में फेल हो गए थे। ऐसे में वह समझ गए थे कि यदि थोड़ी मेहनत और की जाए, तो इस परीक्षा को पास किया जा सकता है।
मेंस में एक नंबर से हुए फेल
एक बार फेल होने के बाद अभिषेक के ऊपर अधिक दबाव बन गया था। वहीं, परीक्षा के लिए खुद को एक साल तक मोटिवेट रखना भी बहुत मुश्किल होता है। क्योंकि, इस बीच आपके जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी फिर से तैयारी में जुटे रहे। उन्होंने साल 2019 में फिर से प्रयास किया और इस बार वह प्रीलिम्स की परीक्षा में पास होने में सफल रहे। हालांकि, वह इस बार मेंस की परीक्षा में फेल हो गए। जब बाद में मेंस के नंबर पता चले, तो उन्होंने देखा कि वह सिर्फ एक नंबर से मेंस की परीक्षा पास करने से रह गए थे।
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कोविड में दोस्तों के साथ की तैयारी
मेंस की परीक्षा में एक नंबर से फेल होने के बाद उन्होंने तीसरे प्रयास में सफलता को हासिल करने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने पढ़ी गई किताबों का बार-बार रिविजन किया और मॉक टेस्ट से भी प्रैक्टिस की। इसके साथ ही उन्होंने अपने अन्य दो दोस्तों के साथ मेंस के उत्तर लेखन का अभ्यास किया।
तीसरे प्रयास में 274 रैंक के साथ बने आईआरएस
अभिषेक ने पूरी मेहनत से तैयारी करने के बाद अपना तीसरा प्रयास किया। इस बार उन्होंने प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू परीक्षा को पास करते हुए 274 रैंक के साथ फाइनल लिस्ट में जगह बनाई। उन्हें इस रैंक के साथ आईआरएस की सेवा मिली। वर्तमान में वह बंगलुरू में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
अभ्यर्थियों को यह सलाह
अभिषेक कहते हैं कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए अभ्यर्थी का मानसिक रूप से तैयार होना जरूरी है। वह कहते हैं कि कई अभ्यर्थी यूपीएससी पास न होने पर हार मान लेते हैं और गलत कदम उठा लेते हैं, लेकिन सिर्फ यूपीएससी ही जिंदगी नहीं है, बल्कि इसके आगे भी जिंदगी भी है। यदि यूपीएससी क्लियर नहीं हुआ, तो जीवन में कुछ और बेहतर करने की संभावना रहती है। वहीं, जो अभ्यर्थी तैयारी कर रहे हैं, वे अधिक किताबों के बजाय सीमित किताबों के साथ तैयारी करे। वहीं, जिन किताबों से पढ़ा है, उनसे बार-बार रिविजन करें। इसके साथ ही मॉक टेस्ट दें और सीसैट की परीक्षा को हल्के में न लें। मेंस के लिए उत्तर लेखन करते रहें। इन सभी टिप्स के साथ सफलता पाई जा सकती है।
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