IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) सिविल सेवा परीक्षा ऐसी परीक्षा है, जिसके लिए देश के बड़े से बड़े और छोटे से छोटे शहर में रह रहे युवाओं कीं आंखों में सपने पलते हैं। युवा इसके लिए दिन-रात तैयारी करते हैं और सफलता के शिखर तक पहुंचने का इंतजार करते हैं। हालांकि, यहां तक पहुंचना आसान नहीं होता है। क्योंकि, यहां तक पहुंचने के लिए कई बार कई सालों तक सफर तय करना पड़ता है और इसके बाद भी मंजिल तक पहुंचने की कोई गारंटी नहीं है। यही वजह है कि इस परीक्षा को देश में सबसे मुश्किल परीक्षा में गिना जाता है। आज हम आपको राजस्थान के रहने वाले रचित गुप्ता की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने सिविल सेवा को पास करने के लिए छह सालों तक इंतजार किया और पांचवें प्रयास में वह इसमें सफल रहे। इस लेख के माध्यम से हम रचित गुप्ता की कहानी को जानेंगे।
रचित गुप्ता का परिचय
रचित गुप्ता मूलरूप से राजस्थान के सवाई माधोपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने अपने जिले से ही हिंदी मीडियम से अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने एक अन्य स्कूल से आगे की पढ़ाई पूरी की। स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग परीक्षा की तैयारी की और IIT में दाखिला लेकर अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
कुछ समय पढ़ाया केमिस्ट्री का विषय
रचित ने अपनी पढ़ाई के दौरान कुछ समय तक बच्चों को केमिस्ट्री पढ़ाना शुरू किया। वह एक इंस्टीट्यूट के माध्यम से केमिस्ट्री पढ़ाया करते थे, हालांकि, कोरोना महामारी में उनकी नौकरी चली गई, जिसके बाद वह वापस अपने घर लौट गए।
जब फेल होने का करना पड़ा सामना
रचित ने सिविल सेवाओं में जाने का मन बना लिया था। इसके लिए उन्होंने तैयारी शुरू की और अपना पहला प्रयास किया। वह प्रीलिम्स की परीक्षा में बहुत अधिक नंबर से रह गए थे। इसके बाद उन्होंने दूसरा प्रयास किया। इस बार उन्होंने कुछ नंबरों की बढ़त हासिल की थी, हालांकि वह इसमें भी फेल हो गए थे। रचित ने तीसरा प्रयास किया और इस बार वह कटऑफ के नजदीक पहुंचकर फेल हो गए।
टीबी की बीमारी से हुए पीड़ित
रचित ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब वह सिविल सेवा की तैयारी कर रहे थे, तब उन्हें टीबी की बीमारी हो गई थी, जिससे वह व उनका परिवार काफी परेशान हो गया था। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और 6 महीने तक टीबी की दवाईयां खाते हुए सिविल सेवा की तैयारी को जारी रखा।
चौथे प्रयास में मेंस में फेल
रचित ने टीबी की बीमारी के साथ तैयारी की और ठीक होने के बाद परीक्षा दी। हालांकि, इस बार भी किस्मत को उनकी हार मंजूर थी। वह प्रीलिम्स की परीक्षा में तो पास हो गए थे, लेकिन मेंस की परीक्षा में फेल हो गए थे।
पांचवे प्रयास में हासिल की सफलता
रचित चार असफलताओं के बाद पूरी तरह से टूट गए थे। जब वह मेंस में फेल हुए, तब उनके पिताजी भी रोए थे। ऐसे में रचित ने तय कर लिया था कि उन्हें इस परीक्षा को किसी भी हाल में पास करना है। रचित ने अपना पांचवा प्रयास दिया। उन्होंने प्रीलिम्स की परीक्षा में बहुत कम प्रश्नों को अटैम्पट किया था। ऐसे में उन्हें नहीं लग रहा था कि वह इस परीक्षा को पास कर पाएंगे। हालांकि, जब परिणाम आया, तो उन्होंने प्रीलिम्स की परीक्षा को पास कर लिया था। उन्होंने मेंस पर फोकस करते हुए यह परीक्षा भी पास कर ली थी, जिसके बाद वह इंटरव्यू तक पहुंचे। जब परिणाम जारी हुआ, तो उनके पास अपना परिणाम देखने की भी हिम्मत नहीं थी। उनके एक जूनियर ने उन्हें उनकी सफलता की जानकारी दी, रचित ने 286 रैंक के साथ 2021 में यह परीक्षा पास कर ली थी, जिसके बाद उन्हें डिफेंस अकाउंट्स सर्विस में नौकरी मिल गई।
गर्लफ्रेंड ने किया इंतजार
रचित गुप्ता ने जैसे ही परीक्षा पास की, तो उनके पास रिश्तों की भरमार हो गई। हालांकि, उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड से शादी की, जिन्होंने उनका छह सालों तक इंतजार किया था।
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