IPS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) सिविल सेवाओं को पास करना मुश्किल है। यही वजह है कि युवा इस परीक्षा के लिए दिन-रात तैयारी करते हैं। क्योंकि, इसका विशाल सिलेबस पढ़ना और बार-बार उसका रिविजन करना आसान नहीं है। इस परीक्षा के लिए कई बार युवा अपने अच्छे पैकेज वाली नौकरी भी छोड़ देते हैं। हालांकि, इसके बाद भी इसमें सफलता सुनिश्चित नहीं है। आज हम आपको बिशाखा जैन की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने सीए करने के बाद एक कंपनी में नौकरी ज्वाइन की। कुछ समय तक वहां काम किया और सिविल सेवाओं के लिए नौकरी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पांच सालों तक इस परीक्षा की तैयारी की और पांचवे प्रयास में वह इस परीक्षा को पास करने में सफल रही।
मुंबई से की पढ़ाई
बिशाखा जैन ने यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई से बैचलर ऑफ कॉमर्स की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने सीए के करियर में खुद को आगे बढ़ाया। साल 2010 से 2014 में उन्होंने सीए की पढ़ाई की।
निजी कंपनी में नौकरी
सीए करते हुए बिशाखा की एक निजी कंपनी में नौकरी लग गई थी। हालांकि, उनके मन में सिविल सेवाओं में जाने का मन था। इसके लिए उन्होंने नौकरी के साथ-साथ तैयारी शुरू कर दी थी।
कई बार देखी असफलता
बिशाखा ने साल 2015 में सिविल सेवाओं को लेकर अपना पहला प्रयास किया। इस दौरान पहले प्रयास में वह प्रीलिम्स की परीक्षा भी पास नहीं कर सकी। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और अपना दूसरा प्रयास किया। इस प्रयास में वह प्रीलिम्स व मेंस पास करते हुए इंटरव्यू तक पहुंची। हालांकि, इंटरव्यू पास नहीं कर सकी। उन्होंने तीसरा प्रयास किया और इस बार वह फिर से असफल हो गई।
साल 2017 में ज्वाइन की नौकरी
सिविल सेवाओं में चयन न होने पर उन्होंने साल 2017 में फिर से कार्पोरेट सेक्टर ज्वाइन किया। इस दौरान भी वह तैयारी कर रही थी। उन्होंने सिविल सेवाओं के लिए फिर से प्रयास किया और इस बार प्रीलिम्स की परीक्षा पास नहीं कर सकी।
प्रीलिम्स पास कर छोड़ दी नौकरी
बिशाखा जैन ने साल 2020 की सिविल सेवाओं में अपना फिर से प्रयास किया। इस बार उन्होंने प्रीलिम्स की परीक्षा को पास कर लिया था। प्रीलिम्स पास करते ही उन्होंने नौकरी छोड़ दी और मेंस के लिए तैयारी शुरू कर दी। अपने पांचवे प्रयास में वह मेंस की परीक्षा को पास करते हुए इंटरव्यू तक पहुंची और उन्होंने इंटरव्यू भी पास करते हुए फाइनल लिस्ट में जगह बनाई। सिविल सेवा क्रैक करने के बाद उन्हें IPS की सेवा मिली।
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