अब इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं जैसे JEE Main, JEE Advanced, UPSEE, WBJEE, VITEEE, SRMJEEE में केवल कुछ ही महीने शेष रह गए हैं. विद्यार्थियों ने सभी विषयों का अधिकतर सिलेबस पढ़ लिया है. अब समय आ गया है कि विद्यार्थी अपने स्ट्रोंग और कमज़ोर टॉपिक्स या चैप्टर्स का विश्लेषण करें, किंतु अधिकतर विद्यार्थी इसे करने की विधि को लेकर कन्फ्यूज्ड रहते हैं.
आज हम इस लेख में आपको SWOT एनालिसिस के बारे में बताएँगे जो आपको अपने स्ट्रोंग और कमज़ोर टॉपिक्स या चैप्टर्स का विश्लेषण करने में सहायता करेगा. SWOT एनालिसिस में S का अर्थ ताकत (strength) होता है, W का अर्थ कमजोरियाँ (weaknesses) होता है, O का अर्थ अवसर (opportunity) होता है और O का अर्थ थ्रेट (threat) होता है.
आईए विस्तार से पढ़ते हैं इस विधि के बारे में:
1. Strengths:
इसमें हम तीनों विषयों अर्थात् भौतिक विज्ञान (Physics), रासायनिक विज्ञान (Chemistry) और गणित ( Mathematics) के ऐसे टॉपिक्स या अध्याय शामिल करते हैं जो हमें बहुत ही आसान लगते हैं. हमें विश्वास होता है कि हम इन टॉपिक्स या चैप्टर्स में से आये किसी भी प्रश्न को हल करने में 100 प्रतिशत कामयाब होंगे.
जानिए वे कौन सी बातें हैं जो विद्यार्थियों को IIT JEE की परीक्षा की तैयारी के दौरान भ्रमित करती हैं
2. Weaknesses:
इसमें हम तीनों विषयों के ऐसे टॉपिक्स या अध्याय शामिल करते हैं जिनमें हमें पूर्ण विश्वास नहीं होता कि इन टॉपिक्स या चैप्टर्स में से आये सभी प्रश्नों को हल कर पाएंगे.
3. Opportunities:
कभी-कभी कुछ ऐसे टॉपिक्स या चैप्टर्स होते हैं जिसके प्रश्न हम हल तो कर लेते हैं, किंतु हमें पूरा भरोसा नहीं होता कि हमने उन प्रश्नों को 100 प्रतिशत सही हल किया है.
4. Threats:
हर विषय में कुछ ऐसे टॉपिक्स भी होते हैं, जिन्हें समझने में विद्यार्थियों को बड़ी कठिनाई होती है. उन टॉपिक्स के किसी भी प्रश्न को विद्यार्थी हल नहीं कर पाते.
अब हम जानते हैं कि कैसे हम SWOT एनालिसिस को उपयोग कर सकते हैं?
सबसे पहले विद्यार्थियों को JEE Main के पैटर्न पर आधारित mock टेस्ट या प्रैक्टिस पेपर को निर्धारित टाइम लिमिट में अटेम्पट करना चाहिए. टेस्ट अटेम्पट करने के विद्यार्थी को निम्नलिखित बातों के बारे में पता चल जाएगा.
1. कुछ टॉपिक्स के प्रश्न ऐसे होंगे जिन्हें आपने बढ़ी ही आसानी से हल कर लिया होगा. इन टॉपिक्स को आप अपनी Strength मान सकते हैं.
2. कुछ ऐसे टॉपिक्स के प्रश्न आये होंगे जिन्हें आपने हल तो कर लिया होगा, किंतु आप 100% कॉंफिडेंट नहीं होंगे कि आपने सभी प्रश्न सही हल किये हैं. इन टॉपिक्स को आप Opportunity मान सकते हैं. जिस पर अगर आप थोड़ी और मेहनत करेंगे तो ये सभी टॉपिक्स आपकी Strength बन जाएँगे.
3. अब उस टेस्ट में कुछ प्रश्न ऐसे भी होंगे जिनको आप हल कर पाने में सफल नहीं हुए होंगे. इन टॉपिक्स को आप अपनी Weakness और Threat मान सकते हैं. हम सभी जानते हैं कि JEE की परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग होती है जिससे ऐसे टॉपिक जो आपकी weakness हैं वो threat में बदल सकते हैं. और परीक्षा में आपके मार्क्स कम हो सकते हैं.
JEE Main 2018 की तैयारी के दौरान विद्यार्थी अपने द्वारा पढ़े गए चैप्टर्स को तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं.
वर्ग–1: चैप्टर्स जिनकी तैयारी अच्छी नहीं हुई है
वर्ग–2: चैप्टर्स जिनकी तैयारी ठीक-ठीक हुई है
वर्ग–3: चैप्टर्स जिनकी तैयारी बहुत ही अच्छी हुई है
विद्यार्थियों को वर्ग–1 के चैप्टर्स को वर्ग–2 के चैप्टर्स में और वर्ग–2 के चैप्टर्स को वर्ग–3 के चैप्टर्स में बदलने का प्रयास हमेशा करते रहना चाहिए. विद्यार्थी अपने आप को प्रोत्साहित करने के लिए ईनाम या पुरस्कार भी दे सकते हैं.
निष्कर्ष:
इस लेख में दिये गए SWOT एनालिसिस का उपयोग कर विद्यार्थी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं जैसे JEE Main, JEE Advanced, UPSEE, WBJEE, VITEEE, SRMJEEE में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.
JEE Main, UPSEE, WBJEE जैसी परीक्षाओं में अगर लानी है अच्छी रैंक, तो भूल कर भी नहीं करें ये गलतियाँ
Comments
All Comments (0)
Join the conversation