10वीं की परीक्षा को करियर का पथ प्रदर्शक माना जाता है. 10वीं क्लास के बाद ही छात्र साइंस स्ट्रेम में चले जाते है जहाँ उनको फिजिक्स जैसे सब्जेक्ट को काफी डिटेल में पढ़ना होता है. क्लास 11 और क्लास 12 में पढ़ी गई फिजिक्स का आगे कि पढाई में काफी इम्पोर्टेंस होता है . छात्र चाहे मेडिकल में अपना करियर बनाना चाहे या फिर इंजीनियरिंग में, दोनों ही कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस पास करना होगा और इन दोनो के एग्जाम में फिजिक्स अनिवार्य है.
बहुत सारे छात्र ये समझते है कि किसी तरह बोर्ड कि परीक्षा पास कर लो फिर देखा जाएगा. फिजिक्स जैसे सब्जेक्ट को पढने के लिए आपको कुछ चीज़ों का ज्ञान होना बहुत ज़रूरी है. अगर आप इन बातों या टिप्स को जानेंगे तो आपको फिजिक्स में नंबर प्राप्त करना बहुत ही आसान होगा फिर चाहे बोर्ड एग्जाम हो या एंट्रेंस एग्जाम हो
नोट: अक्सर छात्रों को लगता है कि अगर मुझे फिजिक्स के फोर्मुले याद हो जाएं तो हम सरे सवाल का जवाब लिख लेंगे. हम आपको बता दें कि ऐसा सोचना बिलकुल गलत है.
हम सब जानते है कि गणित जैसे सब्जेक्ट में लगभग पूरा पेपर न्यूमेरिकल बेस्ड होता है मगर फिजिक्स ऐसा सब्जेक्ट है जहाँ थिअरी और न्यूमेरिकल दोनों ही तरह के सवाल होते हैं, इसलिए इसमें छात्रों को अधिक से अधिक स्कोर करने का मौका मिलता है.
इसकी तैयारी में जरूरी है कि परीक्षार्थी सबसे पहले थिअरी पैर अच्छी पकड़ बनाएं क्योंकि फोर्मुले कुछ अलग से नही आते. आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि फोर्मुले थिअरी का ही संचेप्त रूप होते है
उदाहरण: अगर हम न्यूटन के द्वितीय नियम कि बात करें तो उसका फार्मूला यह होता है :
मगर हमको ये जानकारी होने चाहिए कि यह फार्मूला जिस थ्योरी पैर बेस्ड है उसको जान्ने के बाद आपको इस फोर्मुले को याद नही करना पड़ेगा
न्यूटन के द्वितीय नियम: न्यूटन के गति का द्वितीय नियम बताता हे की वस्तू का संवेग के परिवर्तन का दर लागू हुए बल के दिशा में असंतुलित बल से समानुपाती होता है|
इस थ्योरी में संवेग P है जिसको हम द्रव्यमान (m) और गति (v) को गुणा करके प्राप्त कर सकते है
उपर्युक्त उदाहरण से हमने थ्योरी कि महत्त्वता को जाना.
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यूनिट और इकाई पर खास तवज्जो दें:
अक्सर छात्र पूरा सवाल सही हल करने के बाद इकाई और यूनिट को गलत लिख देते है. फिजिक्स सब्जेक्ट को स्टार्ट करते वक्त आप SI और CGS यूनिट को खास तवज्जो दें. कई बार ये छोटी छोटी लापरवाही बाद में बड़ी गलतिओं का रूप लेलेती हैं. यहाँ हम कुछ यूनिट्स के बारे में बात करेंगे और समझने कि कोशिश करेंगे कि न चाहते हुए भी गलती कैसे होजाती है
S.I. के संपूरक मूल मात्रक
समतल कोण | रेडियन | rad |
घन कोण | स्टेरेडियन | sr |
S.I. के कुछ पुराने मात्रकों के नए नाम और संकेत
चाहे जितनी तैयारी कर लो, अगर इन बातों का ध्यान नहीं रखा तो परीक्षा में सफल होना लगभग नामुमकिन है
खास टिप्स :
1. किसी भी टॉपिक को कॉन्सेप्ट के साथ पढ़ें. इससे उसे याद रखने में आसानी होगी.
2. सही फॉर्म्युला और सही सब्स्टिट्यूशन आपको पूरे मार्क्स दिला सकते हैं.
3.फिजिक्स को रियल लाइफ से जोड़कर पढ़ें
4. डायग्राम्स की बेहतर प्रस्तुति, सही वर्णन और साफ-सुथरी हैंड राइटिंग भी स्कोर दिलाने में सहायक होती है.
5. लिख-लिख कर याद करने व अभ्यास करने की आदत जरूर होनी चाहिए. आम तौर पर लिखा हुए परीक्षा के दौरान याद आ ही जाता है.
6. आखिर के 10 मिनट अपनी आंसर शीट चेक करने में लगाएं. कहीं भूलवश कुछ गलत न लिख दिया हो या कुछ छूट न गया हो, यह देख लें.
7. जहां जरूरी हो SI और CGS यूनिट्स का जिक्र कर दें और की-वर्ड्स रेखांकित कर दें.
इन चैप्टर्स पर ख़ास ध्यान दें :
• इलेक्ट्रिसिटी
• मैकेनिक्स
• फोर्स
• स्पेक्ट्रम
• चुम्बकत्त्व
• हाउसहोल्ड सर्किट
• रीफ्रैक्शन और
• थर्मियॉनिक एमिशन
• कैलोरिमेट्री
• करंट इलेक्ट्रिसिटी
• मशींस और वर्क पावर एनर्जी
• साउंड
• लेंस
• रेडियोऐक्टिविटी
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यहाँ हमने कुछ इम्पोर्टेन्ट टॉपिक्स के बारे में बताया है. इसके अलावा और बहुत से टॉपिक्स भी है जिनको पढ़ना भी अनिवार्य है
पेपर और सब्जेक्ट के बारे में
कुल चैप्टर- 15
कुल मार्क्स- 70
पढ़ने के लिए समय- 15 मिनट
लिखने के लिए समय- 120 मिनट (10 मिनट आखिर में पेपर जांचने के लिए रखें)
कुल प्रश्नों कि संख्या : 26
पेपर में कुल पांच (5) सेक्शन होते हैं
निष्कर्ष:
उपर्युक्त बतेगाए मन्त्रों को अपनाने के बाद आपकी तेयारी काफी अच्छी हो जाएगी. मगर इस तेयारी को एग्जाम आने तक बनाए रखना भी बहुत ज़रूरी है. इसके लिए सभी टॉपिक्स का विस्तृत रिविजन करना बेहद जरूरी है. हमारी सलाह है कि एक बार छात्र पिछले सालों के पेपर लिखकर हल अवश्य करें.
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