वस्तुतः आदि काल से ही शिक्षा का मुख्य उद्देश्य कुछ न कुछ अर्जन करना था जिसका स्वरुप क्रमशः बदलता गया तथा धीरे धीरे शिक्षा अर्जन का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को आर्थिक रूप से सक्षम बनना हो गया. भूमंडलीकरण के आज के इस युग में वही शिक्षा सही एवं उपयुक्त है जिसके जरिये अधिक से अधिक कमाई की जा सके. आज हम जब भी किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए सोंचते हैं तो सबसे पहले हमारा ध्यान उस कोर्स द्वारा मिलने वाली प्लेसमेंट पर जाता है. हम देखते हैं कि जो भी छात्र कॉलेज या यूनिवर्सिटी में दाखिला हेतु अप्लाई करते हैं उनकी मुख्य प्राथमिकता कॉलेज प्लेसमेंट ही होती है. आज के समय में यह बात बिलकुल सही है कि बहुत से छात्रों का भविष्य कॉलेज प्लेसमेंट पर निर्भर करता है. यदि आप भी एक कॉलेज गोइंग स्टूडेंट हैं तथा किसी अच्छे प्लेसमेंट की तलाश में हैं तो अपनी प्लेसमेंट के दौरान इन विशेष बातों पर अवश्य गौर करें-
समय के पाबंद रहें
हर किसी को समय का पाबंद होना चाहिए. एक कहावत है समय और लहरें किसी का इंतजार नहीं करती. बीता हुआ कल फिर कभी लौट कर नहीं आता. जो व्यक्ति समय को बर्बाद करता है समय आने पर वही समय उसे बर्बाद कर देता है. अतः जीवन में समय का हमेशा ध्यान रखें और कॉलेज जीवन में तो कुछ विशेष रूप से ही रखें. किसी भी कार्य को समय पर नहीं करने तथा समय पर नहीं पहुँचने वाले का हर जगह ख़राब इम्प्रेशन बनता है. चाहे बात किसी इन्टरव्यू की हो या फिर कॉलेज प्लेसमेंट की. इंटरव्यू राउंड में देरी से पहुंचने वाले उम्मीदवार के सेलेक्ट होने के चांसेज न के बराबर होते हैं क्योंकि इंटरव्यू के दौरान देरी से पहुंचने वाले उम्मीदवार एच आर को बिलकुल गैर जिम्मेदार प्रतीत हते हैं.
अपना बेसिक हमेशा स्ट्रौंग रखें
ज्यादातर छात्र आगे की पढ़ाई करते जाते हैं एवं उनमें अच्छी जानकरी तथा पकड़ बनाते हुए अपनी परीक्षाएं भी अच्छे नम्बरों से पास होते जाते हैं.लेकिन अगर बेसिक की बात की जाय तो इसपर इनकी पकड़ बहुत कमजोर होती है क्योंकि ये शुरुआती सालों में पढ़ाए गए बेसिक्स को नजरअंदाज कर देते हैं तथा इसे पुनः रिवाइज नहीं करते हैं. एक बात हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि प्लेसमेंट के दौरान अक्सर नियोक्ता बेसिक से जुड़े सवाल ही पूछते हैं. इसलिए जब भी आप कॉलेज प्लेसमेंट के लिए जाएं तो एक बार अपने बेसिक्स का रीविजन अवश्य कर लें.
भाषा पर सही पकड़
किसी भी भाषा में सही अभिव्यक्ति समाज की डिमांड होती है लेकिन आज के जॉब मार्केट में अंग्रेजी भाषा की अधिक डिमांड है. इसलिए अच्छी अंग्रेजी लिखने और बोलने वाले लोगों की भारतीय जॉब मार्केट में काफी डिमांड है. इसलिए इस भाषा की पर्याप्त जानकारी रखें तथा अपनी अभिव्यक्ति को स्पष्ट और उत्कृष्ट बनायें. अगर आपको लगता है कि आप अंग्रेजी बोलने और लिखने में थोड़े कमजोर हैं तो प्लेसमेंट सेल के सामने इन्टरव्यू के लिए जाने से पहसे इस पर थोड़ा कार्य अवश्य कर लें,ताकि आप वहां बिना किसी झिझक के उनके सारे सवालों का जवाब दे सकें.
इन्टरव्यू के दौरान किये गए गलतियों से सीख लें
जाहिर है कि इन्टरव्यू के दौरान आपने अवश्य ही कुछ गलतियां की होंगी. लेकिन इससे चिंतित होने की बजाय सीख लेते हुए उन्हें दूबारा न करने का संकल्प लें. इतना ही नहीं, भले ही आपका चयन न हुआ हो लेकिन इन्टरव्यू समाप्ति के बाद आपको नियोक्ता से अपना फीडबैक भी अवश्य ले लेना चाहिए.ऐसा करने का फायदा आपको भविष्य में मिलेगा, क्योंकि इससे आपको अपनी कमियों के बारे में पता चलता है. इसकी मदद से आप प्लेसमेंट के दौरान दूसरी कंपनियों के सामने खुद को बेहतर ढंग से पेश कर पाएंगे.
अतः अगर एक कॉलेज स्टूडेंट के रूप में आप अपने प्लेसमेंट के दौरान अच्छा पैकेज पाने की इच्छा और योग्यता रखते हैं,तो अवश्य ही ऊपर दिए गए बातों पर गौर करें.
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