दिवाली पर हिंदी निबंध (Essay on Diwali in Hindi ): दीपावली, भारत में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार, हर साल, केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के भारतीय समुदायों में विशेष आनंद और उत्सव के साथ मनाया जाता है। "दीपावली" शब्द का अर्थ होता है "दीपों की श्रृंखला"। यह शब्द बना है "दीप" और "आवली" को जोड़ कर जिन्हें संस्कृत भाषा के शब्दों से लिया गया है।
दीपावली को दिवाली या दीवाली भी कहा जाता है। यह त्योहार हर घर में खुशियों की सौगात लाता है और इस दिन हर घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यूँ तो दीवाली पांच दिनों का त्यौहार है जहां हर एक दिन का एक अलग महत्व है लेकिन आमतौर पर 2 दिन सबसे खास होते हैं - छोटी दिवाली और दिवाली। आमतौर पर दिवाली का त्यौहार अक्टूबर के मध्य से नवंबर के मध्य में पड़ता है। दीपावली कार्तिक माह के पंद्रहवें दिन अमावस्या को मनाई जाती है। 2024 में दिवाली, शुक्रवार, 1 नवंबर को है।
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दिवाली 2024 की हिंदी शुभकामनाएं: Diwali 2024 Wishes in Hindi
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1. दीपावली के इस पावन अवसर पर आपके घर में धन, सुख, और शांति का आगमन हो। शुभ दीपावली!
2. शुभ दीपावली! आपके जीवन में खुशियों की बारिश हो, और दीपावली का यह त्योहार आपके लिए खास हो।
3. आपके जीवन में खुशियाँ बनी रहें, और आपके आसपास की रोशनी बढ़ती रहे। शुभ दीपावली!
4. शुभ दीपावली! दीपों की रोशनी से दिल में उजाला हो।
5. दीपावली की शुभकामनाएँ! यह त्योहार आपके जीवन को रोशन करे।
दिवाली पर हिंदी निबंध: Hindi Essay on Diwali 2024
इस लेख में, स्कूली छात्रों और कॉलेज के युवाओं के लिए दिवाली के ऊपर आसान, संक्षिप्त और सरल निबंध दिए गए हैं| ये दिवाली निबंध कक्षा 5वीं से 10वीं, 11वीं, 12वीं और उससे आगे की कक्षाओं के लिए भी उपयुक्त हैं। सभी निबंध PDF रूप में Free डाउनलोड करें।
Diwali Essay in Hindi in 10 Lines
लाइन 1: दिवाली, दीवाली या दीपावली को 'रोशनी का त्योहार' भी कहा जाता है।
लाइन 2: कई भारतीय संस्कृतियों के लिए दिवाली का त्यौहार ही नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।
लाइन 3: दिवाली बुराई पर अच्छाई के डेट का प्रतिक है क्यूंकि इसी दिन भगवान् राम रावण को हराने के बाद 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे।
लाइन 4: इस दिन अयोध्यावासियों ने अपने श्री राम के लौटने की खुशी में अपने घरों और पूरे शहर को दीयों से सजाया था।
लाइन 5: दिवाली पर लोग अपने घरों को साफ करते हैं, फूलों से सजाते हैं, रंगोली बनाते हैं, दीये जलाते हैं और पूरे घर को रोशनी से भर देते हैं।
लाइन 6: पड़ोसी, दोस्त, रिश्तेदार एक-दूसरे से प्यार से मिलते हैं और उपहार एवं मिठाइयाँ लेते - देते हैं।
लाइन 7: दीवाली की रात देवी लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है।
लाइन 8: दिवाली पांच दिनों का त्योहार है।
लाइन 9: दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है।
लाइन 10: दीपावली सिर्फ एक त्यौहार नहीं बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
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हिंदी दिवाली निबंध - Diwali Essay in Hindi in 200 Words
दिवाली एक हिंदू त्योहार है जिसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है।आमतौर पर दिवाली अक्टूबर या नवंबर में आता है। इस दिन श्री राम लंकापति रावण को हराने के बाद अपनी नगरी - अयोध्या - लौटे थे। भगवान राम की अयोध्या वापसी अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
दीपावली पांच दिवसीय त्यौहार है। दिवाली त्यौहार के दौरान, घरों को साफ किया जाता है और घर के हर कोने को दीपक, फूलों और रंगीन रंगोलियों से सजाया जाता है। लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। दिवाली की रात यानि इस पूरे त्यौहार के मुख्या शाम को लोग धन और समृद्धि के देवी-देवता, लक्ष्मी मान और भगवान गणेश की विशेष पूजा करते है।
लोग घरों में रंगीन मिट्टी के दीये जलाते हैं, जो प्रकाश और आशा की विजय का सन्देश देते हैं। यूँ तो कई दशकों से दिवाली को पटाखे और आतिशबाजियों से मनाया जाने लगा हैं लेकिन 21वीं सदी में उनके पर्यावरण और स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं। इसलिए हमें अपने पर्यावरण का ध्यान रखते हुए दिवलो को प्रेम भवन से मनाना चाहिए।
दिवाली 2024
दीपावली के बारे में और विस्तृत जानकारी के लिए निचे दी हुईं पैराग्राफ देखें:
दिवाली का महत्त्व
दिवाली एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो रावण को हराने के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी का प्रतीक है। यह बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। इस दिन लोग अपने घरों को दीपों और रंगोली से सजाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और मिठाई एवं उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है और विघ्नहर्ता भगवन गणेश की भी साथ ही पूजा अर्चना होती है। दीपावली सिर्फ रोशनी का नहीं बल्कि आपसी प्रेम का त्यौहार भी है। यह परिवारों को एक साथ लाती है, खुशियाँ फैलाती है।
दिवाली के पांच दिन: About All 5 Days of Diwali
Date (तारीख) | Day (दिन) | Event (प्रसंग) |
29 अक्टूबर, 2024 | मंगलवार | धनतेरस |
31 अक्टूबर, 2024 | गुरुवार | छोटी दिवाली |
1 नवंबर, 2024 | शुक्रवार | दिवाली, लक्ष्मी पूजा |
2 नवंबर, 2024 | शनिवार | गोवर्धन पूजा |
3 नवंबर, 2024 | रविवार | भैया दूज |
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दिवाली पांच-दिवसीय उत्सव है।
पहले दिन के उत्सव को धनतेरस कहा जाता है। यह दिन नई चीजें, खासकर सोना और चांदी खरीदने के लिए शुभ दिन माना जाता है।
दूसरा दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने का दिन है क्योंकि इस दिन बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए विशेष अनुष्ठान किये जाते हैं।
दिवाली, यानि के तीसरे दिन, रावण को हराने के बाद भगवान राम की अपने राज्य अयोध्या में वापसी का जश्न है। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवन गणेश की भी पूजा की जाती है।
दिवाली का चौथा दिन गोवर्धन पूजा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था।
भैया दूज दिवाली का 5वां और अंतिम दिन है। यह भाइयों और बहनों के बीच के बंधन का जश्न मनाने का दिन है। बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र और खुशहाली की प्रार्थना करती हैं।
हम दिवाली क्यों मनाते हैं?
दिवाली बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है। इस दिन श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद रावण को हराकर अयोध्या लौटे थे। अयोध्या के नागरिकों ने अपने घरों और पूरे शहर को दीपों से सजाया। तब से, दिवाली दीये जलाने और पटाखे फोड़ कर मनाई जाने लगी। दिवाली मनाने का एक और कारण यह है कि यह भारत के कई हिस्सों में नए साल की शुरुआत मानी जाती है। दिवाली उत्सव देवी लक्ष्मी की मुक्ति का भी प्रतीक है, जिन्हें राजा बलि ने कैद कर लिया था। भगवान विष्णु ने भेष बदलकर उन्हें राजा से बचाया, जिससे कई क्षेत्रों में दिवाली का हर्षोल्लास मनाया जाने लगा, क्योंकि यह लोगों के घरों में पूजनीय देवी लक्ष्मी के आगमन का प्रतीक है। कई लोगों का मानना है कि वह आने वाले वर्ष में उन्हें धन और समृद्धि का आशीर्वाद देंगी।
दिवाली पर लंबा निबंध - Long Essay on Diwali in Hindi
600 words Diwali essay in Hindi:
प्रदूषण मुक्त और पर्यावरण-अनुकूल दीपावली
दीपावली भारत में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय और शुभ त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का प्रतीक है। दिवाली हिंदू कैलेंडर में कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाई जाती है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में आती है।
दिवाली संस्कृत के शब्द दीपावली से बना है, जिसका अर्थ है "दीपकों की पंक्ति।" यह त्यौहार नए हिंदू वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है। इस पर्व को घर के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाकर मनाया जाता है। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली दुनिया भर के हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का जश्न मनाने का समय है।
दीपावली मानाने के पीछे कई कथन हैं। रावण को हराने के बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है। श्री राम को 14 साल के लिए अयोध्या से वनवास दिया गया था और उनकी वापसी को बहुत खुशी और उत्सव के साथ मनाया गया था। अयोध्या के लोगों ने उनके स्वागत के लिए दीये जलाए और अपने घरों को सजाया। दिवाली मनाने का एक अन्य कारण धन और समृद्धि की हिंदू देवी लक्ष्मी का सम्मान करना है। लोग धन और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए दिवाली की रात लक्ष्मी पूजा करते हैं।
दिवाली पूरे भारत में बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाई जाती है। लोग इस त्योहार की तैयारी हफ्तों पहले से ही शुरू कर देते हैं। वे अपने घरों को साफ करते हैं, उन्हें रोशनी और रंगोलियों से सजाते हैं और नए कपड़े खरीदते हैं। दिवाली की रात, लोग अपने घरों और कार्यालयों के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाते हैं। वे धन और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए लक्ष्मी पूजा भी करते हैं। पूजा के बाद, लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। लोग स्वादिष्ट भोजन और मिठाइयाँ बनाते हैं और उन्हें अपने प्रियजनों के साथ बाँटते हैं।
दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। लोग अपने घरों को साफ करते हैं और सजाते हैं, नए कपड़े खरीदते हैं और स्वादिष्ट भोजन तैयार करते हैं। दिवाली की रात, लोग दीये जलाने, लक्ष्मी पूजा करने और उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए इकट्ठा होते हैं। दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। यह सभी गिले-शिकवे भूल कर नई शुरुआत करने का समय है। दिवाली आनंद और खुशियाँ फैलाने का भी समय है। दिवाली के अवसर पर समृद्ध घर-परिवार के लोग दान देते हैं और जरूरतमंदों की मदद करते हैं।
हाल के वर्षों में, दिवाली उत्सव के पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ी है। लोग अब त्योहार मनाने के लिए पर्यावरण-अनुकूल तरीकों का उपयोग करने के बारे में अधिक जागरूक हैं। पर्यावरण-अनुकूल दिवाली, जिसे "हरित दिवाली" के रूप में भी जाना जाता है, दिवाली त्योहार को मनाने के लिए एक पर्यावरण के प्रति जागरूक दृष्टिकोण है। इसमें पारंपरिक दिवाली प्रथाओं से जुड़े हानिकारक पर्यावरणीय प्रभावों को कम करना शामिल है। बिजली की खपत कम करने के लिए लोग बिजली की रोशनी के बजाय पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों, जैसे मिट्टी के दीये का उपयोग करना चुनते हैं। इसके अतिरिक्त, पर्यावरण-अनुकूल आतिशबाजी, जो कम प्रदूषक और शोर पैदा करती है, लोकप्रियता हासिल कर रही है। प्राकृतिक सामग्रियों और जैविक, बायोडिग्रेडेबल सजावट से बने रंगोली डिज़ाइन एक स्वच्छ और अधिक टिकाऊ उत्सव में योगदान करते हैं। पर्यावरण-अनुकूल दिवाली का उद्देश्य पर्यावरण को संरक्षित करना, वायु और ध्वनि प्रदूषण को कम करना और इस प्रिय त्योहार को मनाने के अधिक जिम्मेदार और सामंजस्यपूर्ण तरीके को बढ़ावा देना है।
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