पब्लिक सेक्टर बैंको में प्रोबेशनरी ऑफिसर की नौकरियों के अलावा, कई अन्य श्रेणियां हैं जिनके लिए बैंकों में अधिकारियों की भर्ती की जाती है। आईबीपीस हर वर्ष पब्लिक सेक्टर बैंको में स्पेशलिस्ट ऑफिसर्स की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करता है। इस परीक्षा के माध्यम से विभिन्न कैडर के स्पेशलिस्ट ऑफिसर्स की भर्ती की जाती है, जिनमे से प्रमुख मानव संसाधन (HR/Personnel Officer, विपणन बिक्री (Marketing Officer), राजभाषा अधिकारी, कृषि क्षेत्र अधिकारी (Agricultural Field Officer), सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), विधि अधिकारी (Law officer) के पद होते है। SBI, नाबार्ड (NABARB- National Bank for Agriculture and Rural Development) और सिडबी(SIDBI- Small Industries Development Bank of India) जैसे कुछ बैंक स्पेशलिस्ट ऑफिसर्स की भर्ती के लिए अलग से परीक्षा आयोजित करते है। यहाँ हम लॉ ऑफिसर की जॉब प्रोफाइल के बारे में चर्चा कर रहे है। लॉ ऑफिसर की जॉब के लिए अप्लाई करने के लिए उम्मीदवारो के पास एलएलबी डिग्री के साथ–साथ उनका नाम बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया में नामांकित होना चाहिए। हालांकि कुछ बैंकों में इस पद के आवेदन के लिए अनुभव होना भी आवश्यक है।
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लॉ ऑफिसर: बैंक में क्या कार्य करते हैं?
बैंक के संचालन में लॉ ऑफिसर एक महत्वपूर्ण पद होता हैं क्योंकि प्राथमिक स्तर से शुरू होने वाले बैंक का हर कार्य भारत सरकार द्वारा लागू बैंकिंग कानून के अंतर्गत ही किया जाता है। अतः हर बैंक में लॉ ऑफिसर को कई कानूनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होता है:
बैंक में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के नियमों का अनुपालन करना
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया बैंकिंग इंडस्ट्री का रेगुलेटर है। भारत में कार्यरत प्रत्येक बैंक को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के नियमों और विनियमों का पालन करना होता है। बैंक में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के नियमों का पालन हो रहा है या नहीं; यह सुनिश्चित करना लॉ ऑफिसर की ही जिम्मेदारी है।
कानूनी दस्तावेज तैयार करना
विभिन्न उद्देश्यों के लिए, बैंकों को समय-समय पर कानूनी दस्तावेज अर्थात लीगल डाक्यूमेंट्स की आवश्यकता होती है। यह भी लॉ ऑफिसर के महत्वपूर्ण कार्यो में से एक है क्योकि लीगल डाक्यूमेंट्स के बिना बैंक किसी भी कार्य को आगे नहीं बढ़ा सकता।
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बैंक का कानूनी प्रतिनिधि
बैंकों को समय-समय पर उधारकर्ताओं, धोखेबाज़ों के खिलाफ मुकदमें और मामले दर्ज करने पड़ते है। इस प्रकार के मामलों में बैंक के लॉ ऑफिसर को ही अदालत में बैंक का प्रतिनिधित्व करना होता है।
बैंक का कानूनी वकील
जब भी बैंक को किसी भी प्रक्रियात्मक विलंब या परिचालन दोष के लिए कानूनी राय की आवश्यकता होती है तो बैंक मैनेजमेंट लॉ ऑफिसर से ही सलाह लेता है। यह बैंक में लॉ ऑफिसर के कार्य को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना देता है।
बैंक में कानून को सरल तरीके से समझाना
बैंक की हर शाखा में एक लॉ ऑफिसर होना संभव नहीं है। यह आवश्यक है कि बैंक की हर शाखा के स्तर पर दिन-प्रति-दिन कार्य का संचालन ठीक तरह से हो तथा बैंक के सभी कर्मचारियों को बैंक संचालन के लिए आवशयक बेसिक लॉ से अवगत हो। इसलिए कर्मचारियों को उनकी आवश्यकतानुसार साधारण शब्दों में कानूनी पहलुओं को समझाने की जिम्मेदारी भी लॉ ऑफिसर की ही होती है।
बैंक में लॉ ऑफिसर एक ऐसे कानूनी स्तम्भ की भाति कार्य करते है जो बैंकिंग रेगुलेशन के हर नियम का बैंक में सुचारू रूप से अनुपालन के लिए जिम्मेदार होते हैं। हालांकि यह पद केवल जोनल ऑफिस में ही पोस्टिंग सुनिश्चित करता है परन्तु प्रमोशन पालिसी प्रोबेशनरी ऑफिसर के मुकाबले अच्छी नहीं है। एक प्रोबेशनरी ऑफिसर एक दिन के बैंक के एमडी-सीईओ बन सकता है, लेकिन एक लॉ ऑफिसर का उस स्तर तक पहुंचन कठिन है।
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