कैसे निर्धारित होता है सरकारी नौकरियों में दिव्यांग कोटा? जानें कितनी फीसदी सीटें रखी जाती है रिजर्व

Nov 27, 2018, 09:07 IST

आज हम ये जानने कि कोशिश करते हैं कि सरकारी नौकरियों में कैसे निर्धारित होता है दिव्यांग कोटा और कितनी फीसदी सीटें रखी जाती है रिजर्व. तो इस क्रम में सबसे पहले यह जानने का प्रयास करते हैं कि दिव्यांगता आखिर है क्या ?

disabled quota determined for govt jobs
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भारत में दिव्यांग (Disabled) व्यक्तियों की संख्या दो करोड़ से भी अधिक है. हमारा संविधान ऐसे असमर्थ या असहाय व्यक्तियों को जो किसी भी प्रकार की दिव्यांगता की श्रेणी में आते हैं सामान्य जीवन की सुविधा देने के लिए आरक्षण की सुविधाएँ प्रदान करता है. चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा प्रमाणित 40 फीसदी या उससे अधिक दिव्यांग व्यक्तियों को (जिसमें दृष्टिहीनता , दृष्टि बाध्यता ,श्रवण क्षमता में कमी ,गति विषयक बाध्यता इत्यादि शामिल है) समान अवसर, उनके अधिकारों के संरक्षण तथा सहभागिता के लिए भारत का संविधान अदिव्यांग या सामान्य व्यक्तियों की तरह हीं समान अवसर और अधिकार प्रदान करता है. दिव्यांग व्यक्तियों को जीवन की प्रमुख धारा से जोड़ने के लिए देश का संविधान सरकारी तथा सरकार से अनुदान प्राप्त संस्थाओं की नौकरियों में उनके लिए आरक्षण का प्रावधान करता है.

तो आइए दोस्तों आज हम ये जानने कि कोशिश करते हैं कि सरकारी नौकरियों में कैसे निर्धारित होता है दिव्यांग कोटा और कितनी फीसदी सीटें रखी जाती है रिजर्व. तो इस क्रम में सबसे पहले यह जानने का प्रयास करते हैं कि दिव्यांगता आखिर है क्या ?

दिव्यांगता -
सामान्य दैहिक संरचना में किसी भी प्रकार की असामान्यता, अंग भंग या अंग क्षति जिसकी वजह से व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक या दैहिक रूप से सामान्य कार्य प्रक्रिया में बाधा या कमी आ रही हो दिव्यांगता है. दिव्यांगता केवल अंग भंग या अंग क्षति हीं नहीं है बल्कि शरीर का कोई अंग यदि ठीक प्रकार से काम नहीं कर पा रहा हो तो यह स्थिति भी दिव्यांगता हीं कहलाती है जैसे दृष्टिबाध्यता या सुनने या बोलने की क्षमता में कमी भी दिव्यांगता की श्रेणी में हीं आते हैं.

ऐसी स्थिति को डिसेबिलिटी कहते हैं जब प्रभावित व्यक्ति किसी कार्य को कर तो रहा हो पर सामान्य प्रक्रिया से नहीं. हैंडीकैप व्यक्ति इन सब कारणों से अपनी सामाजिक भूमिका तथा दवित्वों का निर्वहन करने में असमर्थ हो जाता है. इसके अलावा मानसिक बीमारी को भी दिव्यांगता के तहत मनोवैज्ञानिक अक्षमता की श्रेणी में शामिल किया गया है.

कितनी फीसदी सीटें रखी जाती है रिजर्व -
हमारा संविधान ऐसे असमर्थ या असहाय व्यक्तियों को सामान्य जीवन की सुविधा देने के लिए भारतीय संविधान के अधिनियम 1955 (समान अवसर, अधिकार संरक्षण तथा पूर्ण सहभागिता ) के अन्तर्गत 3 प्रतिशत रिजर्व्ड सीटें तथा निम्न लिखित सुविधाएँ प्रदान करता है.
* सरकारी तथा सरकार से अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्थाओं की 3 प्रतिशत सीटें विकलांगों के लिए रिजर्व्ड.
* सरकारी नौकरी में आरक्षण
* सामाजिक सुरक्षा की स्कीमें
* शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण
* शारीरिक तौर पर अक्षम लोगों को सरकारी नौकरियों में 10 साल तक की छूट
* केंद्र सरकार में सीधी भर्ती वाली सभी सेवाओं के मामले में दृष्टि बाधित बधिर तथा चलने फिरने में दिव्यांग या सेरेब्रल पल्सी से पीड़ित लोगों को उम्र में 10 साल की छूट
* इसमें भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणी के लोगों को 15 साल और छूट
* पिछड़े वर्ग के लोगों को 13 साल की छूट

और आइए अब जानते हैं कि कैसे निर्धारित होता है सरकारी नौकरियों में दिव्यांग कोटा अथवा कैसे निर्धारित होती है आरक्षण की मात्रा.

आरक्षण का परसेंटेज -  
सभी सरकारी सेवाओं , विभागों में समूह ए, बी, सी, और डी पदों के लिए सीधी भर्ती के मामलों में 3 प्रतिशत दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षित होते हैं, जिनमें से प्रत्येक प्रकार की दिव्यांगता के लिए एक एक प्रतिशत आरक्षण निर्धारित है इन सेवाओं में आरक्षण के लिए दिव्यांग व्यक्ति का चिकित्सा अधिकारी द्वारा 40 प्रतिशत अथवा इससे अधिक दिव्यांगता की पुष्टि आवश्यक है -
1. अन्धापन (ब्लाइंडनेस) या दृष्टि बाधित (कम दृष्टि लो विज़न) के लिए एक प्रतिशत .
2. सुनने की क्षमता में कमी वालों (हियरिंग इम्पैर्मेंट) के लिए एक प्रतिशत .
3. लोकोमोटर डिसेबिलिटी या सेरिब्रल पल्सी (सेरेब्रल पल्सी के शिकार) के लिए एक प्रतिशत .
4. अगर कोई पद किसी एक प्रकार की डिसेबिलिटी वाले कैंडिडेट के लिए सूटेबल है तो उस पद के लिए केवल उसी डिसेबिलिटी वाले कैंडिडेट को रिजर्वेशन देने का प्रावधान है. ऐसे केस में 3 प्रतिशत रिजर्वेशन घटाया नहीं जाएगा .

प्रमोशन के लिए भी आरक्षण - इसके अलावा दिव्यांग व्यक्तियों को प्रमोशन के लिए भी आरक्षण का प्रावधान है. अभी हाल में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय लिया है कि भारत सरकार के अन्तर्गत आने वाले सभी पदों पर प्रमोशन के लिए विकलांगों को 3% आरक्षण दिया जाएगा. केंद्र सरकार द्वारा सिर्फ ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों पर दिव्यांग आरक्षण लागू करने के आदेश के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. कोर्ट ने केंद्र के आदेश को अवैध करार दिया.

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Prashant Kumar is a content writer with 5+ years of experience in education and career domains. He has qualified UGC NET in History and was previously a faculty for IAS/PCS prep. He has earlier worked with Doordarshan & HT Media. At jagranjosh.com, Prashant creates real-time content for Govt Job Notifications and can be reached at prashant.kumar@jagrannewmedia.com
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