हरेक आर्थिक रुप से सक्षम भारतीय नागरिक के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना एक अनिवार्य वित्तीय जिम्मेदारी है जिसका पालन कारोबारी और मजदूर वर्ग के नागरिकों को हर साल करना चाहिए. अब हमारे देश में भी ITR ऑनलाइन दाखिल किया जा सकता है और इसके लिए आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर पंजीकरण किया जा सकता है. ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि से पहले ही आप ऑनलाइन ITR फाइल करने का तरीका अच्छी तरह समझ लें. इस आर्टिकल में आपके लिए वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में घोषित नए ITR नियमों की जानकारी भी प्रस्तुत की जा रही है.
आयकर विभाग ने हाल ही में ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने और कर भुगतान को आसान बनाने के लिए नया पोर्टल ई-फाइलिंग 2.0 शुरू किया है. 'incometaxindiaefiling.gov.in' नाम का नया पोर्टल, और करदाताओं द्वारा इस पोर्टल को विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में एक्सेस किया जा सकता है.
इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए आपको सबसे पहले आयकर विभाग की वेबसाइट (https://incometaxindiaefiling.gov.in/) पर जाकर अपना पंजीकरण करवाना चाहिए. इसके लिए आप उक्त वेबसाइट पर, दाईं ओर दिए गये लिंक register yourself पर क्लिक करके अपनी सारी जरुरी जानकारी भरें. आप अपने पैन कार्ड के आधार पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. इस साइट पर एक बार पंजीकरण करने के बाद, आप इसका विभिन्न कामों के लिए इसका लाभ उठा सकते हैं जैसेकि, आप अपने इनकम टैक्स का स्टेटस और रिफंड की जानकारी का पता बड़ी सरलता से कर सकते हैं.
ITR दाखिल करने की प्रक्रिया काफी सरल है और इसके पंजीकरण के लिए कुछ पूर्व-आवश्यकताएं भी इनकम टैक्स पेयर्स को पूरी करनी होती हैं जैसेकि:
- वैध पैन
- वैध मोबाइल नंबर
- वैध वर्तमान पता
- वैध ईमेल पता (जहां तक हो सके, ईमेल आपकी अपनी होनी चाहिए).
करदाताओं/ इनकम टैक्स पेयर्स को वेबसाइट पर अपने DSC (डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र) को फिर से पंजीकृत करना होगा.
ITR ऑनलाइन पोर्टल के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी
भारत सरकार के आयकर विभाग द्वारा हाल ही में लॉन्च किए गए ITR पोर्टल की महत्त्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
इस नए ITR पोर्टल पर करदाताओं की विभिन्न श्रेणियों के लिए अलग-अलग टैब हैं जैसेकि:
• व्यक्ति
• कंपनी
• गैर-कंपनी और
• कर पेशेवर
ITR पोर्टल करदाताओं को 'माई प्रोफाइल' मेन्यू के तहत अपने व्यक्तिगत विवरण देखने, एडिट करने और अपडेट करने की अनुमति भी देता है.
करदाता अपनी प्रोफ़ाइल को अपडेट कर सकते हैं और पहले से भरे हुए सटीक ITR और बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव का लाभ उठा सकते हैं.
पंजीकृत उपयोगकर्ता एक बार लॉग-इन करने के बाद, 'लंबित कार्रवाई' टैब के तहत ई-कार्यवाही, बकाया मांगों की प्रतिक्रिया का विवरण प्रदर्शित करते हुए, करदाताओं को दिखेगा.
ई-फाइलिंग पोर्टल का उपयोग करदाता अपने आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने और रिफंड मांगने वाली शिकायतें दाखिल करने के लिए भी करते हैं.
ITR के नए नियम
इन नए ITR नियमों के अनुसार, अगर आपने आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं किया है, तो आपको 01 जुलाई, 2021 से अधिक TDS/ TCS का भुगतान करना होगा.
बजट, 2021 में की गई हालिया घोषणा में यह कहा गया है कि, एक व्यक्ति जिसने पिछले दो वित्तीय वर्षों के लिए ITR दाखिल नहीं किया है और इन वित्तीय वर्षों में से प्रत्येक में, उसे किए गए भुगतान से काटे गए कुल TDS और TCS 50,000 रुपये से अधिक हैं, तो ऐसा व्यक्ति उच्च TDS दर देयता के अधीन होगा.
आइए एक उदाहरण द्वारा इसे समझते हैं - 'मोहन' नाम के व्यक्ति ने वित्त वर्ष 2018-19 और वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है. मोहन के पास सावधि जमा, लाभांश आय, आवर्ती जमा से ब्याज के रूप में बचत है. जिनका कुल TDS प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये से अधिक हो गया है.
ऐसे में, मोहन को सालाना ITR दाखिल करने वालों की तुलना में 01 जुलाई 2021 से अपनी आय पर अधिक TDS दर का भुगतान करना होगा.
*अस्वीकरण - यह सारी जानकारी इस आर्टिकल में केवल आपके वित्तीय ज्ञान, जानकारी और समझ बढ़ाने के लिए प्रस्तुत की गई है. इसे किसी भी व्यक्ति के द्वारा वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए.
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