IAS ऑफिसर्स जो RBI गवर्नर बने हैं

Dec 17, 2018, 19:03 IST

आरबीआई की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल, 1935 को हुई थी और अब तक कुल 25 गवर्नर इस पद को संभाल चुके हैं. क्या आप जानते हैं कि आरबीआई के गवर्नर की नियुक्ति कौन करता है, उसकी चयन प्रक्रिया क्या है और अब तक कितने IAS ऑफिसर्स आरबीआई के गवर्नर रह चुके हैं. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

List of RBI Governors from IAS background
List of RBI Governors from IAS background

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का गवर्नर देश का सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक का अध्यक्ष होता है और आरबीआई की नीतियों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. उनका फैसला न केवल अर्थशास्त्र को प्रभावित करता है बल्कि देश के शेयर बाजार और अंततः लोगों को प्रभावित करने वाली अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करता है. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत की सबसे शक्तिशाली संस्थान में इनके पास निर्णय लेने की पॉवर होती है. यहीं हम आपको बता दें कि आरबीआई के गवर्नर का पद राज्य मंत्री के बराबर होता है. तो ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि आरबीआई के गवर्नर, भारत के केंद्रीय बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक के सबसे वरिष्ठ बैंककर्मी होते हैं.

आरबीआई की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल, 1935 को हुई थी और अब तक कुल 25 गवर्नर इस पद को संभाल चुके हैं. 12 दिसंबर, 2018 को भारतीय रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर के रूप में शक्तिकांत दास ने पदभार संभाल लिया है. वे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के रिटायर्ड अधिकारी हैं. आरबीआई के गवर्नर का कार्यकाल 3 वर्षों का होता है. आरबीआई का कामकाज केंद्रीय निदेशक बोर्ड द्वारा शासित होता है.

यदि आरबीआई के इतिहास पर एक नजर डालें तो यह ज्ञात होता है कि इस केंद्रीय बैंक का आईएएस के साथ एक लंबा सहयोग है. अब तक आरबीआई का नेतृत्व करने वाले 25 गवर्नरों में से 12 IAS या भारतीय सिविल सेवा कैडर से हैं. यदि हम आरबीआई के गवर्नरों का कार्यकाल देखें तो, इसकी नींव के बाद से आरबीआई की अध्यक्षता लगभग 60% IAS या ICS अधिकारियों ने की है. क्या आप जानतें हैं कि ओसबोर्न स्मिथ भारतीय रिजर्व बैंक के पहले गवर्नर और एक पेशेवर बैंकर थे. इनके बाद तकरीबन 8 गवर्नर ICS या IAS अधिकारी रह चुके हैं. निचे दी गई सूची से यह और ज्यादा स्पष्ट हो जाएगा.

RBI गवर्नर का नाम

बैकग्राउंड

कार्यकाल

ओसबोर्न स्मिथ

पेशेवर बैंकर (इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया का नेतृत्व किया था)

1 अप्रैल 1935 - 30 जून 1937

जेम्स ब्रेड टेलर

ICS (भारतीय सिविल सेवा)

1 जुलाई 1937 - 17 फरवरी 1943

सी॰ डी॰ देशमुख

ICS

11 अगस्त 1943 - 30 जून 1949

बेनेगल रामा राव

ICS

1 जुलाई 1949 - 14 जनवरी 1957

के॰ जी॰ अम्बेगाओंकर

ICS (उप राज्यपाल)

14 जनवरी 1957 - 28 फरवरी 1957

एच॰ वी॰ आर॰ आयंगर

ICS (एसबीआई के प्रमुख)

1 मार्च 1957 - 28 फरवरी 1962

पी॰ सी॰ भट्टाचार्य

भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा

1 मार्च 1962 - 30 जून 1967

एल॰ के॰ झा

ICS

1 जुलाई 1967 - 3 मई 1970

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आरबीआई के गवर्नर के रूप में IAS अधिकारियों के इस लंबे कार्यकाल के बाद, अगले दस वर्षों में दो अर्थशास्त्री समेत पृष्ठभूमि के मिश्रण के साथ गवर्नरों को देखा गया. आइये निचे दी गई सूची से ज्ञात करते हैं.

RBI गवर्नर का नाम

बैकग्राउंड

कार्यकाल

बी॰ एन॰ आदरकार

अर्थशास्त्री, उप गवर्नर

4 मई 1970 - 15 जून 1970

एस॰ जगन्नाथन

ICS

16 जून 1970 - 19 मई 1975

एन॰ सी॰ सेनगुप्ता

बैंकिंग के सचिव विभाग

19 मई 1975 - 19 अगस्त 1975

के॰ आर॰ पुरी

एलआईसी के चीफ

20 अगस्त 1975 - 2 मई 1977

एम॰ नरसिम्हन

आरबीआई कैडर

3 मई 1977 - 30 नवम्बर 1977

आई॰ जी॰ पटेल

अर्थशास्त्री

1 दिसम्बर 1977 – 15 सितम्बर 1982

मनमोहन सिंह

अर्थशास्त्री

16 सितम्बर 1982 - 14 जनवरी 1985

ऐ॰ घोष

बैंकर उप राज्यपाल

15 जनवरी 1985 - 4 फ़रवरी 1985

आर॰ एन॰ मल्होत्रा

IAS

4 फ़रवरी 1985 - 22 दिसम्बर 1990

एस॰ वेंकटरमनन

IAS

22 दिसम्बर 1990 - 21 दिसम्बर 1992

उदारीकरण के बाद, भारतीय अर्थव्यवस्था की संरचना में बदलाव शुरू हो गया और कुछ समय बाद, वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ इसका एकीकरण बढ़ गया. आइये निचे दी गई सूची से अध्ययन करते हैं.

RBI गवर्नर का नाम

बैकग्राउंड

कार्यकाल

सी॰ रंगराजन

अर्थशास्त्री, उप गवर्नर

22 दिसम्बर 1992 - 21 नवम्बर 1997

बिमल जालान

अर्थशास्त्री

22 नवम्बर 1997 - 6 सितम्बर2003

वॉय॰ वी॰ रेड्डी

IAS, उप गवर्नर

6 सितम्बर 2003 - 5 सितम्बर 2008

डी॰ सुब्बाराव

IAS

5 सितम्बर 2008 - 4 सितम्बर 2013

रघुराम राजन

अर्थशास्त्री

5 सितम्बर 2013 - 4 सितम्बर 2016

उर्जित पटेल

अर्थशास्त्री, उप राज्यपाल

5 सितम्बर 2016 - 10 दिसंबर 2018

शक्तिकांत दास

IAS

11 दिसंबर 2018 - पदस्थ

शक्तिकांत दास के बारे में:
जैसा कि हम जानते हैं कि श्क्तिकांत दास को भारतीय रिज़र्व बैंक का नया गवर्नर नियुक्त किया गया है. वह 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के IAS अधिकारी हैं. यह वित्त आयोग के भी सदस्य रह चुके हैं. हम आपको बता दें कि उन्होंने इतिहास में स्नात्कोत्तर दिल्ली विश्वविद्यालय से किया था. उन्होंने38 वर्ष का लंबा कार्यकाल केंद्र और राज्य में ज्यादातर आर्थिक एवं वित्त विभाग में काम किया है. उनको पहली बार 2008 में वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था. दिसंबर 2013 में उनको रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में सचिव बनाया गया लेकिन मई 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्हें वापस वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव बनाया गया. फिर सितंबर 2015 में शक्तिकांत दास को आर्थिक मामले विभाग में स्थानांतरित किया गया जहां पर उन्होंने नोटबंदी के वक्त एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 8 केंद्रीय बजट को तैयार करने में अहम भूमिका निभाई. श्री दास ने विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी), न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) और एशियाई इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) में भारत के वैकल्पिक गवर्नर के रूप में भी कार्य किया है. उन्होंने आईएमएफ, जी 20, ब्रिक्स, सार्क इत्यादि जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया है.

क्या आरबीआई का गवर्नर नियुक्त किया जाता है या निर्वाचित?

आरबीआई के गवर्नर को नियुक्त किया जाता है न कि निर्वाचित.

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कौन आरबीआई के गवर्नर को नियुक्त करता है?

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 8 (1) (ए) ने भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर की नियुक्ति को स्पष्ट किया है. इसके अनुसार आरबीआई के बोर्ड में एक गवर्नर और डिप्टी गवर्नर जो कि 4 से अधिक न हो को केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त करती है. हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर को प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा केंद्रीय वित्त मंत्री की सिफारिश पर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा नियुक्त किया जाता है.

क्या आरबीआई के गवर्नर के रूप में नियुक्त होने के लिए कोई आयु मानदंड है?

भारत का कोई भी नागरिक जो 35 साल और उससे अधिक आयु का हो, वह आरबीआई गवर्नर के कार्यालय को आयोजित करने योग्य है:

- वह संसद / राज्य विधानमंडल का सदस्य नहीं होना चाहिए.

- वह लाभ के लिए कोई अन्य कार्यालय काम न करता हो.

वह भत्ते और विशेषाधिकारों का हकदार है जो कि एक प्रांतीय गवर्नर को दिया जाता है. संसद के पास समय-समय पर संबंधित नियमों में बदलाव करने का भी अधिकार है.

आइये अंत में अध्ययन करते हैं कि कितने आरबीआई गवर्नर (1935 से 2018 तक) ICS/IAS कैडर से हैं:

आरबीआई का गवर्नर

बैकग्राउंड

जेम्स ब्रेड टेलर

ICS

सी॰ डी॰ देशमुख

ICS

बेनेगल रामा राव

ICS

के॰ जी॰ अम्बेगाओंकर

ICS

एच॰ वी॰ आर॰ आयंगर

ICS

एल॰ के॰ झा

ICS

एस॰ जगन्नाथन

ICS

आर॰ एन॰ मल्होत्रा

IAS

एस॰ वेंकटरमनन

IAS

वॉय॰ वी॰ रेड्डी

IAS

डी॰ सुब्बाराव

IAS

शक्तिकांत दास

IAS

तो अब आपको ज्ञात हो गया होगा कि आरबीआई का गवर्नर कौन होता है, उसका कार्यकाल कितना होता है, आरबीआई के गवर्नर की नियुक्ति कौन करता है, और अब तक कितने गवर्नर IAS/ICS कैडर के बन चुके हैं, इत्यादि.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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