निराशा और असफलता से जूझ रहे हैं, तो ये 6 चीजें जरुर करें

Oct 6, 2017, 16:17 IST

सफलता और असफलता,आशा और निराशा तथा सुख और दुःख एक दूसरे के विपरीत होते हुए आपके इच्छा और अनिच्छा से सीधे सीधे सम्बन्ध रखते हैं.इच्छा के अनुरूप परिणाम आशावादी बनता है तथा इच्छा के विपरीत परिणाम निराशावादी दृष्टिकोण के साथ असफलता की ओर ले जाता है.असफल होने पर निराश न होकर दिए गए पांच टिप्स को अपनाकर सफलता पायें.

If you are struggling with disappointment and failure apply these Six Tips
If you are struggling with disappointment and failure apply these Six Tips

तेज रफ़्तार से गतिशील भागदौड़ वाली आज की जिंदगी में संतुलित प्रयास के आभाव में इच्छा के अनुरूप परिणाम न आना स्वाभाविक और सहज है. सफलता और असफलता,आशा और निराशा तथा सुख और दुःख एक दूसरे के विपरीत होते हुए आपके इच्छा और अनिच्छा से सीधे सीधे सम्बन्ध रखते हैं.इच्छा के अनुरूप परिणाम आशावादी बनता है तथा इच्छा के विपरीत परिणाम निराशावादी दृष्टिकोण के साथ असफलता की ओर ले जाता है. यह जरुरी नहीं कि हमेशा आप जैसा चाहते हो वैसा ही सबकुछ हो. ऐसा कभी नहीं हो सकता. अत: अगर जीवन में कुछ कारण वश अगर आपको असफलताएं हाथ लगती हैं, तो इससे निराश होने की आवश्यक्ता नहीं है. अगर निराशावादी विचार आपके मन में घर कर रहें हैं तो आप कुछ बातों पर विशेष ध्यान देकर इनसे निजात पा सकते हैं तथा एक संतुलित मनचाही जिन्दगी जी सकते हैं.

समय और शक्ति का सही सदुपयोग करें कहते हैं टाइम और एनर्जी का सही बैलेंस ही सफलता का पर्याय है. अर्थात अगर आप सही समय पर सही तरीके से अपनी पूरी एनर्जी के साथ सही दिशा में प्रयास करते हैं तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. अगर जीवन में असफलता और निराशा जैसी समस्याओं से आप जूझ रहें हैं तो इस बात पर जरुर गौर करें कि समय और लहरें किसी का इंतजार नहीं करती और एक बार खर्च की उर्जा भी पुनः वापस नहीं आती.

अपना लक्ष्य हमेशा अपनी योग्यता के अनुरूप निर्धारित करें – सपने देखना अच्छी बात है लेकिन सपनों का  वास्तविकता की धरातल पर सच होना उससे जुड़े कई तथ्यों पर निर्भर करता है. आप जो सपने देख रहें हैं उसे आप वाकई पूरा करने में समर्थ हैं या नहीं. इस पर जरुर गौर करें. अगर आपको लगता है कि आपके पास  अपने सपनों को पूरा करने का समुचित साधन नहीं है तो उस दिशा में निरर्थक प्रयास नहीं करें. आपको जीवन में क्या करना है इसे हमेशा अपनी योग्यता और क्षमता के अनुरूप ही निर्धारित करें.

सकारात्मक सोंच और प्रेरक व्यक्तित्व वाले लोगों के संपर्क में रहें – प्रेरणा एक ऐसी शक्ति है जो हमें अपने इच्छा अनुरूप परिणाम प्राप्त करने हेतु दृढ संकल्प की भावना उत्पन्न करती है. व्यक्ति अपने दृढ संकल्प के जरिये कभी कभी असम्भव को भी संभव करने में सक्षम होता है. सकारात्मक सोंच आशावादी विचारों का सृजन कर निराशा से दूर रखती है. हर किसी पर उसके इर्द गिर्द के लोगों का असर अवश्य होता है. अतः हमेशा वैसे लोगों के सम्पर्क में रहें जिन्हें देखकर आपको कुछ करने की प्रेरणा मिलती है तथा आप हमेशा अपने आप को उर्जावान महसूस करते हैं.अगर समय मिले तो कभी कभी सफल लोगों की जीवनी पढ़ें.

असफलता के कारण की तह तक जाने का प्रयास करें – आप अगर कोई कार्य कर रहें है और उसमें आपको सफलता नहीं मिल रही है तो आपको इसके लिए निराश होने की आवश्यक्ता नहीं है. आप यह जानने का प्रयास करें कि किस कारण आपको सफलता नहीं मिल रही है. अगर आपको कारण का पता चलता है तो ईमानदारी पूर्वक उस दिशा में भरपूर प्रयास करें सफलता अवश्य ही आपके चरण चूमेगी इसमें कोई शक नहीं है.

अतीत को भूलाकर,संतुलित भोजन करें और पर्याप्त नींद ले- पुरानी कहावत है बीती ताहि बिसारी दे आगे की सुधि ले. अर्थात बीते बातों को भूलाकर आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए. जो समय बीत गया वह चाहकर भी वापस नहीं आ सकता. अतः बीती घटनाओं को याद कर निराश होना मूर्खतापूर्ण कार्य है.ऐसा करने से आप न सिर्फ अपना समय नष्ट करेंगे बल्कि निराशा की इस प्रवृति के कारण आप कई रोगों का शिकार होकर तन मन और धन तीनो गवां बैठेंगे. अतीत को भूलाकर नए शिरे से भविष्य के कार्यों की शुरुआत करें और यथोचित प्रयास से उसमें सफलता पायें. कार्बोहाइड्रेट,विटामिन, प्रोटीन,मिनरल्स और खनिज पदार्थों से भरपूर पौष्टिक भोजन करें.आपके भोजन का भी आपके विचारों से सीधा सीधा सम्बन्ध होता है.भोजन में कुछ आवश्यक तत्वों की कमी भी मन में निराशा उत्पन्न करती है जो कहीं न कहीं असफलता का एक मुख्य कारण हैं. भरपूर नींद लें ताकि एक नई उर्जा के साथ आप अपने किसी भी कार्य की शुरुआत कर सकें.

अपनी क्षमता पर विश्वास रखें एवं अपने आप को कम न आंके – कभी कभी ऐसा होता है कि दूसरों से अपनी तुलना कर हम अपनी क्षमता को कम कर आंकने लगते हैं. हर व्यक्ति का स्वाभाव और उसकी क्षमता अलग अलग होती है. हो सकता है आपमें जो काबिलियत हो, वो, जिससे आप अपनी तुलना कर रहें हैं, उसमें नहीं हो. अतः कभी भी अपने आप को कम करके न आंके. ऐसा करने से आप नहीं चाहते हुए भी निराशा के शिकार हो जायेंगे.

निष्कर्ष

वस्तुतः आशा और निराशा जीवन रूपी सिक्के के दो पहलू हैं. इनसे चाहकर भी हम दूर नहीं जा सकते. अतः जरुरत है निराशा की सीढ़ी पर चढ़कर उसे छोड़ते हुए आशा की मंजिल को छूने की. आगर असफलता से निराशा हाथ लगती है तो कोई बात नहीं आप इस कोटेशन को सोंचकर कि “असफलता की सीढ़ी चढ़ते चढ़ते समय एक दिन अवश्य ही सफलता की छत (मंजिल) तक पहुंचा देगा,” प्रसन्नचित होकर प्रयास करते रहिये. सफलता अवश्य आपके पीछे आएगी और निराशा को समाप्त कर आप में नई उर्जा का संचार करेगी.

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