Positive India: बुंदेलखंड के छोटे से गाँव के रहने वाले प्रदीप तीसरे प्रयास में UPSC परीक्षा पास कर बनें IAS
उत्तर प्रदेश के प्रदीप कुमार द्विवेदी बुंदेलखंड के एक किसान के बेटे हैं। उन्हें UPSC परीक्षा के दूसरे प्रयास में भी सफलता मिली थी परन्तु अच्छी रैंक ना मिलने के कारण उन्होंने एक बार और प्रयास करने का मन बनाया और UPSC सिविल सेवा 2019 की परीक्षा में 74वी रैंक हासिल की।

उत्तर प्रदेश के प्रदीप कुमार द्विवेदी की UPSC में सफलता कई मायनों में अनोखी है। वह UP के पिछड़े इलाके से आते हैं और एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर है। आपको यह जान कर हैरानी होगी कि प्रदीप ने अपनी UPSC की सभी परीक्षा अंग्रेजी माध्यम से लिखी परन्तु उनका ऑप्शनल विषय हिंदी साहित्य था। आइये जानते हैं IAS प्रदीप कुमार द्विवेदी के तैयारी के सफर के बारे में:
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बुंदेलखंड के पिछड़े गाँव से आते हैं प्रदीप
प्रदीप कुमार द्विवेदी का जन्म बुंदेलखंड के छोटे से गांव बारीगढ़ में हुआ था और उनके पिता किसान थे। प्रदीप की शुरुआती शिक्षा गाँव से हुई और 12वीं के बाद वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए भोपाल चले गए। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने के बाद उन्हें बिजली विभाग में नौकरी मिल गई और नौकरी के दौरान ही उन्होंने यूपीएससी में जाने का मन बनाया।
दूसरे ही प्रयास में मिली थी सफलता परन्तु नहीं मिली थी अच्छी रैंक
प्रदीप बताते हैं कि UPSC की तैयारी शुरू करने से पहले ही तय कर लिया था कि वह सिर्फ दो बार यूपीएससी की परीक्षा में हिस्सा लेंगे। अगर उन्हें दो बार में सफलता नहीं मिलेगी तो वह इस सफर को आगे नहीं बढ़ाएंगे। पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली.परन्तु दूसरे प्रयास में उनका सिलेक्शन हो गया। हालांकि उनकी रैंक 491 थी जिसकी वजह से उन्हें आईएएस का पद नहीं मिला। ऐसे में उन्होंने एक बार और प्रयास करने का मन बनाया।
तीसरे प्रयास में बनें IAS
कामयाबी के करीब पहुंचने के बाद प्रदीप ने अपने ही बनाए फैसले के विरुद्ध जा कर तीसरा प्रयास किया। हालांकि इस उन्होंने दोगुना मेहनत से तैयारी की और उनकी मेहनत रंग लाई। UPSC सिविल सेवा 2019 की परीक्षा में प्रदीप कुमार ने 74वीं रैंक हासिल की थी।
प्रदीप कहते हैं कि तैयारी के लिए एनसीईआरटी किताबें बुनियाद की तरह हैं। उनका मानना है कि मेंस और पीटी एक दूसरे से जुड़े हैं लिहाजा तैयारी की शुरुआत मेंस यानी मुख्य परीक्षा को ध्यान मे रखकर की जानी चाहिए। वे परीक्षा की तैयारी के लिए वैकल्पिक विषय के चुनाव को बेहद अहम मानते हैं, जिसका फैसला एनसीआरईटी की किताबें पढ़ने के बाद अपनी दिलचस्पी को देखते हुए करें।
UPSC के उम्मीदवारों को देते हैं यह सलाह
UPSC की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स को प्रदीप सेल्फ स्टडी पर फोकस करने की सलाह देते हैं। उनका मानना है कि अगर आप ऐसी जगह पर हैं जहां कोचिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं है तो आप इंटरनेट का सहारा ले सकते हैं। इंटरनेट पर काफी स्टडी मटेरियल उपलब्ध है जिसकी मदद से आप सेल्फ स्टडी कर सकते हैं। प्रदीप ने यूपीएससी के लिए कोचिंग नहीं ज्वॉइन की थी और सेल्फ स्टडी के सहारे ही दो बार परीक्षा में सफलता प्राप्त की।
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