देश-दुनिया में कंस्ट्रक्शन की विभिन्न फ़ील्ड्स के लिए आर्किटेक्ट्स का प्रोफेशन बहुत महत्वपूर्ण है. आर्किटेक्ट्स ही सभी किस्म की बिल्डिंग्स, रोड्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्लान्स, डिजाइन्स और अन्य सभी कामों की देखरेख करते हैं. आर्किटेक्ट्स के जॉब प्रोफाइल में बिल्डिंग के डिज़ाइन और उसके स्थान के बेहतरीन इस्तेमाल से जुड़े सारे कामकाज को शामिल किया जा सकता है. भारत में इस समय आर्किटेक्चर की विभिन्न फ़ील्ड्स में 5 लाख से अधिक आर्किटेक्ट्स की जरूरत है. भारत में लगभग 170 आर्किटेक्चरल कॉलेजेज हैं जिनमें से मात्र 20-22 सरकारी कॉलेज हैं और अन्य प्राइवेट कॉलेज हैं. इस आर्टिकल में हम ऐसे स्टूडेंट्स या जॉब सीकर्स की सहूलियत के लिए एक कामयाब आर्किटेक्ट बनने के लिए महत्त्वपूर्ण टिप्स और सारी जरुरी जानकारी पेश कर रहे हैं जिनकी आर्किटेक्चर की विभिन्न फ़ील्ड्स में गहरी दिलचस्पी है. आइये आगे पढ़ें:
भारत में आर्किटेक्ट के पेशे के लिए जरुरी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन्स
आर्किटेक्ट के पेशे के लिए आवश्यक एजुकेशनल क्वालिफिकेशन्स निम्नलिखित हैं:
- आर्किटेक्चर और संबद्ध फ़ील्ड्स में बैचलर डिग्री.
- आर्किटेक्चर और संबद्ध फ़ील्ड्स में मास्टर डिग्री.
- लाइसेंस के लिए 3 वर्ष की वेतन सहित इंटर्नशिप.
- आर्किटेक्ट के पेशे के लिए लाइसेंस/ सर्टिफिकेट.
- बैचलर ऑफ़ आर्किटेक्चर की डिग्री में एडमिशन लेने के के लिए टॉप आर्किटेक्चर एंट्रेंस एग्जाम्स जैसेकि NATA, AIEEE पास करने होते हैं.
भारत के टॉप आर्किटेक्चर एंट्रेंस एग्जाम्स
हमारे देश में आर्किटेक्ट का पेशा शुरू करने के लिए स्टूडेंट्स को बैचलर ऑफ़ आर्किटेक्चर या मास्टर ऑफ़ आर्किटेक्चर की डिग्री प्राप्त करने के लिए किसी सुप्रसिद्ध आर्किटेक्चरल कॉलेज/ यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेने के लिए NATA या AIEEE जैसे आर्किटेक्चर एंट्रेंस टेस्ट पास करने होते हैं. इन आर्किटेक्चरल एंट्रेंस एग्जाम्स में ड्राइंग एप्टीट्यूड टेस्ट के साथ ही एस्थेटिक सेंसिटिविटी टेस्ट शामिल होता है. इन टेस्ट्स के माध्यम से स्टूडेंट्स की स्केच, एनालिटिकल रीजनिंग, इमेजिनेशन और विजूअलाइज़ेशन की काबिलियत परखी जाती है. हमारे देश में नेशनल और स्टेट लेवल पर विभिन्न आर्किटेक्चरल एंट्रेंस एग्जाम्स लिए जाते हैं जैसेकि:
क्रम संख्या | एग्जाम का संक्षिप्त रूप | एग्जाम का नाम | मॉड ऑफ़ एग्जामिनेशन |
1 | NATA | नेशनल एप्टीट्यूड टेस्ट इन आर्किटेक्चर | पूरे भारत में ऑनलाइन एंड ऑफलाइन |
2 | JEE-Main | ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम – मेन (एएटी) | पूरे भारत में ऑनलाइन एंड ऑफलाइन |
3 | HITSEEE | हिंदुस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम | पूरे भारत में ऑनलाइन |
4 | CEED | कॉमन एंट्रेंस एग्जाम फॉर डिजाइन (डिजाइन में पोस्टग्रेजुएशन) | पूरे भारत में ऑनलाइन एंड ऑफलाइन |
5 | GAT | गीतम एडमिशन टेस्ट | पूरे भारत में ऑनलाइन |
6 | JNTUPACET | जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर कॉमन एंट्रेंस टेस्ट | भारत के सभी राज्यों में ऑफलाइन |
7 | UPSEE | उत्तर प्रदेश राज्य एंट्रेंस एग्जाम | उत्तरप्रदेश में ऑफलाइन |
8 | KCET | कर्नाटक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट | कर्नाटक में ऑफलाइन |
9 | WB-JEE | वेस्ट बंगाल ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम | वेस्ट बंगाल में ऑनलाइन |
आर्किटेक्ट के पेशे के लिए जरुरी स्किल सेट
अगर आप एक सफल आर्किटेक्ट बनना चाहते हैं तो यहां कुछ ऐसे स्किल्स की लिस्ट पेश है जो इस पेशे के लिए निहायत जरुरी हैं जैसेकि:
- डिजाइन स्किल्स और लेटेस्ट डिजाइन पैटर्न्स की काफी अच्छी जानकारी.
- बिल्डिंग और कंस्ट्रक्शन के बारे में अच्छी जानकारी.
- बिल्डिंग के डिजाइन और प्लान्स के डिटेल्स पर पूरा ध्यान देना.
- थिंकिंग और रीजनिंग स्किल्स.
- टेक्निकल एंड विजूअलाइज़ेशन स्किल्स.
- कस्टमर सर्विस स्किल्स.
- बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स.
- एनालिटिकल थिंकिंग स्किल्स.
- क्रिएटिविटी.
- नई पहल करने की काबिलियत.
- कंप्यूटर एफिशिएंसी.
आइये अब कुछ महत्वपूर्ण स्किल्स के बारे में चर्चा करें:
- डिजाइन स्किल्स –
उक्त पेशे के लिए डिज़ाइन स्किल्स सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. चाहे पूरी बिल्डिंग का डिज़ाइन हो या फिर किसी खास कमरे या हॉल का, आर्किटेक्ट्स के द्वारा बनाये गए डिजाइन्स सुंदर और उपयोगी होने चाहिए और उन डिजाइन्स में कमियां नहीं होनी चाहिए.
- एनालिटिकल एंड प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स
इस पेशे के तहत आपके पास अपने अनुमानों और कैलकुलेशन्स को थ्योरी से प्रैक्टिकल रूप में लाने का हुनर होना चाहिए. आपके पास अपने डिजाइन्स में आने वाली प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने की समझ भी होनी चाहिए और यह भी पता होना चाहिए कि क्यों आपके कुछ डिजाइन्स को प्रैक्टिकल तौर पर नहीं तैयार किया जा सकता है? आपको पता होना चाहिए कि क्यों कुछ डिजाइन्स और प्लान्स अन्य डिजाइन्स और प्लान्स से ज्यादा बेहतर हैं. आप अपने काम में लगातार कैसे सुधार कर सकते हैं? आदि.
- टीम मैनेजमेंट स्किल्स –
इस पेशे में आपको अन्य कई टीम्स और पेशेवरों जैसेकि, इंटीरियर डिज़ाइनर्स, इंजीनियर्स के साथ मिलकर अपने काम को अंजाम देना होता है. इसलिए जब आप किसी जटिल प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हों तो अपनी टीम के साथ बेहतर कोआर्डिनेशन रखें और जरूरत पड़ने पर आप अपनी टीम को लीड भी कर सकें.
- कम्युनिकेशन स्किल्स –
किसी भी आर्किटेक्चरल प्रोजेक्ट में आपको कई किस्म के लोगों और पेशेवरों के साथ मिलकर काम करना होगा इसलिए आपको अपने आइडियाज को सभी लोगों को बेहतर तरीके से समझाना आना चाहिए और इस काम के लिए आपके बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स आपकी पूरी मदद करेंगे. असल में, अन्य सभी पेशेवरों की नॉलेज और एक्सपीरियंस के लेवल्स अलग-अलग होते हैं लेकिन आपको अपने आइडियाज उन्हें अच्छी तरह समझाने होंगे.
- मैथ्स एंड साइंस स्किल्स -
इस पेशे की नींव ही मैथ्स एंड साइंस की एजुकेशनल बैकग्राउंड और उक्त फ़ील्ड्स के बेहतरीन स्किल्स हैं. असल में, किसी भी बिल्डिंग का डिज़ाइन तैयार करते समय आपके ज्योमेट्री, अलजेब्रा, इंजीनियरिंग और फिजिक्स के स्किल्स उपयोगी साबित होते हैं. वास्तव में, आपकी कैलकुलेशन्स किसी प्रोजेक्ट को बना या बिगाड़ सकती हैं.
भारत के प्रमुख आर्किटेक्चरल इंस्टीट्यूट्स और यूनिवर्सिटीज
- स्कूल ऑफ़ प्लानिंग एडं आर्किटेक्चर, दिल्ली
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, खड़गपुर
- सर जेजे बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मेसरा
- जाधवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता
- चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ़ आर्किटेक्चर, चंडीगढ़
- जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी
- हिंदुस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस
- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
- बीएस अब्दुर रहमान यूनिवर्सिटी
आर्किटेक्ट्स के लिए विभिन्न करियर फ़ील्ड्स:
- आर्किटेक्चरल एंड इंजीनियरिंग मैनेजर्स
- सिविल इंजीनियर्स
- कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डिंग इंस्पेक्टर्स
- कंस्ट्रक्शन मैनेजर
- ड्राफ्टर्स
- इंडस्ट्रियल डिज़ाइनर्स
- इंटीरियर डिज़ाइनर्स
- लैंडस्केप आर्किटेक्ट्स
- सर्वे एंड मैप टेक्नीशियन्स
- सर्वेयर्स
- अर्बन एंड रीजनल प्लानर्स
भारत में आर्किटेक्ट के पेशे के लिए सैलरी पैकेज
भारत में आमतौर पर एक डिजाइन आर्किटेक्ट को एवरेज 365,894 रुपये सालाना मिलते हैं. इस पेशे में अनुभव का आपके सैलरी पैकेज पर काफी अच्छा असर पड़ता है. इसी तरह, आर्किटेक्चर की फील्ड में बैचलर डिग्री होल्डर स्टूडेंट्स को रु. 1.60 लाख से रु. 10.30 लाख तक सालाना का सैलरी पैकेज मिलता है और मास्टर डिग्री होल्डर स्टूडेंट्स को रु. 4.60 लाख से रु. 16.60 लाख तक सालाना का सैलरी पैकेज मिलता है.
जॉब, इंटरव्यू, करियर, कॉलेज, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स, एकेडेमिक और पेशेवर कोर्सेज के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने और लेटेस्ट आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.jagranjosh.com पर विजिट कर सकते हैं.
अन्य महत्त्वपूर्ण लिंक
क्लाउड आर्किटेक्ट: भारत में एलिजिबिलिटी और करियर स्कोप
इंडियन इंजीनियर्स के लिए टॉप फ्री ऑनलाइन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्सेज
जानिए ये हैं इंटरनेशनल वेबसाइट्स पर सिविल इंजीनियरिंग के बेस्ट फ्री ऑनलाइन कोर्सेज
Comments
All Comments (0)
Join the conversation