आज कल इंटरनेट जीवन के हर क्षेत्र में अपना एक अलग अहम स्थान बना चुका है. वो आम भौतिक सुख सुविधाएँ जिनके लिए पहले घंटों मशक्त करनी पड़ती थी आज मिनटों में एक बटन दबाते ही ऑनलाइन माध्यम से पूरी हो जाती हैं. लगभग एक दशक पहले लोग ऑनलाइन शॉपिंग से बहुत ज्यादा परिचित नहीं थे क्योंकि तब तक लोग इंटरनेट से पैसा ट्रांसफर करने में संकोच करते थे.लेकिन आज यह स्थिति है कि लोग ज्यादातर शॉपिंग ऑनलाइन ही करना पसंद करते हैं. अब अधिकांश लोग इंटरनेट के आदि हो चुके हैं. ऑनलाइन शॉपिंग की तरह शिक्षा जगत में भी एक क्रांति आई और ऑनलाइन शिक्षण का प्रचलन हुआ. लेकिन आज भी बहुत सारे छात्र ऑनलाइन कोर्स के चयन में सहज नहीं हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि यह आज भी हमारी शिक्षा की मुख्यधारा से अलग है. ऑनलाइन स्टडी को लेकर हमारे समाज में कुछ मिथ विद्यमान हैं जो बिलकुल सही नहीं हैं तथा उनका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है.उनमें से कुछ हैं –
कंप्यूटर में मास्टरी
कुछ लोगों का मानना है कि ऑनलाइन स्टडी या किसी पाठ्यक्रम की तैयारी के लिए कंप्यूटर में मास्टरी होना आवश्यक है.लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है यदि आप कुछ ऑनलाइन सीखना चाहते हैं, तो सिर्फ आपको इतना पता होना चाहिए कि कंप्यूटर किस तरह काम करता है ? यदि आप इस तरह के पाठ्यक्रम का चयन करते हैं तो इसे एक सॉफ्टवेयर के जरिये एक कोड के माध्यम से चलाया जाता है. इसके लिए आप उस कोर्स कराने वाले संस्थान के तकनीकी टीम की सहायता ले सकते हैं. वे आपकी हर समस्या का समाधान बताएंगे.
पर्सनल केयर का अभाव
सामान्यतः ऐसी मान्यता है कि ऑनलाइन कोर्स करने पर व्यक्तिगत रूप से कैंडिडेट पर ध्यान नहीं दिया जा सकता है. लेकिन यह बात भी सही नहीं है. ध्यान रखिये जब भी सब कुछ ऑनलाइन किया जाता है तो उसके प्रत्येक छात्र पर पर्याप्त ध्यान देने की व्यवस्था की जाती है ताकि सभी छात्रों को विषय या टॉपिक की अवधारणाएं व्यापक रूप से समझ में आ सके. इतना ही नहीं आप अपनी किसी भी कन्फ्यूजन तथा प्रश्नों के सवाल के बारे में कार्यालय के नियुक्त व्यक्ति से टेलीफोन या फिर वीडियो कॉलिंग द्वारा पर्याप्त जानकारी हासिल कर सकते हैं.
एक सुस्त प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षण
अक्सर यह कहा जाता है कि ऑनलाइन पाठ्यक्रम में एक सुस्त प्रक्रिया के तहत अध्ययन किया जाता है जो बिलकुल सही नहीं है.चूँकि पाठ्यक्रम का मोड्यूल छात्रों की सुविधा के अनुसार तैयार किया गया होता है इसलिए छात्रों को अपनी इच्छा के अनुसार पढ़ने की सुविधा दी जाती है लेकिन ध्यान रखिये इसका मतलब यह नहीं है कि उनके पास परीक्षण और कार्य के लिए कोई भी समय सीमा नहीं है. इन्हें अध्यापक प्रभारी द्वारा हमेशा एक निश्चित तिथि दी जाती है और उन्हें इसका पालन करना पड़ता है.
ऑफ़लाइन पाठ्यक्रमों से ऑनलाइन पाठ्यक्रम आसान है
हमेशा यह ध्यान रखें कि कुछ भी सीखने के लिए कोई आसान तरीका नहीं होता है. ऑनलाइन या ऑफ़लाइन, दोनों के साथ अपनी अलग अलग चुनौतियां हैं. ऑनलाइन पाठ्यक्रम अधिक मुश्किल हो सकते हैं क्योंकि कोई सहकर्मी संपर्क में नहीं होता है.आपके पास एक छोटी सी अवधारणा को समझने के लिए एक सहकर्मी से पूछने की लक्जरी नहीं होती है.
डिग्री की उतनी मान्यता नहीं है
कई प्रतिष्ठित कॉलेज और विश्वविद्यालय हैं जो ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं ताकि आपको अपने पाठ्यक्रम के अंत में वास्तविक डिग्री प्राप्त करने के लिए चिंता करने की जरुरत न पड़े.एक अग्रणी शिक्षा वेबसाइट के अनुसार, ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की पेशकश करने वालों में ऑनलाइन डिग्री की पेशकश करने वाले संस्थानों का प्रतिशत 2002 से 2012 के बीच 34 प्रतिशत से बढ़ाकर 62 प्रतिशत हो गया है. अतः ऐसा सोचना बिलकुल बेबुनियाद है.
ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के फायदे :
नई शुरुआत के लिए एक अच्छा माध्यम
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कॉलेज में क्या कोर्स कर रहे हैं, ऑनलाइन प्रोग्राम हमेशा आपको एक नई शुरुआत तथा कुछ एक्स्ट्रा करने की प्रेरणा देता है. आप इन कोर्सेज से प्राप्त डिग्रियों को नियोक्ताओं को यह दिखा सकते हैं कि आप सीखने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध तथा अधिक ज्ञान और नए कौशल प्राप्त करने के लिए उत्सुक रहते हैं. यदि आप एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से ऑनलाइन डिग्री प्राप्त करते हैं, तो यह आपके करियर विकास में सहयोगी होगा.आप निश्चित रूप से नौकरी में पदोन्नति पाएंगे.
अगर आपको अकेले काम करना पसंद है,तो ऑनलाइन पाठ्यक्रम सर्वोत्तम हैं
इंटरनेट के माध्यम से एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम करना आपके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होगा यदि आप भीड़ भाड़ से अलग शांति चित से पढ़ाई करने में विश्वास रखते हैं. इसके अंतर्गत समन्वय की परेशानी शायद ही आती है. ऑनलाइन कोर्सेज में ज्यादातर असाइनमेंट आपको खुद ही करने पड़ते है. अतः अगर आपको अपने ऊपर भरोषा है तथा आप अकेले काम करने में खुश रहते हैं,तो यह आपके लिए हमेशा लाभदायी रहेगा.
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