ऑफिस में कार्य करते समय हमारी कुछ लोगों से गहरी मित्रता हो जाती है. हम उनसे अपनी सारी बातें शेयर करने लगते हैं. हमें ऐसा लगने लगता है कि ये हमारे सुख दुःख के साथी हैं. लेकिन वास्तविकता में ऐसा होता नहीं है. इसलिए हमेशा ऑफिस में अपने सहयोगियों से एक सौहार्दपूर्ण रिश्ता बनाये रखने के लिए इन बातों पर विशेष रूप से गौर करना चाहिए कि अपने साथियों के साथ किस समय,कैसे और कौन सी बातें शेयर करना ठीक रहेगा ?
यह बात तो सर्वविदित है कि एक आम आदमी के जिंदगी का तकरीबन एक-तिहाई हिस्सा ऑफिस में ही गुजरता है. स्वाभाविक है कि ऐसी परिस्थिति में ऑफिस के साथी भी एक अच्छे दोस्त बन जाते हैं. इसमें कोई दो राय नहीं की कुछ हमारे प्रतिस्पर्धी भी बन जाते हैं. यह बात भी सही है कि ऑफिस के साथी अक्सर हमारे सुख-दुख में काम भी आते हैं. हम इनके साथ अपनी कई बातें साझा करते हैं. लेकिन ऑफिस में अपने मित्रों से अच्छा संबंध बनाये रखने के लिए कुछ विशेष बातों पर गौर करना चाहिए. ऑफिस में अपनी एक साफ़ सुथरी छवि बनाने तथा सभी से एक प्रोफेशनल रिश्ता कायम रखने के लिए निम्नांकित बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए -
1. अपनी व्यक्तिगत जानकारी कभी भी शेयर न करें
ऑफिस में हर कोई काम करने आता है और उन्हें आपकी निजी जिंदगी से कोई लेना देना नहीं होता है. अच्छा यही होगा कि आप अपने परिवार या रिश्तों से जुड़ी जानकारी अपने आप तक ही सीमित रखें. इसमें कोई शक नहीं है कि ऑफिस के साथी आपकी घरेलू जिंदगी के बारे में कुछ थोड़ा-बहुत तो जानते ही हैं लेकिन अपनी कुछ अंतरंग बातें जैसे घरेलू या रिलेशनशिप के झगड़े, पैसे से जुड़ी परेशानी या या अन्य दोस्तों से जुड़ी बातों को भी ऑफिस में अपने निकटतम सहयोगियों से कभी भी शेयर करना सही नहीं है. इस बात को अपने जेहन में हमेशा याद रखिए कि जो बात आपके जीवन के लिए बहुत मायने रखती है, वह दूसरों के लिए सिर्फ चर्चा का विषय हो सकती है.
2. अपना वर्क प्रोफाइल तथा ऑर्गेनाइजेशन से जुड़ी शिकायतें
प्रत्येक कार्यालय में कर्मचारी को कंपनी या उसके काम से कुछ न कुछ शिकायत तो रहती ही है.इन छोटी-मोटी समस्याओं को साथियों के साथ बात करके उसका समाधान किया जा सकता हैं. हालांकि अगर आप कंपनी या काम से बहुत असंतुष्ट हैं तो साथियों से इस बारे में बात करने के बजाय अपनी बात को सही तरीके से उचित अधिकारियों तक पहुंचाने का प्रयास करें.बार-बार किसी बात की शिकायत करना आपके नुख्स निकालने तथा परिस्थितियों के साथ समझौता नहीं कर पाने वाले चरित्र को इंगित करता है,जिससे आपके सहयोगियों के मन में आपके प्रति कुछ सवाल उठाना लाजिमी है. इससे उनके मन में आपकी एक नकारत्मक छवि बन सकती है.
3. अन्य सहकर्मियों के विषय में अपनी व्यक्तिगत धारणा
वस्तुतः यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है कि जब भी दो लोग एक दूसरे से बातचीत कर रहे होते हैं उनकी चर्चा का विषय हमेशा एक तीसरा व्यक्ति होता है.इस बात को हमेशा अपने दिमाग में बनाए रखिये कि अगर कोई सहकर्मी आपसे किसी दूसरे सहकर्मी के बारे में बात या उसकी आलोचना कर रहा है,तो यह शत प्रतिशत संभव है कि वह आपके बारे में भी ऐसा ही करता होगा. किसी के भी समक्ष अपने सहकर्मी के बारे में किसी भी तरह की नकारात्मक राय जताने से बचें क्योंकि बाद में इससे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.अगर ऑफिस में किसी के काम या व्यवहार से आपको समस्या है,तो इस बात को किसी अन्य सहयोगी से कहने की बजाय अपने मैनेजर से कहना ज्यादा उपयोगी होगा.
4. अपने सोशल बैकग्राउंड तथा नेटवर्क के बारे में
ये तो सभी को पता है कि आजकल जमाना सोशल नेटवर्किंग का है और संभव है कि आपकी ऑनलाइन गतिविधियां आपके ऑफिस में चर्चा का विषय बन जाये.आजकल जमाना सोशल नेटवर्किंग का है और आपकी ऑनलाइन गतिविधियों का ऑफिस में चर्चा का विषय बनना कोई बड़ी बात नहीं है. अपनी सोशल नेटवर्किंग लाइफ को अपनी प्रोफेशनल लाइफ से सदा अलग रखें. आपके स्टेटस या ब्लॉग पर आपके विचार से लोग ऑफिस में आपके बारे में बहुत कुछ धारणा बना सकते हैं. ऑफिस या काम से जुड़ी बात तो सोशल नेटवर्क पर बिल्कुल भी शेयर न करें और यदि संभव हो तो ऑफिस के सहकर्मियों को सोशल नेटवर्क पर दोस्त नहीं बनायें.
5.अपनी आमदनी और खर्च
ये अलग बात है कि लगभग हर कंपनी अपने कर्मचारियों को अपना सैलरी बताने से मना करती है. लेकिन हमेशा लोगों को एक दूसरे की सैलरी के बारे में पता चल ही जाता है. कभी भी स्पष्ट रूप से अपनी सैलरी, आमदनी तथा खर्चे के विषय में बात नहीं करनी चाहिए.इसके अतिरिक्त अपनी अतिरिक्त गतिविधियों जैसे आपने इस हफ्ते कितने पैसे की मार्केटिंग की तथा अपनी छुट्टियाँ किन जगहों पर बिताई इसकी चर्चा हरगिज नहीं करनी चाहिए.
6. मौज मस्ती में बिताए गए पल
ऑफिस में अक्सर ऐसा होता है कि एक सहकर्मी अपने किसी खास सहकर्मी से बहुत ख़ुशी के साथ तथा मजाकिया लहजा में यह बताते हैं कि कल तो मैंने इतनी पी ली थी कि पूछो मत. एक बात हमेशा ध्यान रखिये कि आपके सहकर्मी भले ही आपकी पिछली रात या सप्ताहांत की मस्ती और आज के हैंगओवर की कहानी सुनकर मजे लेते हों लेकिन पीठ पीछे वे इसकी आलोचना करते हैं.इससे आपकी छवि धूमिल होती है. आपके इस व्यवहार से आप पर आपके साथी भरोसा करना छोड़ देते हैं तथा आपकी प्रोफेशनल इमेज भी इससे प्रभावित होती है.
7. अपनी पसंद या नापसंद के बारे में
अगर आप अपने ऑफिस में किसी को बहुत पसंद करते हैं या किसी को बिलकुल पसंद नहीं करते हैं. इसकी चर्चा कत्तई नहीं करें. अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे आपकी छवि तो बिगड़ती ही है आप जिसकी चर्चा कर रहे होते हैं वो व्यक्ति भी बिना किसी गलती के आपकी इस हरकत से प्रभावित होता है. ये बातें सिर्फ चर्चा का विषय बन सकती हैं.
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