आजकल देश के विभिन्न कॉलेजों में स्टूडेंट्स के लिए लिमिटेड सीट्स होने के बावजूद, एडमिशन के लिए कट-ऑफ़ लिस्ट बहुत हाई निकलती हैं. इसलिए, अधिकतर कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए अपने मनचाहे कॉलेज या कोर्स में एडमिशन लेना काफी मुश्किल हो जाता है. फिर भी, हरेक कॉलेज बहुत से स्टूडेंट्स की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता और ज्यादातर स्टूडेंट्स किसी लोकप्रिय कॉलेज से ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री लेना चाहते हैं. वैसे तो किसी कॉलेज में एडमिशन लेने का निर्णय हरेक स्टूडेंट और उसके पेरेंट्स काफी सोच-विचार करने के बाद लेते हैं लेकिन, अगर स्टूडेंट्स को किसी भी कारणवश अपने कॉलेज के पहले साल में ही यह महसूस हो कि उन्होंने जिस कॉलेज में एडमिशन लिया है या फिर, जो कोर्स पढ़ रहे हैं, वह उनके लिए सूटेबलनहीं है या उस कोर्स/ कॉलेज में उन स्टूडेंट्स की अगर दिलचस्पी नहीं रहती तो ऐसे में, कई स्टूडेंट्स अपना कॉलेज और स्टडी कोर्स चेंज करना चाहते हैं. इसलिए, एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में ‘माइग्रेशन’ उन स्टूडेंट्स के लिए आशा की किरण प्रतीत होता है. वैसे तो यह सही तरीका नहीं है लेकिन फिर भी अधिकतर स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई का एक साल बरबाद होने से बचाने के लिए और अपने मनचाहे कॉलेज में पढ़ने के लिए इस ‘कॉलेज माइग्रेशन’ का तरीका फ़ॉलो करते हैं. हम इस आर्टिकल में विभिन्न यूनिवर्सिटीज के माइग्रेशन संबंधी सामान्य रूल्स एंड रेगुलेशन्स का विवरण आपके लिए पेश कर रहे हैं ताकि इस बारे में आपको बिलकुल सटीक और समुचित जानकारी मिल सके और आप अपना समय, एनर्जी तथा पैसा बरबाद किये बिना ही किसी मनपसंद कॉलेज/ कोर्स में एडमिशन ले सकें. आइये अब आगे पढ़ें यह आर्टिकल:
यह है माइग्रेशन प्रोसेस
एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में ‘माइग्रेशन’ एक ऐसा प्रोवीजन है जिसके तहत स्टूडेंट्स अपने कॉलेज के दूसरे साल में किसी अन्य मनपसंद कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए अप्लाई कर सकते हैं. अगला कॉलेज कुछ निर्धारित क्राइटेरिया अपनाकर और अपने कॉलेज में उपलब्ध सीटों के आधार पर माइग्रेशन एप्लीकेशन्स को स्वीकार करता है. यहां स्टूडेंट्स को यह पता होना चाहिए कि अगले या नए कॉलेज में एडमिशन/ माइग्रेशन संबद्ध स्टूडेंट्स के फर्स्ट इयर के मार्क्स या मेरिट लिस्ट के आधार पर होता है. इसके अलावा, हरेक कॉलेज माइग्रेशन के संबंध में अपनी परसेंटेज खुद तय करता है.
माइग्रेशन के लिए जरुरी नियम और शर्तें
अगर आप किसी कॉलेज में पहला साल पूरा करने के बाद किसी अन्य कॉलेज में अपना माइग्रेशन करवाना चाहते हैं तो आपको निम्नलिखित जरुरी नियमों की जानकारी जरुर होनी चाहिए:
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- कोई भी स्टूडेंट बीए, बीकॉम, बीएससी, बीए (ऑनर्स), बीकॉम (ऑनर्स) और बीएससी (ऑनर्स) कोर्सेज के दौरान अपने तीसरे सेमेस्टर में एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में माइग्रेट हो सकता है. लेकिन माइग्रेशन के लिए दोनों कॉलेजों के प्रिंसिपल्स की सहमति और अगले कॉलेज में संबद्ध सब्जेक्ट में सीट्स उपलब्ध होनी चाहिए.
- सेमेस्टर सिस्टम के तहत संबद्ध स्टूडेंट ने अपने पहले साल के दोनों सेमेस्टर पास किये हों.
- माइग्रेशन के लिए अप्लाई करने की प्रोसेस में सबसे पहले जिस कॉलेज में स्टूडेंट माइग्रेशन चाहता है, उस कॉलेज के प्रिंसिपल के ऑफिस से संपर्क करना और नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना शामिल है.
- किसी भी कॉलेज में माइग्रेशन के लिए अप्लाई करने की आखिरी तिथि प्रत्येक साल 31 अगस्त होती है. हालांकि इस संबंध में अनंतिम तिथियों की भी घोषणा की जा सकती है.
- माइग्रेशन प्रोसेस दूसरा सेमेस्टर पूरा होने के बाद और तीसरा सेमेस्टर शुरू होने से पहले पूरी हो जानी चाहिए.
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किसी अन्य कॉलेज में माइग्रेशन करवाने के लिए जरुरी दस्तावेज़
अपने पहले साल के बाद किसी अन्य कॉलेज में माइग्रेशन करवाते समय आपके पास निम्नलिखित दस्तावेज़ जरुर होने चाहिए:
- दोनों संबद्ध कॉलेजों अर्थात मौजूदा कॉलेज और जिस कॉलेज में स्टूडेंट माइग्रेशन चाहता है, उन दोनों कॉलेजों के प्रिंसिपल्स/ हेड्स से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट.
- मौजूदा कॉलेज के प्रिंसिपल/ हेड से प्राप्त लीविंग सर्टिफिकेट.
- अब तक पास किये गए एग्जाम्स की मार्क्स शीट्स.
- स्टूडेंट ने सभी देयों/ फीस का भुगतान किया हो.
स्टूडेंट्स इस बात पर भी ध्यान दें कि वे अपने मौजूदा कॉलेज से अपनी पसंद के किसी अन्य मशहूर कॉलेज में माइग्रेशन करने से पहले सभी आस्पेक्ट्स पर अच्छी तरह गौर करें ताकि माइग्रेशन लेने के बाद उन्हें अपना पूर्व कॉलेज छोड़ने के लिए पछताना न पड़े. असल में, सभी कॉलेज स्टूडेंट्स को बेहतरीन एजुकेशन और बढ़िया परिवेश उपलब्ध करवाते हैं और एक बार किसी कॉलेज में एडमिशन लेने के बाद स्टूडेंट्स की मेहनत और लग्न पर भी उनके करियर की सफलता निर्भर करती है. स्टूडेंट्स को इस प्वाइंट का भी ध्यान रखना चाहिए कि अक्सर अधिकतर कॉलेज अपने स्टूडेंट्स को माइग्रेशन के संबंध में एनओसी (नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) देने के लिए तैयार नहीं होते हैं और स्टूडेंट्स को इसके लिए कई बार कानून का सहारा लेना पड़ता है. अधिकतर स्टूडेंट्स अक्सर अपने मौजूदा कॉलेज में ही पढ़ना चाहते हैं क्योंकि एक साल के भीतर उनके कई दोस्त बन जाते हैं और वे अपने टीचर्स से भी अच्छी तरह परिचित हो जाते हैं.
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सारांश
अगर स्टूडेंट्स अपने मौजूदा कॉलेज में अपने फर्स्ट इयर के रिजल्ट के बाद किसी अन्य कॉलेज और स्ट्रीम में माइग्रेशन चाहते हैं तो उन्हें समय रहते उक्त सभी प्वाइंट्स का ध्यान रखते हुए माइग्रेशन प्रोसेस के अनुसार एक्शन लेना होगा ताकि वे अपने मनपसंद कॉलेज और स्ट्रीम में अपने सेकंड इयर से पढ़ाई कर सकें और अपना पसंदीदा करियर बनाने के लिए अपने कॉलेज के वर्षों से ही खूब मेहनत कर सकें.
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