मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर का पद केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभागों के तहत चलाये जा रहे अस्पतालों (जैसे- एम्स, ईएसआइसी, आदि), रक्षा मंत्रालय के अधीन अस्पतालों आदि में होता है. स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी संगठन में मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर का पद ग्रुप बी के स्तर का होता है. मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर का कार्य होता है कि वह अस्पताल में मरीजों एवं उपचार का रिकॉर्ड मेंटेन रखे और किसी भी आवश्यकता के अनुसार मरीज, डॉक्टर, अथॉरिटी या अधिकारियों को रिपोर्ट उपलब्ध कराये.
मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर की भूमिका अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर विभाग में मरीजों एवं उपचार के रिकॉर्ड संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण होती है. मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर को सुनिश्चित करना होता है कि प्रत्येक मरीज के मेडिकल फाइल, उपचार एवं परीक्षण, एडमिशन एवं डिस्चार्ज आदि का पूरा रिकॉर्ड मेंटेन रहे और जरूरत पड़ने पर उपलब्ध हो. इसलिए मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर बनने के लिए आवश्यक स्किल्स में से जरूरी है कि आपको मेडिकल रिकॉर्ड से संबंधित सभी जानकारियों और कंप्यूटर डेटाबेस के संचालन की अच्छी नॉलेज होनी चाहिए.
मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर के लिए कितनी होनी चाहिए योग्यता?
मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से मेडिकल रिकॉर्ड साइंस में बैचलर्स डिग्री (बीएससी) या समकक्ष योग्यता उत्तीर्ण होनी चाहिए. किसी भी विषय में स्नातक डिग्री और मेडिकल रिकॉर्ड कीपिंग में एक वर्षीय ट्रेनिंग कोर्स कर चुके उम्मीदवार भी मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर के पद के लिए आवेदन कर सकते हैं.
मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर बनने के लिए निम्नलिखित योग्यता रखने वाल उम्मीदवारों को वरीयता दी जाती है –
• मेडिकल रिकॉर्ड से संबंधित स्किल व सॉफ्टवेयर के संचालन में निपुणता
• पूर्व में कार्य का अनुभव
मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर के लिए कितनी है आयु सीमा?
मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार की आयु 21 वर्ष से 30 वर्ष के बीच हो. हालांकि, कुछ संस्थानों में पूर्व कार्य-अनुभव के साथ अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष होती है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा सरकार के नियमानुसार छूट दी जाती है.
मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर के लिए चयन प्रक्रिया
मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर के पद पर उम्मीदवारों का चयन आमतौर पर शैक्षणिक रिकॉर्ड और इंटरव्यू के आधार पर किया जाता है. हालांकि, रिक्तियों के अनुरूप यदि अधिक संख्या में आवेदन प्राप्त होते हैं तो संबंधित संस्थान उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग के लिए लिखित परीक्षा का भी आयोजन कर सकता है.
कितनी मिलती है मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर को सैलरी?
मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर के पद पर सातवें वेतन आयोग के लेवल-1 (शेल-6) के अनुरूप रु. 35400-1,12,400 के अनुसार सैलरी दी जाती है. यदि मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर के पद पर संविदा के आधार पर भर्ती की जाती है तो रु.20000-35000 (योग्यता के अनुसार) प्रति माह तक वेतन दिया जाता है. वहीं, राज्य सरकारों के विभागों एवं संस्थानों में वेतनमान संबंधित राज्य के समकक्ष स्तर पर निर्धारित वेतनमान के अनुसार दिया जाता है जो कि राज्य के अनुसार अलग-अलग होता है.
मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर की कहां मिलेगी सरकारी नौकरी?
मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर का पद केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभागों के तहत चलाये जा रहे अस्पतालों (जैसे- एम्स, ईएसआइसी, आदि), रक्षा मंत्रालय के अधीन अस्पतालों, आदि में होता है इसलिए इस पद के लिए रिक्तियां समय-समय पर इन्हीं संस्थानों में समय-समय पर निकलती रहती हैं. इन सभी रिक्तियों के बारे में भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले पोर्टल्स या मोबाइल अप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट रहा जा सकता है.
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