आखिर वे कौन से तरीके हैं जो गणित को आसान बना देते हैं? जाने इन लेख में

गणित में कमज़ोर छात्रों की यह सबसे बड़ी समस्या होती है की वह गणित के प्रश्नों को कैसे हल करें? किस तरह वह अपनी कैलकुलेशन की स्पीड बढ़ाएं? इस लेख में हम जानेंगे कुछ महत्वपूर्ण बातें जो गणित में कमज़ोर छात्रों के लिए काफी सहायक साबित हो सकती है|

Feb 6, 2019, 09:38 IST
Tricks to learn maths for weak students
Tricks to learn maths for weak students

गणित में कमज़ोर छात्रों की यह सबसे बड़ी समस्या होती है की वह गणित के प्रश्नों को कैसे हल करें? किस तरह वह अपनी कैलकुलेशन की स्पीड बढ़ाएं? दरअसल जब भी गणित का कोई सवाल हमारे सामने आता है तो दिमाग पहले के अनुभव के साथ उसे मिलाना शुरू कर देता है और यदि उस तरह का पहले का कोई अनुभव है, तो दिमाग उसे मिलाने की कोशिश करता है और निष्कर्ष तक पहुचने के लिए प्रेरित करता है जिस कारण हम समाधान तक पहुँच जाते हैं या, उसके सम्मुख पहुँच जाते हैं लेकिन इसके लिए उस तरह का अनुभव होना ज़रूरी है. यदि हमारे दिमाग में पहले का जो अनुभव है वह अधुरा है तो हम कंफ्यूज हो जाते हैं और अगर कोई अनुभव उस सवाल को लेकर है ही नहीं तो दिमाग कुछ सोच ही नहीं पाता है. जैसे मान लीजिये अगर कोई कॉमर्स का छात्र है जिसने कभी ट्रीगोनोमेट्री (Trigonometry) किया ही नहीं तो उसे अगर इसके सवाल मिल जाएँ तो वह उसे हल करने की कोशिश भी नहीं करेगा और यह कुछ हद तक स्वभाविक भी है|

आइए इस बात को एक बेहद ख़ास वीडियो के माध्यम से समझते हैं

ये है कमज़ोर छात्रों की मुख्य समस्याएं :

1. सवाल देखकर समझ नहीं पाना की करना क्या है?

2. सवाल हल करते समय असंख्य गलतियाँ करना|

ये है कमज़ोर और तेज़ छात्र में अंतर :

जब कोई तेज़ छात्र गणित में किसी टॉपिक का प्रश्न हल करता है तो एक दो प्रश्न हल करनें से ही उसके दिमाग में प्रश्नों की एक आकृति में बन जाती है और वह ऐसे प्रश्नों को हल करने की रणनीति बना लेता है; जबकि, वही प्रश्न जब एक कमज़ोर छात्र हल करता है उसके दिमाग में उस टॉपिक के लिए कोई सहज आकृति नहीं बन पाती है लेकिन प्रैक्टिस करने के बाद भी जब कमज़ोर छात्र उसी तरह के प्रश्न को कुछ समय बाद हल करता है तो वह तरीका जल्दी ही भूल जाता है या फिर आधे प्रश्न में ही कंफ्यूज हो जाता है|

अब इस तरह की आने वाली समस्याओं का एक ही समाधान है कि छात्र के दिमाग में हर तरह के गणित के सवालों का एक स्पष्ट चित्र बनाएं और वह चित्र कुछ इस प्रकार हो की वह अधिक समय के लिए हो ताकि, वे एग्ज़ाम्स के बाद भी उन सवालो का हल निकाल सकें और यकीन मानें कि छात्र खुद यह महसूस करेंगे की इससे उनको काफी फायदा है| बस ज़रूरत है तो इसके लिए कुछ विशेष तरीके अपनाने की जिसकी मदद से एक कमज़ोर छात्र भी तेज़ छात्र के बराबर आ खड़ा हो सकता है|

कमजोर और तेज छात्र में अंतर लिए ये समाधान अपनाएं :

कमजोर और तेज छात्र में अंतर केवल गणित को हल करने के तरीके में होते हैं। कमजोर छात्र जब तक एक सवाल को हल करते हैं तब तक तेज छात्र दो से तीन सवालों को हल कर देते हैं। तो इस स्लो कैलकुलेशन का क्या कारण है?

कम प्रैक्टिस...

कम प्रैक्टिस गणित में कमजोर और स्लो कैलकुलेशन करने का सबसे पहला और महत्तवपूर्ण कारण है। इसलिए अधिक से अधिक प्रैक्टिस करें।

गणित की सबसे अच्छी बात है कि आपको इसे याद नहीं करना पड़ता। इसे जितना ज्यादा आप प्रेक्टिस करते हैं उतने बेहतर तरीके से इसे हल कर पाते हैं। तो गणित को समय दीजिए। एक घंटे की जगह दो घंटे तक करें। और एक ही तरह के सवालों को कई बार हल करें। एक बार समझ आ जाएगा तो इससे आसान विषय आपके लिए कुछ नहीं होगा।  

यूपी बोर्ड कक्षा 12 गणित पिछले 5 वर्षों के साल्व्ड प्रश्न पत्र

अन्य बातों का ख्याल रखें :

यदि किसी प्रश्न को हल करते समय आप जोड़, घटाना और भाग अपने दिमाग में ही कर लेते हैं तो कैलकुलेशन बहुत ही फ़ास्ट होता है और यदि आप यह खुद करें तो आपकी गति धीमी हो जाती है| उदाहरण की तौर पर, जैसे कोई बैट-मेन खड़ा है और बॉलर बॉल फेकता है तो बॉल की स्पीड बैट-मेन तक बॉल पहुँचने की एक सेकेंड का दसवा भाग होती है| गौर करने की बात यह है की इतने कम समय में बैट-मेन, बॉल की लेंथ, और कोण समझ कर स्ट्रोक करता है और इतना सोचने के लिए बैट-मेन को केवल एक सेकेंड का दसवां भाग मिलता है इतने समय में ही दिमाग सोच कर एक्शन भी लेता है| लेकिन यही काम जब वह पहले दिन कर रहा होगा तो यह स्पष्ट है की वह नहीं कर पाया होगा| इसी तरह जो गणित में कमज़ोर होते हैं वह कैलकुलेशन कम करते हैं जिस कारण उनका दिमाग भी फ़ास्ट कैलकुलेट नहीं कर पाता है| तो चलिए इस विषय वस्तु पर कुछ मुख्य बात करते हैं-

1. सबसे पहले किसी भी प्रश्न में या किसी टॉपिक में करना क्या है के आधार पर सम्पूर्ण चेप्टर को ग्रुप और टाइप में बाट दें| कहने का सीधा मतलब है की छात्र किसी भी शिक्षक की मदद से चैप्टर्स को टाइप और ग्रुप में वर्गीकृत कर सकते है जिससे उन्हें उस चेप्टर को पढ़ने में आसानी हो|

2. प्रश्नों को हल करने के लिए छात्र साइंटिफिक मेथड अपनाएं|

3. गणित समझने के लिए कोई नया तरीका न अपनाये, जैसे कई कमज़ोर छात्र वैदिक मैथ्स या अबेकस (गणित के कैलकुलेशन की शोर्ट कट फोर्मुले) की क्लासेज लेते हैं| एक कमज़ोर छात्र के लिए इन ऐसे तरीकों से बेहतर स्वभाविक रूप से कैलकुलेशन समझना आसान और सहज है|

4. फ़ास्ट कैलकुलेशन के लिए ज़रूरी नहीं की आप बहुत सारे प्रश्न हल करें या सोचें इसके लिए केवल एक वेल प्लांड तरीका अपनाएं| प्रश्नों को वर्गीकृत कर हल करने की कोशिश करें|

यूपी बोर्ड कक्षा 10 विज्ञान साल्व्ड प्रैक्टिस प्रश्न पत्र सेट- 9

यूपी बोर्ड कक्षा 12 जीवविज्ञान साल्व्ड प्रैक्टिस प्रथम प्रश्न पत्र सेट- 7

Jagran Josh
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